राजस्थान – बांरा के कलेक्टर रहे इंद्र सिंह राव को एसीबी ने 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया था तब से वह कोटा जेल में बंद है फिलहाल अब रिश्वत मामले में कोटा की जेल में बंद निलंबित आईएएस इंद्र सिंह राव और उनके पीए महावीर प्रसाद नागर के खिलाफ शुक्रवार को एसीबी ने चालान पेश कर दिया है। दायर 565 पन्नों की चार्जशीट में रिश्वतखोरी के सबूत के साथ अफसर घूस कैसे लेता था ? इसके तरीके भी बताए गए हैं आईएएस इंद्र सिंह 41 दिन से जबकि पीएम महावीर लगभग 55 दिन से कोटा की जेल की हवा खा रहे हैं.
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मिली जानकारी के मुताबिक एसीबी ने रिश्वत खोरी के इस मामले में उन्हें लोगों को गवाह बनाया है इसके अलावा आईएएस इंद्र सिंह राव के मोबाइल की जांच भी की की गई है कलेक्टर और पीए के बीच रिश्वत को लेकर बातचीत की ट्रांस स्क्रिप्ट भी है बताया जा रहा है कि पूर्व कलेक्टर और पीए के अकाउंट की भी जांच किए गए थे इसमें भी रिश्वतखोरी के सबूत मिले हैं कलेक्टर और बीए के हाथों के सैंपल की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट भी पार्टी आई है।
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1लाख 40 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ाए बता दें कि 9 दिसंबर 2020 को कोटा एसीबी ने पेट्रोल पंप के लिए एनओसी जारी करने की एवज में बांरा की तत्कालीन कलेक्टर के पीए महावीर प्रसाद को 1 लाख 40 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। पीए से पूछताछ के बाद एसीबी ने 23 दिसंबर को कलेक्टर को गिरफ्तार किया। साथ ही पिया की गिरफ्तारी के तुरंत बाद एसीबी ने इंद्र सिंह राव का मोबाइल भी जब्त कर लिया था उस मोबाइल में भी रिश्वत के लेन-देन से जुड़े कई सबूत मिले थे।
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महावीर ने किया था बड़ा खुलासा
गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेशी के दौरान मीडिया से बातचीत में पीएम महावीर ने बड़ा खुलासा किया था उसने कबूला था कि इतने पैसे छोटा कर्मचारी ले सकता है क्या । उच्च अधिकारी के कहने पर पैसे लिए जाते थे जो रकम ली गई है वह पूरी ही कलेक्टर को देनी थी। इसके अलावा ट्रैक की कार्रवाई के बाद टीम ने बांरा कलेक्टर इंद्र सिंह राव से करीब 10 घंटे की पूछताछ की थी।
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राव का दागदार रहा कैरियर इंद्र सिंह राव मूलतः राजस्थान प्रशासनिक सेवा 1989 बैच के अफसर है 31 साल के कार्यकाल में अब तक 6 बार अलग-अलग कारणों से एपीओ किए जा चुके हैं। गंभीर आरोप के चलते एक बार सस्पेंड भी हो चुके हैं। 4 साल पहले ही उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोट किया गया था उसके तुरंत बाद उन्हें राजस्व मंडल में भाजपा सरकार ने लगा दिया था। कांग्रेस सरकार ने राव को बतौर कलेक्टर बांरा जिले में उनकी पहली पोस्टिंग थी इससे पहले कलेक्टर रेवेन्यू बोर्ड अजमेर में सदस्य थे।
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