भोपाल । चौथी बार मध्यप्रदेश की बागडोर संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार जरूरत मंदो के लिए सौंगात दे रहे है। अब राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में गठित स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को 300 करोड़ रुपये का बैंक ऋण वितरित करेंगे। कुछ जिलों के स्व सहायता समूह के सदस्यों के साथ वर्चुअल संवाद भी करेंगे । कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में 8 फरवरी को सुबह 10:30 बजे होने वाले इस वर्चुअल कार्यक्रम में सभी जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर समूह के सदस्यों को अलग-अलग वर्चुअल मीडिया से जोड़ा जाएगा। इस दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल भी मौजूद रहेंगे.
बता दे कि मध्य प्रदेश में अब तक 40 लाख से अधिक ग्रामीण गरीब परिवारों को बैंक ऋण के रूप में रुपये के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। कोरोना काल में ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए लॉकडाउन के समय से लगातार वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित कर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है. राशि प्राप्त करने से उनकी वर्तमान आजीविका और मजबूत होगी और उनकी आय में वृद्धि होगी, जिससे उनकी समृद्धि के द्वार खुलेंगे और उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होगा। और गरीब भी मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि स्व सहायता समूह राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली गरीब परिवारों की महिला सदस्यों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण किया जा रहा है. आमतौर पर यह देखा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बैंकिंग सेवा प्रक्रियाओं में प्रलेखन और अन्य औपचारिकताओं की कठिनाई के कारण पात्र होने के बावजूद विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित हैं। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए, राज्य सरकार (एमपी सरकार) ने बैंकों के साथ व्यापक समन्वय करके स्व सहायता समूहों को पर्याप्त बैंक ऋण प्रदान करने का निर्णय लिया है। सीएम समाज के गरीब असहाय वर्गों के लिए नई सौगातें दे रहे हैं।
बैंक लोन केस सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों को प्रस्तुत करने के साथ गहन निगरानी और पारदर्शी प्रक्रिया बनाई गई है। बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए, मिशन ने बैंक शाखाओं में बैंक सखियों की भी पहचान की है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग संबंधी गतिविधियों में समूह के सदस्यों के साथ सहयोग कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में जो लोग गरीबी से जुझ रहे हैं उनके लिए यह कार्यक्रम लागू किया गया है।