The GST Council meeting may decide – नई दिल्ली, अगले सप्ताह होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में सोना या दूसरे कीमती रत्नों के लिए ई-वे बिल को अनिवार्य बनाने की बात पर मुहर लग सकती है. इसके साथ ही इस बैठक में बिटकॉइन और इसके जैसी दूसरी क्रिप्टो करेंसीज को भी जीएसटी के दायरे में लाने की बात पर फैसला लिया जा सकता है. GST
28 और 29 जून को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में 2 लाख रुपये या इससे अधिक कीमत वाले सोने अथवा कीमती रत्नों को व्यावसायिक उद्देश्य से राज्य के अंदर ही एक शहर से दूसरे शहर ले जाने के लिए ई-वे बिल की अनिवार्यता पर चर्चा होने वाली है. इसके साथ ही इस बैठक में कुछ बी-2-बी ट्रांजैक्शंस के लिए भी ई-इनवॉयसिंग को अनिवार्य किए जाने की बात पर विचार किया जा सकता है. GST
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जानकारों के मुताबिक सोना और कीमती रत्नों के लिए ई-वे बिल को अनिवार्य किए जाने के संबंध में राज्यों के वित्त मंत्रियों के पैनल की रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल के पास आ चुकी है. पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य सरकारों को सोना या कीमती रत्नों को व्यवसायिक दृष्टिकोण से एक शहर से दूसरे शहर ले जाने के लिए ई-वे बिल को लागू करने का फैसला लेने की इजाजत मिलनी चाहिए पैनल ने अपनी रिपोर्ट में ई-वे बिल की अनिवार्यता लागू करने के लिए न्यूनतम सीमा दो लाख रुपये तय करने की सिफारिश की है. GST
राज्यों के वित्त मंत्रियों के इस पैनल में इसके साथ ही हर साल 20 करोड़ रुपये या इससे अधिक के टर्नओवर वाले बी-2-बी ट्रांजैक्शंस के लिए ई-इनवॉयसिंग को अनिवार्य करने की भी सिफारिश की है. मौजूदा व्यवस्था में 50 करोड़ या इससे ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारियों पर ही बी-2-बी ट्रांजैक्शंस के लिए ई-इनवॉयस जेनरेट करने की बाध्यता है. लेकिन राज्यों के वित्त मंत्रियों के पैनल ने इस सीमा को 50 करोड़ रुपये से घटाकर 20 करोड़ रुपये करने की सिफारिश की है. GST
अगले सप्ताह जीएसटी काउंसिल की बैठक में बिटकॉइन और इसके जैसी दूसरी क्रिप्टो करेंसीज को भी जीएसटी के दायरे में लाने के प्रस्ताव पर फैसला लिया जा सकता है. माना जा रहा है कि क्रिप्टो करेंसी की लेनदेन को जीएसटी के सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब यानी 28 प्रतिशत के दायरे में रखने की बात को लेकर फैसला हो सकता है. GST
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आपको बता दें कि इस साल फरवरी में बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स और हर ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का ऐलान किया था. क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स नए वित्त वर्ष के पहले दिन यानी 1 अप्रैल से ही शुरू हो चुका है, जबकि हर ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का टीडीएस लगाने का नियम अगले महीने की शुरुआत यानी 1 जुलाई से लागू होगा. GST
बताया जा रहा है कि क्रिप्टो करेंसी की लेनदेन को लेकर भारत सरकार की अभी तक कोई स्पष्ट नीति नहीं है। केंद्र सरकार ने काफी पहले ही क्रिप्टो करेंसी के संबंध में संसद में एक विधेयक पेश करने का ऐलान किया था. लेकिन अलग-अलग वजहों से ये विधेयक अभी तक संसद में पेश नहीं किया जा सका है. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर क्रिप्टो करेंसी को जीएसटी के दायरे में ले आया जाए, तो उससे होने वाले लेनदेन को काफी हद तक रेगुलेट किया जा सकता है. GST