Singrauli News सिंगरौली। मरीजों को समय से अस्पताल पहुंचाकर जिदगी बचाने के लिए आई एंबुलेंस बिना मरीज बैठाए ही गांव व अस्पताल का चक्कर लगाना ड्राइवरों की मजबूरी बन गई है। ऐसे में जिला चिकित्सालय के एंबुलेंस वाहन चालक अपनी मांगो को लेकर हड़ताल पर चले गए। जिले के 21 एम्बुलेंस वाहन चालक व स्टाप के अन्य 70 लोग एनसीएल मैदान बिलौजी में वाहन खड़ा कर जेएसएसई प्रोजेक्ट कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
काम बंद हड़ताल करने वाले वाहन चालकों का आरोप है कि जननी एम्बुलेंस एएलएस एंबुलेंस व बीएलएस एम्बुलेंस वाहन को फर्जी केस में प्रतिदिन 350 किलोमीटर चलाने का कंपनी के अधिकारियों द्वारा दबाव दिया जाता है। वहीं एंबुलेंस वाहन का मेंटिनेन्स एएमटी के अलावा जो भी मेंटेनेंस का खर्च होता है तो एम्बुलेंस कम्पनी के द्वारा चालक के जेब से देने को कहा जाता है। ड्राइवर ने बताया कि एंबुलेंस संचालन के जिम्मेदार बिना मरीज के अधिक फेरे लगाने को कहते हैं ताकि ज्यादा भुगतान हो सकें। ड्राइवर ने आरोप लगाया है कि पुराने इएमटी पायलट को निकालकर नये ईएमटी पायलट को बाहर से बुलाया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाया जा सके। ड्राइवर ने कई एंबुलेंस संचालक पर कई आरोप लगाते हुए अपनी मांग रखी है।
ड्राइवर लव कुश दुवे ने कहा कि रविंद्र खरे ने जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए मारपीट की है। उन्होंने ड्राइवरों को निर्देश दिए हैं कि मरीज मिले या ना मिले हर हाल में प्रतिदिन एंबुलेंस 350 किलोमीटर चलनी चाहिए। जब एम्बुलेंस कम चलती है तो उनके द्वारा न केवल जाति सूचक शब्दों का उपयोग किया जाता बल्कि उनके साथ मारपीट की भी की जाती है। इतना ही नहीं एंबुलेंस का कोई मेंटेनेंस नहीं किया जाता जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है। ऐसे म अब ड्राइवरों ने एंबुलेंस संचालक के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए हड़ताल पर चले गए हैं।