अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अच्छी कीमत,तस्करी की अहम वजह
इसकी खाल की दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में काफी डिमांड है
मैंहर में तस्कर से 2 करोड़ का पैंगोलिन शल्क जब्त
मैंहर–दुर्लभ एवं बेशकीमती वन्य प्राणी पैंगोलिन शल्क का शिकार कर बेचने की फिराक में दो शिकारियों को मैहर वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। मामला मैहर जिले के खन्ना खडेराजा खमरिया से शिकारियों सहित पैंगोलीन की शल्क सहित बरामद की। यह पेंगोलीन के शिकार करने के बाद इसकी शल्क को बेचने की तैयारी में थे। आरोपी जंगल से पैंगोलिन का शिकार कर उनकी तस्करी करता था। सूत्रों की माने उसके कई साथी मौके से फरार हो गए। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आरोपी के कब्जे से पैंगोलिन शल्क की कीमत अंतर्रष्ट्रीय बाजार में दो करोड़ रुपए तक होती है। विगत 22 फरवरी को सूचना के आधार पर वन विभाग ने शिकारियों की तलाश की थी लेकिन कामयाबी हाथ ना लगने के बाद भी मैहर वन विभाग सक्रियता दिखाते हुए आज पन्ना जिले के खन्ना खमरिया से शिकारियों सहित पेंगोलीन की स्कल सहित बरामद की यह पेंगलीन के शिकार करने के बाद इसकी शल्क को बेचने की तैयारी में थे।पैंगोलिन बेचने के फिराक में होने की सूचना मिलने पर मैहर फॉरेस्ट की टीम पन्ना जिले के खंडेराज़ा खम्हरिया गांव पहुंची और बाइक से पेंगुलिन के शरीर के अवशेष ले जाते दो शिकारियों रमेश गौड़ और शिव प्रसाद गौड़ को गिरफ्तार कर लिया, दोनों आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम मामले के तहत अदालत में पेश कर जेल भेज दिया है, उनके 05 साथी पहले से ही जेल में हैं, आपको बता दें कि पैंगोलिन के शरीर के अंग से महंगी दवाइयां बनाई जाती है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेंगुलिन की कीमत करोड़ो में बताई जाती है ।
दो करोड़ की पेंगलीन की शल्क जप्त
सूचना मिलते ही मैहर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर शिकारियों को पेंगलीन की स्केल सहित पकड़ा बरामद की गई पेंगलीन की स्केल जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2 करोड़ के लगभग, की बताई जा रही है। मैहर वन विभाग की सक्रियता के चलते लगातार हो रहे वन्य प्राणियों के शिकार को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है वही मैहर वन विभाग की सक्रियता के चलते शिकारियों की धरपकड़ जारी है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अच्छी कीमत
जानकारी के अनुसार विश्व में पैंगोलिन की तस्करी वन्य जीवों में सबसे ज्यादा की जाती है। लगभग तीन सौ पैंगोलिन हर दिन गैर कानूनी तरीके से पकड़े जाते हैं। अनुमान यह भी है कि अन्तरराष्ट्रीय बाजार में इस वन्य जीव की पर्याप्त डिमांड है जिसकी वजह से कीमत दस से बारह लाख रुपए तक आंकी गई है। भारत में लगभग बीस से तीस हजार रुपए में इसे बेचा व खरीदा जाता है।
तस्करी की अहम वजह डिमांड
पैंगोलिन की खाल की विदेशों में काफी डिमांड है। इसकी खाल की दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में काफी डिमांड है। इसकी परतदार खाल का इस्तेमाल यौन शक्ति वर्धक दवाइयों, ड्रग्स, बुलटप्रूफ जैकेट, कपड़े और सजावट के सामान के लिए किया जाता है। इसका रेट ज्यादा होने के कारण इसलिए तस्करी का अहम बजह मानी जा रही है
3 Comments
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