आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले को लेकर मध्यप्रदेश में इस समय जमकर राजनीति घमासान शुरू है। कांग्रेस ने ताबड़तोड़ तबादलों पर सरकार को घेरते हुए वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का आरोप लगाया हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तो बीते दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से कई सवाल किए।
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने IAS और IPS अधिकारियों के पदस्थापना में भ्रष्टाचार के आरोप लगाया, वहीं पार्टी के अधिकृत एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर सिंगरौली कलेक्टर की पदस्थापना में छह करोड़ रुपये के लेन-देन, हवाला और अवैध वसूली का आरोप लगाया। जीतू पटवारी के आरोप को लेकर बीजेपी युवा मोर्चा की कार्यकारिणी के सदस्य कपिल शर्मा की शिकायत पर क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज की गई। इसमें आरोप लगाया गया है कि भाजपा और मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के लिए भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किया जा रहा है।
शर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रोफाइल संचालनकर्ता द्वारा भ्रामक एवं आपत्तिजनक वीडियो अपलोड कर एवं असत्य व तथ्यहीन सामग्री देकर भाजपा और मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
जानिए क्या हैं आरोप :
बता दें कि 7 अक्टूबर 2024 को EOW में एक शिकायत दर्ज कराई गई। इस शिकायत में पीड़ित ने बताया कि, कैसे रेत ठेकेदार, उनके दलाल और जीएम ने उसके साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की। 16 पन्नों की शिकायत में पीड़ित ने हवाला से भोपाल में पैसे ट्रांसफर कराने की बात कही है साथ ही कहा कि मेरे पास पुख्ता सबूत हैं । आरोप है कि, मनपसंद कलेक्टर के तबादले – पदस्थापना को लेकर करोड़ों रुपए की मांग की गई थी। शिकायतकर्ता ने EOW से की गई शिकायत में आरोपियों के नाम, पता और गाड़ी नंबर समेत व्हाट्स ऐप पर किये गए चैट्स का स्क्रीन शॉर्ट भी है। जिसमें फिल्मी अंदाज में कोड बर्ड में बात की जा रही है और आईएएस ट्रांसफर की लिस्ट शेयर की जा रही है।
शिकायत के कई अहम बिंदु :
शिकायतकर्ता ने शिकायत में लिखा कि पिछले दो तीन वर्षो से काम के सिलसिले में रमेश राय जिसका पता-हाउस नं.ए-145 इमराल्ड पार्क सिटी द्वारा एमस के पीछे रहता है जिसकी गाड़ी नंबर-टोयेटा इनोवा MP07-BA-2645 & टोयेटा फार्च्यूनर MP05-NY-0003 है इनका मो.नं. 9425494030, 9981865086, 9685592018 और कई बार मुलाकात भी हुई 2024 बातचीत मार्च 2024 में इन्होने हमसे कहा कि हम सिंगरौली जिला के लिये अपना कलेक्टर लेकर जा रहे है और उसमें जो राशि लगेगी वो हमे लगानी है इस सिलसिले में हमारी बातचीत भोपाल से लेकर दिल्ली तक हो चुकी है। उसके बाद 15 मार्च 2024 की रात में इन्होन मेरे को कलेक्टरों की ट्रांसफर लिस्ट वास्ट्स करी और रात के 12:38 मिनट पर वाटसअप पर काल किया कि अपना काम हो गया है और साहब का नाम आप लिस्ट में देख सकते हो। इस काम में 6 करोड़ रूपये का लेनदेन हुआ है उसमें से 3 करोड़ करोड़ रूपये हमने भुगतान कर दिया है और शेष राशि का भुगतान करने के लिये समय दिया गया है। सिंगरौली पहुंचकर ही वहां पर व्यवस्था बन पायेगी। आप लोगों को वहां पर काम करना है तो हमारे साथ चलों।
