Coal mining: सिंगरौली में कोयले का अपार भंडार है यहां कोयले का गोरख धंधा आए दिन चर्चा में रहता है । कोयले के इस खेल में हजारों लोग जुड़े हैं यह पूरा कारोबार 2 तरीके से चल रहा है जिसे इस अवैध धंधे से लगे लोग योजनाबद्ध(planned) तरीके से अंजाम देते हैं जिसे एनसीएल कर्मचारी अधिकारी ट्रांसपोर्ट आरपीएफ (Officer Transport RPF)शामिल है.जिसे सत्ता से जुड़े कई लोगों का समर्थन भी प्राप्त होता है। अब तक कोयला चोरी में कई मजदूरों की जान भी जा चुकी है।
Coal mining : सिंगरौली जिले में अवैध खनन को लेकर एक बार फिर चर्चा में है यहां आरपीएफ अधिकारियों और कोयला से जुड़े माफिया(mafia) कोयला चोरी का नया तरीका इजाद किए हैं यहां कोयला में मिलावट कर चोरी की घटना को अंजाम दिया जाता है सिंगरौली जिला इन दिनों अवैध कोयला का कुटीर उद्योग(cottage industry of illegal coal) बन गया है यहां का कोयला मध्य प्रदेश सहित उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ पहुंच रहा है और वहां माफिया मनमाफिक ऊंचे दामों पर बेचकर मोटी कमाई करते हैं इस अवैध कमाई में सब का रेट फिक्स हैं.
Coal mining – बता देगी सिंगरौली में बरसों से कोयला का अवैध धंधा बदस्तूर चला रहा है कोयले का पूरा खेल दो चरणों में होता है पहले चरण में चालू खनन क्षेत्रों से गिरोह के सदस्य कोयला को एक स्थान पर एकत्रित करते हैं जहां गिरोह के दूसरे सदस्य कोयला को एक निश्चित स्थान पर एकत्रित कोयले को साइकल या मोटरसाइकिल पर लोड कर माफिया के स्टाक तक पहुंचाते हैं. जहां से गिरोह का संचालक कोयले को ऊंचे दामों पर बेचने के लिए उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ ले जाते हैं.इस अवैध कारोबार से हजारों लोग जुड़े है और इसमें राजनेताओं से लेकर पुलिस की भी मिलीभगत की बात सामने आती है। इसके बावजूद यह धंधा वर्षों से जारी है.Coal mining
दो तरह से होती है कोयले की चोरी .Coal mining
जिले में या तो खदानों से कोयला की चोरी हो रही है इसमें माफिया साइकिल और मोटरसाइकिल से खदानों से कोयला चोरी करवा कर इकट्ठा करते हैं जबकि दूसरे तरीके से बात करें तो माफिया रेलवे विभाग से सांठगांठ कर रेलवे कॉलेयर्ड में पहुंचने से पहले ही कोयले की चोरी हो जाती है जहां उस छोरी को छिपाने के लिए कोयला से जुड़े लोग उसमें मिट्टी, स्टोन डस्ट या फिर मुरूम मिलाकर पानी से मिक्स करते हैं जिससे मिट्टी भी कोयले की तरह ही दिखने लगता है और वजन भी बढ़ जाता है. माफिया से जुड़े लोग कोयले की चोरी को छुपाने के लिए आरपीएफ के अधिकारी पूरी सुरक्षा देते हैं.
बनारस और उत्तर प्रदेश पहुंच रहा चोरी का कोयला.Coal mining
ब्लैक डायमंड कोयला माफिया से जुड़े लोग चोरी के कोयले को ट्रकों पर लोड कर इस बनारस और उत्तर प्रदेश की मंडी में भेजते हैं और मनमाफिक पैसा वसूलते हैं राज्य से बाहर अवैध कोयला को वैध तरीके से भेजने के लिए कोयला माफिया फर्जी चालान भी तैयार करते हैं या फिर एक ही चलाएं से कई वाहन अवैध तरीके से भेजे जाते हैं पिछले दिनों मोरवा पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह को पकड़ा था. सूत्र बताते हैं कि कोयला के इस खेल में एनसीएल के कर्मचारी अधिकारी, आरपीएफ अधिकारी और माफिया से जुड़े लोग खूब मोटी कमाई कर रहे हैं इस पूरे खेल के पीछे राजनीतिक संरक्षण भी बताया जा रहा है.Coal mining