Singrauli News : सिंगरौली . प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग के नियम-कायदे सिंगरौली जिले में बिल्कुल नहीं चलते हैं। शिक्षा विभाग में दशकों से अटैचमेंट के नाम पर नया खेल बड़ी तेजी से चल रहा है। लोक शिक्षण आयुक्त ने भले ही शिक्षकों के अटैचमेंट को खत्म करते हुए मूल पद स्थापना के कार्य के लिए मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है लेकिन यहां के जिम्मेदार मनमानी करने पर उतारू है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की शिक्षा भगवान भरोसे चल रही है। तो वही डीईओ शिक्षकों के अटैचमेंट में गैर जिम्मेदाराना बयान दें रहें हैं।
गौरतलब है कि लोक शिक्षण संचालनालय का स्पष्ट आदेश है कि किसी शिक्षक से गैर शिक्षकीय कार्य नहीं कराया जाए। लोक शिक्षण संचालक शिल्पी गुप्ता ने एक आदेश जारी कर प्रदेश के सभी कलेक्टरों और मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा है कि अगर शिक्षक किसी दूसरे स्कूल या अन्य विभाग में अटैच हैं तो उन्हें तत्काल उनकी मूल संस्थाओं में भेजा जाए। लेकिन रोक के बावजूद भी दो दर्जन से अधिक लोग अटैचमेंट के नाम पर कलेक्ट्रेट डीईओ कार्यालय,डीपीसी कार्यालय, ब्लॉक कार्यालय में मलाईदार कुर्सी में जमे हुए हैं। वहीं डीईओ एसबी सिंह से जिले में अन्य विभागों में अटैचमेंट शिक्षकों की जानकारी पूछी गई तो उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि कितने शिक्षक अटैच है मुझे नहीं मालूम। मैंने शिक्षकों को अटैच नहीं किया है कलेक्टर ने किया है वही जानकारी दे पाएंगे। Singrauli News
हर साल अटैचमेंट समाप्त के आदेश
वर्ष में कई बार लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा आदेश जारी कर अटैचमेंट समाप्त करने की बात कही जाती है। स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी शिक्षकों से कोई भी गैर शिक्षकीय कार्य न कराने के पत्र जारी कर देते हैं। बावजूद इसके शिक्षकों के अटैचमेंट बना रहता है। कभी एक स्कूल से दूसरे स्कूल में तो कभी अपने चहेते अधिकारियों के ऑफिस में अटैचमेंट करा ही लेते हैं। शिक्षक अवैध कमाई करने और आराम के लिए हर एक आदेश को ठेंगा दिखा देते हैं और अपने मनमुताबिक नौकरी बजाते हैं। Singrauli News
लम्बें समय से चल रहा अटैचमेंट का खेल
जिले में शिक्षकों के अटैचमेंट का खेल कोई नया नहीं बल्कि लंबे समय से चल रहा है। कभी अधिकारी अपने काम की सुविधा के लिए शिक्षकों को अटैच कर लेते हैं तो कभी शिक्षक स्वयं मलाईदार कुर्सी के लिए, स्कूल न जाना पड़े, इसलिए ले देकर अपना अटैचमेंट अपने घर के पास या किसी कार्यालय में करा लेते हैं। सूत्रों का दावा है कि कलेक्ट्रेट, डीपीसी और डीईओ कार्यालय में अटैचमेंट शिक्षक जमकर अवैध वसूली करते हैं। Singrauli News