दिनांक 19.03.2024 को सिंगरौली पहुंचे वहां मेरे साथ धर्मेन्द्र सिंह, और उमेश सिंह भी मौजूद थे हम लोगों रीवा से गाड़ी में सिगरौली (बैढ़न) बुलाया गया वहां पर होटल उदिका पैलेस के रूम नंबर-102 में रूकवाया गया। दोपहर दो बजे के लगभग रमेश राय हमसे मिलने के लिये आये और बोलने लगे कि मैं जहां भी कलेक्टर साहब के साथ रुका हुआ हूं वहां पर अच्छा नहीं लग रहा है। मैं इसी होटल में आप लोगों के साथ शिफ्ट हो जाता हूं। फिर रमेश राय ने कहा कि जो शेष राशि बची हुई है उसका भी भुगतान करना बहुत जरूरी है अन्यथा साहब का ट्रांसफर आर्डर निरस्त हो जायेगा। आप लोग कैसे भी करके तीन करोड़ की व्यवस्था करें हमने कहा कि हम तो यहां पर काम करने के लिये आये है तो रमेश राय का कहना था कि जब साहब नहीं रहेगें तो काम कैसे हो पायेगा। इसके लिये प्रयास किया गया। जिन-जिन लोगों से भी बातचीत की गई सब लोगों का कहना था कि हम लोगों को आप जब तब कलेक्टर साहब से नहीं मिलवाओगे तब तक हम कुछ नहीं कर पायेगें। जब यह बाते रमेश राय को बताई गई तो उसका यह कहना था कि जिसको भी मिलना है वह हमसे आकर मिले साहब से मिलने का कोई भी मतलब नहीं है। सबकुछ हमको ही देखना है।
शिकायतकर्ता ने लिखा कि बहुत प्रयास करने के बावजूद भी जब व्यवस्था नहीं बन पाई तब रमेश राय ने कुछ तिकड़म करके सहकार ग्लोबल कंपनी जो वहां पर रेत का काम कर रही थी उसमें छापा डलवाया ओर 15 तारीख से लेकर 20 तारीख के बीच में सिंगरौली जिले की भरसड़ी खदान पर छापा डलवाया। इसके बाद सी.जी.एम. उत्तम शर्मा को बोला कि जो भी आपके उपर अवैध उत्खनन की पेनालटी लगाई जानी है उससे अगर आपको बचना है तो भोपाल जाकर मीटिंग करें। रमेश राय ने मुझसे कहा कि आप भोपाल निकल जाओं उत्तम शर्मा जो कंपनी के सी.जी.एम. है वो भोपाल में आपसे मिलने के लिये आयेगें। उनके कहे अनुसार मैं भोपाल के लिये रवाना हो गया। दिनांक 23 मार्च 2024 को मेरे को उत्तम शर्मा ने सम्पर्क किया कि मैं भोपाल आ गया हूं और डी.बी. माल में मेरियट होटल में रूका हुआ हूं तो मैं यह बात रमेश राय को बताई तो उसने कहा कि आप परेशान मत हो मैं भी भोपाल आ चुका हूं। 11 बजे होटल में मिलते है। होटल में बैठक, होने के बाद यह निर्णय निकला कि कंपनी दो करोड़ रूपये अवैध उत्खनन की पैनाल्टी से बचने के लिये देगी और इसके अलावा एक करोड़ रूपये प्रति माह सिंगरौली जिला और इतना ही शहडोल जिले का देगी। बात होने के बाद उत्तम शर्मा ने कहा कि हम पैसा सिंगरौली में साहब से मिलने के बाद देगें। इस बात पर सभी लोग सहमत हो गये और दो दिन के बाद हम लोग सिंगरौली के लिये खाना हो गये।
दिनांक 28 मार्च 2024 को हम लोग सिंगरौली पहुंचे वहां पर उत्तम शर्मा से मुलाकात हुई उसके बाद रमेश राय उत्तम शर्मा को लेकर साहब से मिलवाने के लिये ले गया। जब उत्तम शर्मा साहब से मिलने के बाद संतुष्ट हुआ तो उसने बोला कि लोक सभा चुनाव चल रहे है और बहुत सख्ती है पैसे का लेनदेन किस प्रकार होगा। रमेश राय का कहना था कि पैसे को भोपाल पहुंचाना अतिआवश्यक है। फिर यह तय हुआ कि 50 लाख रूपये रमेश राय नगद लेकर सिंगरौली से भोपाल के लिये खाना हुए और मेरे को सिंगरौली में रोक दिया गया कि बाकी पैसा का लेनदेन आप करवाकर तब वापस आयेगें। मैंने रमेश राय से कहा कि हमारे काम का क्या होगा तो रमेश राय ने मेरे से कहा कि आप उतना धूप में और गर्मी में खदान पर मेहनत करोगें इससे बढ़िया आप यहां पर होटल के अन्दर आराम से रहो और कंपनी से पैसा