वैज्ञानिकों ने अविश्वसनीय व अकल्पनीय कारनामा कर डाला है ! जीवित रोबोट’ (Living Robots) बनाने वाले अमेरिकी दुनिया का पहला जीवित रोबोट ‘जेनोबोट्स’ (Xenobots) बनाने वाले वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि 1 मिलीमीटर का रोबोट अब प्रजनन कर बच्चे भी पैदा कर सकेगा।
बच्चे पैदा करना एक ऐसा काम है जो दो (नर व मादा) लोगों के संबंध बनाने से होता है हालांकि दुनिया में कुछ प्रजातियां ऐसी भी हैं जिन्हे बच्चे पैदा करने के लिए किसी नर या साथी की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन अब तो जाने अमेरिकी वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने दुनिया का पहला ‘जीवित रोबोट’ (Living Robots) बनाया है जो रोबोट प्रजनन भी कर सकते हैं. ‘जीवित रोबोट’ को ज़ेनोबोट्स (Xenobots) के नाम से जाना जाता है. वैज्ञानिकों ने अफ्रीकी मेंढकों के स्टेम कोशिकाओं (Frog Stem Cells) का उपयोग करके दुनिया का पहला ‘जीवित, स्व-उपचार’ रोबोट बनाया है।
वैज्ञानिकों का दावा अविश्वसनीय,अकल्पनीय
एक समाचार चैनल की रिपोर्ट में एक वैज्ञानिक अध्ययन के हवाले से अविश्वसनीय और अकल्पनीय ऐसा दावा किया गया है। जीवित रोबोट को जेनोबोट्स के नाम से भी जाना जाता है। ज़ेनोबोट्स को पहली बार 2020 में सामने लाया गया था. इनका साइज बेहद छोटा है. तब प्रयोगों से पता चला था कि वे (‘जीवित रोबोट’) चल सकते हैं, समूहों में एक साथ काम कर सकते हैं, स्वयं को ठीक (स्व-उपचार) भी कर सकते हैं और भोजन के बिना हफ्तों तक जीवित रह सकते हैं. इस जेनोबोट्स (Xenobots) को वर्मोंट विश्वविद्यालय (University of Vermont), टफ्ट्स विश्वविद्यालय (Tufts University) और हार्वर्ड विश्वविद्यालय (Harvard University) के वायस इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल इंस्पायर्ड इंजीनियरिंग में विकसित किया है
कैसे बना है जीवित रोबोट
इन रोबोट्स का आकार एक मिलीमीटर से भी कम होता है। वैज्ञानिकों ने इसे अफ्रीकी क्लाउड मेंढक (वैज्ञानिक नाम जेनोपस लाविस) की स्टेम कोशिकाओं से निर्मित किया गया है। यह रोबोट Xenobot बायोलॉजिकल रोबोट का अपडेटेड वर्जन है, जिसका पिछले साल अनावरण किया गया था। यह बहुत छोटा रोबोट एक साथ कई काम कर सकता है। कहा जाता था कि यह रोबोट कई एकल कोशिकाओं को मिलाकर अपना ‘शरीर’ बना सकता है।
मेढ़क की कोशिकाओं से बना रोबोट
विशेषज्ञों के अनुसार मेंढक की कोशिकाएं इंसानों की तरह ही शरीर का निर्माण करती हैं। वे एक प्रणाली के रूप में कार्य करती हैं। ज़ेनोबॉट्स बनाने के लिए, वैज्ञानिक मेंढक के भ्रूण से जीवित स्टेम सेल निकालते हैं और उन्हें गर्भ में रखते हैं। कंप्यूटर विज्ञान और रोबोटिक्स के प्रोफेसर जोश बोंगार्ड ने कहा, “ज्यादातर लोग सोचते हैं कि रोबोट धातु और सिरेमिक से बने होते हैं, लेकिन यह सब कुछ नहीं है। यह रोबोट आनुवंशिक रूप से संशोधित मेंढक कोशिकाओं से बना एक प्राणी है।”जेनोबोट्स में कोई पाचन तंत्र या न्यूरॉन्स नहीं होते हैं, और लगभग दो सप्ताह के बाद स्वाभाविक रूप से अलग हो जाते हैं।