प्रेम में समर्पण और त्याग के किस्से तो अक्सर ही सुने जाते रहें हैं, लेकिन प्रेम इतना अँधा क्रूर और भयानक हो सकता है इसकी शायद ही किसी ने कल्पना भी नही की होगी। मझगवां के बरौंधा थाना अंतर्गत प्रेम में दीवाने होकर एक प्रेमी जोड़े ने इतना भयानक फैसला लिया जिसने भी सुना उसके पैरो तले जमीन खिसक गई।
बता दे कि शुक्रवार की शाम संदिग्ध परिस्थितियों में पेड़ पर लटकी हुए तीन कंकाल मिले। इनमें से प्रेमिका व नाबालिग प्रेमी और तीसरा नाबालिग लड़का है। बताया जा रहा है कि तीनों की मृत्यु करीब 12 से 15 दिन पहले हुई होगी। पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने मामले को संदिग्ध मानते हुए क्राइम एक्सपर्ट से सलाह ली। FSL रीवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. आरपी शुक्ला को बरौंधा बुलाया। जहां जांच में पुलिस ड्यूटी है। प्राथमिक तौर पर देखा जाए तो यह पूरा मामला संदिग्ध लगता है।
बता दें कि बरौंधा पुलिस को शाम को साड़ा के जंगल में तीन शव फंदे लटके होने की सूचना मिली थी। इस पर पुलिस बल जंगल में पहुंचा। जहां मृतकों की पहचान ग्राम पंचायत साड़ा के भवानीपुर निवासी कुसुमकली (32), बेटा आशीष (5) और एक अन्य सुशील राम आसरे यादव (17) के रूप में हुई है। तीनों 29 मार्च से घर से लापता थे जिसकी गुमशुदगी भी थाने में दर्ज कराई गई है। पुलिस ने इस मामले में प्रेम प्रसंग की संभावना जताई है। मामले की जानकारी जिला मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है। जहां एफएसएल रीवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. आरपी शुक्ला ने घटना स्थल पर जाकर गहनता से साक्ष्य जुटाये, शवों का पोस्टमार्टम मेडिकल टीम से कराया गया है बरौंधा पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि यह एक लव स्टोरी का अंत है तो फिर इसे इस तरह नहीं होना चाहिए था। जब महिला अपने मुंह बोले देवर के साथ सफलतापूर्वक घर से भाग गई थी तो फिर जंगल में अपने बच्चे के साथ सुसाइड करने की जरूरत क्या पड़ी है। यदि दोनों ने घर से निकल कर सुसाइड करने का फैसला किया था तो महिला कम से कम अपने बच्चे को घर छोड़ जाती। कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी ने पीछा करके उन्हें पकड़ लिया और फिर तीनों को जिंदा फांसी पर लटका दिया गया।