लेकर भोपाल भेजते रहिये इसके एवज में मैं आपको पूरे पैसे का दस प्रतिशत हिस्सा दूंगा। रमेश राय के जाने के बाद मैने उत्तमशर्मा से बाकी पैसों के लिये कहा तो उत्तम शर्मा का यह कहना था कि सिंगरौली से हवाला नहीं हो पायेगा हवाला शहडोल से हो पायेगा। यह बात मैने रमेश राय को बताई तो रमेश राय का कहना है कि आप कहीं से भी कराए परन्तु भोपाल में पैसा पहुंचना चाहिये। इसके बाद शहडोल से उत्तम शर्माके द्वारा राशि का हवाला किया गया वह पैसा भोपाल में रमेश राय के द्वारा प्राप्त किया गया। जब यह बापस भोपाल से सिंगरौली पहुंचे तो हम सब लोग वहीं पर थे।
रमेश राय ने कहा कि मैं एक बार साहब से मिल लेता हूं फिर अपने आगे की कार्यवाही करते है। वो गाड़ी से उमेश सिंह को लेकर चले गये। शाम को लगभग 5:00 बजे ये दोनों वापस आये। रमेश राय ने मेरे से कहा कि धर्मेन्द्र सिंह का एक आर्डियों रिकॉर्डिंग साहब के पास पहुंच चुका है और उसमें उन्होंने पूरा का पूरा अपना काम और लेनदेन सब ओपन कर दिया है और साहब ने यहां से वापस जाने के लिये कह दिया है। अगले दिन सुबह रमेश राय ने धर्मेन्द्र सिंह एवं उमेश सिंह को खाना कर दिया और मुझे कहा आप वेटकरो मैं साहब से आज्ञा लेकर आता हूं। फिर शाम को 6:30 बजे करीब वापस आये और मुझसे कहा कि हम लोग शहडोल चल रहे है क्योंकि यहां से कोई ट्रेन नहीं है। यहां पर सब अपना खत्म हो गया आप शहडोल जाने के लिये उत्तम शर्मा से कंपनी की गाड़ी मांग लीजिए। फिर हम रात ही शहडोल जाने के लिये खाना हो गये। शहडोल सुबह पहुंचने के बाद में रमेश राय ने कंपनी के 40 लाख रूपये और मंगवाये बोला कि जो यहां पर हमारा कमेंटमेंट था उसको तो पूरा करना है। और यह 11:00 बजे करीब मेरे को साथ लेकर निकले और मुझे स्टेशन पर छोड़ दिया। मुझसे कहा कि मैं रायपुर जा रहा हूं और कंपनी की गाड़ी यही छोड़ जाऊंगा। इसके बाद 20 जुलाई के आसपास मेरे को पता लगा कि सिंगरौली व शहडोल में काम चल रहा है और रमेश राय, उमेश सिंह, उत्तम शर्मा सी.जी.एम. मिलकर कर रहे है।
इस संबंध में जब भी मैने रमेश राय से बात करना चाहा तो वह हमेशा टालता रहा। और जब मैंने कुछ कठोरता से बात करना चाहता तो उसने मेरे को धमकी दी कि इस व्यक्ति से मेरे को मेरे पूरे परिवार को जान का खतरा बना हुआ है। और अभी तक मेरे उपर कहीं पर भी किसी भी प्रकार का कोई कैंस नहीं है मगर मुझे लगता है कि इस आवेदन के बाद यह व्यक्ति और इसके दोनों साथ मेरे उपर कहीं से भी झूठा कैंस लगवा सकते है। और बाकी के पूरे सबूत इस आवेदन केसाथ संलग्न कर रहे हैं। मुझे बार-बार मुख्यमंत्री निवास, मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों के नाम पर धमकी दी जा रही है बातचीत तथा हवाला के पैसे के लेनदेन का विस्तृत कागजात संलग्न है। रमेश राय और उत्तम शर्मा की पूरी सम्पत्तियों की जांच की जाये।
इस तरह EOW को की गई शिकायत कई सवाल खड़े करती है। इन आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो अभी अधिकारी पता लगा रहे हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि, आखिर भोपोल में हवाला का पैसा किसे ट्रांसफर किए जाने की बात की जा रही थी। करोड़ों रुपए की लेनदेन को लेकर कलेक्टर की पदस्थापना के आदेश बेहद गंभीर है। सरकार को निष्पक्षता से जांच करवाने के बाद इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।वायरल पत्र की सत्यता की पुष्टि विन्ध्य न्यूज़ नहीं करता है।