Graduate Chaiwali: इन दिनों पटना की एक चायवाली काफी सुर्खियों में है. प्रियंका गुप्ता नाम की ये लड़की बीएचयू से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट है, लेकिन ग्रेजुएशन के बाद भी प्रियंका को जब नौकरी नही मिली तो उसने जिस काम को अपना प्रोफेशन चुना है उसने उसे सुर्खियों में ला खड़ा किया है.प्रियंका ने दोस्तों की मदद से पटना के वीमेंस कॉलेज के पास टी स्टॉल लगाकर छात्रों और आम लोगों को चाय पिला रही हैं।
प्रियंका की चाय की महक पटना की गलियों में घुल रही है। पटना के वीमेंस कॉलेज के पास लगने वाला एक टी स्टॉल लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. वजह भी खास है. क्योंकि इसे कोई लड़का नहीं चला रहा बल्कि एक लड़की चला रही है. पूर्णिया की रहने वाली प्रियंका गुप्ता ने इसे हाल ही में शुरू किया है. प्रियंका ने चाय स्टॉल पर बेहद ठेठ अंदाज में पंचलाइन लिखी है, ‘पीना ही पड़ेगा’ और ‘सोच मत…चालू कर दे बस’। महिला कॉलेज के पास टी स्टॉल होने की वजह से लड़कियां प्रियंका की चाय पीने चली आती हैं. प्रियंका की चाय स्टाल में 10,15 और 20 रुपए की अलग-अलग फ्लेवर की चाय मिलती है।
ग्रेजुएट लड़की बनी चायवाली
प्रियंका के लिए ये काम आसान नहीं था. चाय की दुकान लगाने से पहले प्रियंका ग्रेजुएशन के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थीं लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। फिर प्रियंका प्राइवेट नौकरी की तलाश में शहर से शहर भटकती रहीं, लेकिन दुर्भाग्य से वहां भी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया.इस बीच उनकी नजर चाय बेचने वाले प्रफुल्ल बिलौर के एक वीडियो पर पड़ी. प्रियंका ने सोचा कि जहां एमबीए की पढ़ाई करके लोग चावला बना सकते हैं, वहीं ग्रेजुएशन के बाद चायवाली क्यों नहीं बन सकते।
10 दिन में चल निकली दुकान
ग्रेजुएट प्रियंका को चाय का स्टॉल लगाते हुए बामुश्किल 10 दिन ही हुए हैं लेकिन चाय की बिक्री में बेतहाशा तेजी आ गई। छात्र,बूढ़े से लेकर महिलाएं भी चाय की चुस्की लेते दिखाई दे रहे हैं चाय की बढ़ती बिक्री को देखते हुए अब प्रियंका दुकान का दूसरा देने की योजना बना रही है वह हर दिन नई स्ट्रेटजी बना रही है।
परिवार वालों को अभी तक नहीं की जानकारी
प्रियंका के चायवाली बनने का फैसला करने के बाद प्रियंका ने सबसे पहले पटना के चाय बाजार का सर्वे किया और पता किया कि लोग किस तरह की चाय पसंद करते हैं? चाय बेचने की क्या लोकेशन होनी चाहिए । एक दिन में चाय से कितनी इनकम होगी ? इसमें कितना इन्वेस्टमेंट होगा। इसके बाद प्रियंका ने कर्ज के लिए बैंक का दरवाजा खटखटाया। प्रियंका को बैंक से सिर्फ 50,000 का कर्ज चाहिए था। लेकिन बैंक ने मना कर दिया। प्रियंका बाद में अपने दोस्तों की मदद से पैसे जुटाकर अपने मिशन में शामिल हुईं। हालांकि इस बारे में प्रियंका ने अभी तक अपने परिवार को पूरी जानकारी नहीं दी है।