Lokayukta Trapped : भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगाने के लिए ना केवल लोकायुक्त की टीम बल्कि ईओडब्ल्यू की टीम भी एक्शन मोड में आ गई है.
Lokayukta Trapped : रिश्वतखोरी की शिकायत मिलने के बाद जबलपुर स्थित हिरन सिंचाई डिवीजन पचपेढ़ी में पदस्थ ऑडिटर को राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की टीम ने आडिटर संदीप मस्के को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है. जिसके बाद रिश्वतखोर ऑडिटर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी.
बता दें कि इस कार्यवाही की भनक जैसे ही आरोपी ऑडिटर को लगी तो वह है घबरा गया वही जब उसे पता चला की कार्यवाही लोकायुक्त ने नहीं बल्कि ईओडब्ल्यू ने की है तो उसके होश फाख्ता हो गए वह काफी देर बाद सामान हो पाया इस दौरान वह लगातार ईओडब्ल्यू की टीम को अपनी सफाई देता रहा लेकिन जब टीम ने हाथ धुलवा है. Lokayukta Trapped
तो उसके हाथ गुलाबी हो गए जहां तत्काल आरोपी पर मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है.आडिटर संदीप मस्के के ईओडब्ल्यू के हत्थे चढऩे की खबर के बाद विभाग के अधिकारी व कर्मचारी पहुंच गए. जिनके बीच तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त रही. Lokayukta Trapped
इस संबंध में ईओडब्ल्यू एसपी देवेन्द्र प्रताप सिंह राजपूत ने बताया कि आवेदक ठेकेदार नरेन्द्र सिंह परिहार ने अपनी सुरक्षा निधि 12 लाख रुपए वापस करने के लिए पचपेढ़ी स्थित हिरन सिंचाई विभाग में आवेदन दिया. उक्त राशि निकालने के लिए आडिटर संदीप मस्के ने 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगी. जिसकी शिकायत पीड़ित नरेन्द्र सिंह परिहार ने ईओडब्ल्यू आफिस पहुंचकर एसपी देवेन्द्रसिंह राजपूत से शिकायत की. Lokayukta Trapped
शिकायत मिलने के बाद आज नरेन्द्र सिंह पचपेढ़ी स्थित हिरन डिवीजन के लेखाकक्ष में पहुंचा. जहां पर नरेन्द्र ने आडिटर संदीप मस्के को 15 हजार रुपए की रिश्वत दी. ईओडब्ल्यू टीम इंस्टेक्टर सुश्री शशिकला मस्कूले, मोमेंद्र मर्सकोले, एसआई गोविन्द यादव, फरजाना परवीन ने दबिश देकर आडिटर संदीप मस्के को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. Lokayukta Trapped
संदीप मस्के के ईओडब्ल्यू टीम के हत्थे चढऩे की खबर आफिस में आग की तरह फैल गई. जिसमें भी आडिटर संदीप मस्के के पकड़े जाने की खबर सुनी तो स्तब्य रह गया. कार्यवाही की सूचना ईओडब्ल्यू टीम में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भेजते हुए जांच में जुट गई. Lokayukta Trapped
Bhopal : लोकायुक्त ने विद्युत यांत्रिकी कोलार में पदस्थ प्रभारी को 40 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा
Bhopal : कार्यपालन यंत्री विद्युत यांत्रिकी कोलार कार्यालय में पदस्थ प्रभारी विद्युत यांत्रिकी जी के पिल्लई को रिश्वत लेते पकड़ा है, जी के पिल्लई आवेदक से उसकी मृतक माँ के जीपीएफ और अन्य लाभों के भुगतान के लिए रिश्वत की मांग की थी.
Bhopal : भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर ऊपर लोकायुक्त टीम आए दिन कार्यवाही कर रही है बावजूद इसके भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी अपनी रिश्वतखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं.
अब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लोकायुक्त ने कार्यपालन यंत्री विद्युत यांत्रिकी कोलार कार्यालय में पदस्थ प्रभारी विद्युत यांत्रिकी जी के पिल्लई को रिश्वत लेते पकड़ा है, जी के पिल्लई आवेदक से उसकी मृतक माँ के जीपीएफ और अन्य लाभों के भुगतान के लिए 40 हजार रिश्वत ले रहा था. Lokayukta Trapped
मिली जानकारी के अनुसार आवेदक सिद्धार्थ सक्सेना निवासी जवाहर चौक भोपाल द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल को 20 सितंबर को लिखित शिकायत की गई कि उसकी मां नीना सक्सेना जो कार्यालय कार्यपालन यंत्री विद्युत यांत्रिकी कोलार रोड भोपाल में ट्रेसर के पद पर पदस्थ थी. Lokayukta Trapped
जिनकी मौत पिछले जून माह में हो गया है. जिसके बाद आवेदक अपनी दिवंगत मार के जीपीएफ और अन्य लाभों के भुगतान के लिए आवेदन किया तो विद्युत यांत्रिकी कोलार रोड में पदस्थ स्थापना प्रभारी जीके पिल्लई रिश्वत की मांग कर रहे हैं. Lokayukta Trapped
पीड़ित ने बताया है कि उसकी मां ने सर्विस रिकॉर्ड में आवेदक को ही नॉमिनी बनाया है। जब आवेदक ने अपनी स्वर्गीय मां के जीपीएफ और अन्य लाभों के भुगतान के लिए कार्यालय कार्यपालन यंत्री विद्युत यांत्रिकी कोलार रोड भोपाल में आवेदन किया तो वहां पदस्थ स्थापना प्रभारी जी. के. पिल्लई उसे कई महीने दफ्तर के चक्कर कटवाए और फिर बाद में भुगतान के बदले में आवेदक से 40000 रुपए रिश्वत की मांग की. Lokayukta Trapped
आवेदक की उक्त शिकायत का सत्यापन कराया गया जो सही पाई गई। जिसके बाद गुरुवार को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल के निर्देशन में 10 सदस्यीय ट्रैप दल नियुक्त करते हुए रिश्वतखोर स्थापना प्रभारी को पकड़ने के लिए योजना बनाई जहां बनाई गई योजना के मुताबिक आवेदक Lokayukta Trapped
एम. पी. नगर में मिलन रेस्टोरेंट में आरोपी जी के पिल्लई, स्थापना प्रभारी, कार्यालय कार्यपालन यंत्री, विद्युत/ यांत्रिकी जल संसाधन विभाग कोलार रोड भोपाल को 40000 रुपए की रिश्वत दी. स्थापना प्रभारी ने आवेदक से जैसे ही रिश्वत की राशि हाथों में पकड़ा तो पहले से तैयार लोकायुक्त टीम ने उसे रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है. Lokayukta Trapped