सिंगरौली। पुलिस और बिचौलियों की मिली भगत से चल रहे अवैध वसूली का खेल कोई नया नहीं है। हाल ही में 6 करोड रुपए लेनदेन के मामले से प्रदेश भर की राजनीतिक गरमाई हुई है। इस बीच सिंगरौली एसपी निवेदिता गुप्ता के तबादले के कई मायने निकाले जा रहे हैं। वहीं चर्चा है कि वसूली और स्थानीय नेताओं से सही तालमेल नहीं बनाने की शिकायत होने के बाद सीएम मोहन यादव ने एसपी निवेदिता गुप्ता का तबादला कर दिया है। सूत्रों की मानें तो जिले में आरक्षकों और प्रधान आरक्षकों से अवैध वसूली मामले की शिकायत सीएम तक पहुंची थी। इसके बाद बड़ा एक्शन हुआ।
दरअसल डीजल कबाड़, कोयला और रेत के लिए हमेशा से बदनाम रहा है। अब ऊर्जाधानी के ब्लैक डायमंड और रेत के कारोबार पर राजधानी की भी नजर टिक गई है। प्रदेश स्तर के कारोबारी और राजनेताओं के दखल के बाद ब्लैक डायमंड से जुड़े कारोबारियों की धड़कन भी बढ़ गई है। इस बीच मोहन यादव ने सिंगरौली एसपी निवेदिता गुप्ता का तबादला किया तो जितने मुंह उतनी बातें होने लगी है। कोई कोई तबादले के पीछे स्थानीय नेताओं को जिम्मेदार ठहरा रहा है तो कोई कारोबार से जुड़े लोगों को बता रहा है।
चर्चा है कि पिछले दिनों एसपी ने कोयला, कबाड़, डीजल और शराब कारोबारी के खिलाफ सख्ती की थी। लेकिन इस मामले में सीनियर अफसर को भरोसे में नहीं लिया गया। इसके अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों से तालमेल में कमी और नाराजगी भी रहीं। सूत्रों की माने तो एसपी पर आरक्षकों और प्रधान आरक्षकों के जरिए पुलिस की मुखबिरी करने और कोयला कारोबारियों से एक मामले में बात इतनी बिगड़ी की भोपाल तक शिकायत पहुंच गई।
पुलिस की मुखबिरी कराना पड़ा भारी ?
बताया जा रहा है कि एसपी निवेदिता गुप्ता के स्थानीय नेताओं सहित विभागीय प्रभारियों से तालमेल सही नहीं था। भाजपा के प्रदेश लेवल के नेता और सिंगरौली एसपी का विवाद भी उनमें से एक है। वहीं चर्चा है कि खनन माफियाओं के खिलाफ पुख्ता सबूत होने के बाद भी कार्यवाही नहीं होना प्रमुख बजह माना जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि जिले में एसपी के संरक्षण में आरक्षक और प्रधान आरक्षक थाना प्रभारियों पर अपना रौब दिखा देते थें। लिहाजा सीआईडी ने भी जिले के हालातो का सही ब्रीफ करना एसपी के तबादले की प्रमुख वजह मानी जा रहा हैं।
प्रदेश स्तर का नेता मोरवा में डाला ढेरा
कोयले के कारोबार में पैसा बहुत है यह सभी समझ रहे हैं लेकिन कोयले के कालिख में दाग भी लगते हैं। हालांकि कोयला कारोबार के लिए एक शख्स मोरवा के एक होटल में कुंडली मारकर बैठ गया है। और खुद को प्रदेश स्तर से जुड़े नेताओं का करीबी बता कर कोयले का काला साम्राज्य खड़ा करने की जुगत में है।कोयले के कारोबार में कमाई कोई करें लेकिन खामियां सत्ता दल पार्टी को उठानी पड़ती है।