Monkeypox Virus: मंकीपॉक्स 1958 में सबसे पहले बंदरों में देखा गया था। 1970 में इंसानों में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। अब मंकीपॉक्स Monkeypox संक्रमण की उत्पत्ति का कारण और इससे जुड़े प्रभाव को बेहतर तरीक से जानने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनइजेशन काम कर रहा है.
Monkeypox Virus Cases: Corona-omicron दुनिया भर के देशो को घुटनों में लाकर खड़ा कर दिया है कई देशों की आज भी अर्थ व्यवस्था पटरी पर नहीं आई हैं इस बीच बड़ी खवर आ रही है की अब मंकीपॉक्स वायरस ने दस्तक दे दी हैं.कई देसो में मंकीपॉक्स वायरस Monkeypox Virus के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 देशों में इस वायरस के 80 मामलों की पुष्टि की है. इस संक्रमण की उत्पत्ति का कारण और इससे जुड़े प्रभाव को बेहतर तरीक से जानने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनइजेशन काम कर रहा है.
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जिनेवा: मंकीपॉक्स वायरस Monkeypox Virus के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बात की पुष्टि की है कि 11 देशों में Monkeypox Virus वायरस के 80 केस मिले हैं. इस संक्रमण की उत्पत्ति का कारण और इससे जुड़े प्रभाव को बेहतर तरीक से जानने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनइजेशन काम कर रहा है.
शुक्रवार को जारी एक बयान में डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘वायरस स्थानीय स्तर का है, जो कुछ देशों के जानवरों में मौजूद है। इससे स्थानीय लोगों और यात्रियों में इसका प्रकोप देखा जा रहा है’
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डब्ल्यूएचओ और उसके सहयोगियों ने कहा कि, हम मंकीपॉक्स Monkeypox Virus के ट्रांसमिशन और प्रभाव क्षेत्र के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं. कुछ देशों की पशु आबादी में यह वायरस एक स्थानिक बीमारी है. हाल ही में 11 देशों में इसके असामान्य मामले सामने आए हैं और ये सभी मामले गैर स्थानिक बीमारी वाले देशों में सामने आए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि, अब तक करीब 80 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 50 पेंडिंग केस की जांच जारी है. इसके अलावा सर्विलांस बढ़ाने पर ये मामले बढ़ सकते हैं. संगठन ने कहा, ‘रोग निगरानी का विस्तार करने के लिए स्थानिक देशों में चल रहे प्रकोप की स्थिति पर अपडेट प्राप्त करना जारी है।’ मंकीपॉक्स Monkeypox Virus कोरोना वायरस से अलग तरह से फैलता है। यह एक वायरल जूनोसिस (जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होने वाला वायरस) है। जिसमें चेचक जैसे लक्षण होते हैं।
भारत में भी अलर्ट
एनसीडीसी और आईसीएमआर को अलर्ट जारी करते हुए केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स Monkeypox Virus की स्थिति पर कड़ी नजर रखने और लक्षण वाले यात्रियों के नूमने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एयरपोर्ट और बंदरगाह के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
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भारत में भी केंद्र सरकार मंकीपॉक्स वायरस से सावधान हो गई है। समाचार एजेंसी ने एएनआई के सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्र ने एनसीडीसी और आईसीएमआर को विदेशों में मंकीपॉक्स की स्थिति पर कड़ी नजर रखने और संक्रमित प्रभावित देशों के संदिग्ध बीमार यात्रियों के नमूने आगे की जांच के लिए एनआईवी, पुणे भेजने का निर्देश दिया है।
WHO ने बताया की मंकीपॉक्स Monkeypox Virus मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है. यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था.बंदरो से यह संक्रमण इंसानों में आई है और अब कई देशों को अपने चपेट में ले रहा हैं. मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज हुआ था. .यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और गांठ के जरिये उभरता है और इससे कई प्रकार की चिकित्सा समस्याएं शुरु हो सकती हैं. रोग के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखते हैं, जो अपने आप दूर होते चले जाते हैं.