सीधी– जिले की पुलिस को बदनाम करने फर्जी प्रकरण दर्ज करने एवं रिश्वत लेनें के मामले में हमेंशा सुर्खियों में बने रहे एसडीओपी चुरहट चन्द्रगुप्त द्विवेदी को अंतत: चुरहट से हटाते हुए आईजी कार्यालय में अटैच किया गया है।
मीडिया कर्मियों के विरुद्ध दर्ज किए गए पुलिस प्रकरण के मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीधी एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रीवा के द्वारा की गई जांच में दोषी पाए जानें पर पुलिस महानिरीक्षक रीवा के द्वारा शासन को भेंजे गए प्रतिवेदन के आधार पर पुलिस विभाग द्वारा उन्हें चुरहट से हटाकर आईजी कार्यालय में अटैच किया गया है। हालांकि एसडीओपी चुरहट अपनें स्वास्थ्य कारणों को लेकर अटैच होनें की बात कह रहे हैं। स्थिति जो भी हो हमेशा विवादों में घिरे रहे और फर्जीवाडे से जिले की पुलिस को बदनाम करनें वाले पुलिस अधिकारी को जिले से बाहर का रास्ता दिखानें के पुलिस के इस निर्णय का चुरहट अनुविभाग के अंतर्गत की आम जनता काफी प्रसन्न दिख रही है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के एक वरिष्ठ मीडिया कर्मी के विरुद्ध माफियाओं के इशारे पर फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज कर दिया गया था। जिसकी जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीधी द्वारा की गई थी। जिसमें एसडीओपी चुरहट फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज करने के दोषी पाए गए थे। उक्त जांच से असंतुष्ट होकर एसडीओपी चुरहट पुलिस महानिरीक्षक रीवा को आवेदन देकर उक्त मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रीवा से करानें की मांग की थी। जिसपर आईजी रीवा नें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रीवा को जांच के निर्देश दिए थे।
एडिशनल एसपी रीवा के द्वारा की गई जांच में भी एसडीओपी चुरहट दोषी पाए गए थे। जिसके आधार पर आईजी रीवा नें एसडीओपी चुरहट के विरुद्ध प्रतिवेदन भेजा गया था। उसके बाद उन्हें चुरहट से हटाकर रीवा आईजी आफिस अटैच कर दिया गया है। हालांकि चहुंतरफा घिरे एसडीओपी चुरहट अपनें स्वास्थ्य का हवाला देकर विभागीय अधिकारियों से राहत का मलहम लगवानें के प्रयास में जुटे हुए हैं।
तीन लाख रिश्वत लेनें का महिला नें लगाया था आरोप — एक पुलिस प्रकरण में पूरे परिवार को फंसानें का डर दिखाकर महिला से तीन लाख रुपए का एसडीओपी चुरहट चन्द्रगुप्त द्विवेदी के द्वारा रिश्वत लेनें का मामला अगस्त 2020 में सुर्खियों में आया था। रामपुर नैकिन थाना के अंतर्गत ग्राम भितरी निवासी श्रीमती नीलम शुक्ला ने पुलिस अधीक्षक सीधी को दिए गए लिखित आवेदन और मीडिया के समक्ष दिए गए अपनें बयान में बताया था कि एसडीओपी चुरहट सीजी द्विवेदी के द्वारा मेरे परिवार को झूंठे केस में फंसानें का भय दिखाकर तीन लाख रुपए रिश्वत ली थी। जिसे वापस कराया जाए। उक्त मामले की जांच अभी भी प्रचलन में है। हमेंशा विवादों में घिरे रहनें वाले चन्द्रगुप्त द्विवेदी का स्थानांतरण त्यौथर रीवा से अजाक थाना सीधी 31 जनवरी 2020 में हुआ था और वह 26 मई 2020 को सीधी में अपनी आमद दर्ज कराई थी। उसके बाद 3 जुलाई 2020 को एसडीओपी चुरहट के पद पर पदस्थ किया गया था। इसके पूर्व त्यौथर में फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज करनें व रिश्वत लेेेनें के मामले के कारण उनका स्थानांतरण सीधी किया गया था। इसके बाद भी वह अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे थे।
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