सीधी । सीएम शिवराज सिंह चौहान भले ही खुले मंच में सीना ठोक कर दावा करते हैं कि अब प्रदेश में अवैध उत्खनन व परिवहन पूरी तरह बंद लेकर सीधी जिले में ऐसा बिल्कुल नहीं है यहां न केवल रात के अंधेरे में बल्कि दिन के उजाले में खुलेआम खनिज पदार्थों सड़क परिवहन हो रहा है। अधिकारियों की मिलीभगत से माफिया सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं।
प्रशासन, खनन, परिवहन, वन, पुलिस और अन्य विभागों की कोरम अदायगी से जिले में बगैर परमिट के ही बालू, गिट्टी आदि खनिज संपदाओं का परिवहन खुलेआम हो रहा है। धड़ल्ले से ओवरलोड वाहनों का भी संचालन हो रहा है। अवैध खनन तेज होने से बालू और गिट्टी का अवैध तरीके से परिवहन भी तेज हो गया है। इस अवैध कारोबार होने के पीछे खनिज विभाग व पुलिस विभाग के महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है अवैध खनन की चर्चा हर गली चौराहे पर आम हो रही है।
ओवरलोड चल रहे वाहन
जिले के विभिन्न स्थानों पर बालू, गिट्टी आदि का अवैध खनन तेज हो गया है। अवैध खनन तेज होने से बालू और गिट्टी का अवैध तरीके से परिवहन भी तेज हो गया है। सब कुछ संबंधित विभागों के कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों व खनन माफिया की मिलीभगत से हो रहा है। परिणामस्वरूप जब शिकायत का सिलसिला तेज होता है तब विभागीय अधिकारी कुछ वाहनों को ओवरलोड के नाम पर चालान कर देते हैं। अवैध खनन व परिवहन का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि जब भी छापे की कार्रवाई होती है, बगैर परमिट के खनिज पदार्थों का परिवहन पकड़ा जाता है। जांच के नाम पर प्रशासन भी महज औपचारिकता पूरी कर रहा है। इसका नतीजा है कि सड़क पर ओवरलोड वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं।
खनिज व पुलिस विभाग राजस्व करा रहा चोरी
नए एसपी मुकेश कुमार श्रीवास्तव के आने पर लोगों को उम्मीद जगी कि अब शायद ओवरलोड वाहन सड़कों पर फुल स्पीड से खर्राटे नहीं भरेंगे लेकिन साहब के आने के बाद इस स्थिति जस की तस है अब लोगों की उम्मीद टूट गई है। जिले में जिस तरह से रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है ऐसे में यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि इस अवैध उत्खनन के पीछे खनिज व पुलिस विभाग पूरी तरह से लिप्त है।