CM : सिंगरौली । पूर्व कि सरकारों की तरह मोहन सरकार में भी दलाली, भ्रष्टाचार और वसूली से आरटीओ ऑफिस अछूता नहीं रहा. कारण है कि क्योंकि आरटीओ अफसर ही इस भ्रष्टाचार की ‘इमारत’ को खोखला करने में लगे हुए हैं. इनकी छत्रछाया में ही यह भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है. आरटीओ में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं। वसूली के लिए जबलपुर से चौधरी बाकायदा ऑफिस के अंदर कुर्सियों में बैठकर काम कर रहा हैं जिन्हें लोग पहचानते ही नहीं हैं. इन चौधरी को साहब ने अपनी भ्रष्टाचार की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए बैठा रखा है। चौधरी के बिना इजाजत के मजाल क्या की कोई फाइल आगे बढ़ सके।
बता दें कि आरटीओ दफ्तर के विभिन्न विभागों की जांच पड़ताल की गई तो सच सामने आया. यहां सभी विभागों के सरकारी कर्मचारी जबलपुर से आए चौधरी को रिपोर्टिंग करते पाए गए। चौधरी बाकायदा कुसिर्यों में सरकारी कर्मचारी की तरह काम निपटाते नजर आया. इस चौधरी का लेखा जोखा किसी अधिकारी के पास नहीं है. इनके बारे में पता करने पर कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं हुआ. सूत्रों का दावा है कि चौधरी आरटीओ दफ्तर में आने के बाद साहब के चेंबर में ही फाइलों को चेक करता है और उस काम की एवज में कितने पैसे वसूलना है रेट फिक्स करता है। चौधरी का काम साहब के लिए वसूली करते हुए हिसाब किताब कर उन तक पहुंचना है। CM
चौधरी अवैध वसूली में लिखेंगा नया इतिहास
जबलपुर से आएं चौधरी अवैध वसूली में जिले में एक नया इतिहास लिख रहा है। हमारे सूत्र ने बताया कि इन लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, फिटनेस, परमिट कराने के लिए एजेन्टों, दलालों से मिलकर वाहन चालक और मोटर मालिक काम करते थे जिसे सभी अवैध वसूली करते थे लेकिन अब वसूली का एक बड़ा हिस्सा चौधरी को भी जाता है लिहाजा अब इन सभी कामों के लिए लोगों को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि जिले में जबलपुर से आकर कार्यालय में अवैध वसूली करने वाले इस चौधरी पर नकेल कसने की कोई हिमाकत क्यों नहीं कर पा रहा। CM
एंटी करप्शन ब्यूरो ही लगा सकता है लगाम
सूत्रों का दावा है कि पिछले 3 साल से जबलपुर से आए चौधरी ने डीएल बनवाने, रिनीवल करवाने, गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर, लाइसेंस, फिटनेस, परमिट आदि काम में जमकर अवैध वसूली की हैं। आरोप लग रहा था कि चौधरी विभाग में सरकारी बाबूओं की तरह काम करते हैं और सुविधा शुल्क किसके इशारे पर वसूली कर रहा है। क्या यह परिवहन अधिकारी का गुर्गा है या फिर किसी मंत्री का है। हालांकि चर्चा है कि चौधरी की इस अवैध वसूली पर एंटी करप्शन ब्यूरो ही लगाम लगा सकता है। CM