सिंगरौली 4 अप्रैल। रूस एवं यूक्रेन के बीच 40 दिनों से चल रहे महाविनाश कारी युद्ध को लेकर नवानगर के माने जाने ज्योतिषाचार्य पं.जयपूजन ने बड़ा दावा किया है। ज्योतिषाचार्य का मत है कि अभी यह दोनों देशों के बीच विनाशकारी महायुद्ध 10 से 12 दिनों तक चलता रहेगा। साथ ही दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति 17 मई 2022 तक रहेगा। इसका मुख्य कारण ज्योतिष के अनुसार मई 2021 के प्रारंभ से राक्षस नाम सम्वतसर का प्रवेश होता है जो अपै्रल 2022 तक बनता है जो अपना फल 3 माह पहले से ही प्रारंभ कर देता है। जिस सम्वत का नाम ही राक्षस है वह राक्षसी व्यवहार ही करेगा।
शास्त्री ने कहा कि मनीषियों के मतानुसार दुनिया पर एवं प्रत्येक प्राणी के जीवन पर शुभ एवं अशुभ फल ग्रहों के कारण देखने को मिलता है। उन्होंने आगे कहा कि शास्त्र मतानुसार ज्योतिष को वेद का नेत्र बताया गया है। हर प्राणी को दो नेत्र होते हैं। अत: ज्योतिष के भी दो प्रमुख विभाग हैं पहला गणित एवं दूसरा फलित, गणित के माध्यम से ग्रहों की स्थिति, अवस्था, युति, दृष्टि, स्वगृही मित्र गृही एवं उच्च नीच तथा मार्गों तर्क का विचार होता है। ज्योतिष में सम्यत सर का भी बड़ा महत्व है। जिसके नाम का सम्वतसर होता है उसी के स्वभाव के अनुसार फल मिलता है। ग्रह स्थिति के अनुसार 2022 के घटना क्रम का निरीक्षण करें। ज्योतिष के अनुसार मई 2021 के प्रारंभ से राक्षस नाम सम्वतसर का प्रवेश होता है जो अपै्रल 2022 तक बनता है जो अपना फल 3 माह पहले से ही प्रारंभ कर देता है। जिस सम्वत का नाम ही राक्षस है वह राक्षसी व्यवहार ही करेगा। अत: अपै्रल 2021 से ही महामारी कोरो की दूसरी लहर पूरी दुनिया में महामारी का रूप धारण किया। इसके बाद पूरे दुनिया में उत्पात चलता ही रहा है। इधर 27 फरवरी 2022 के दिन मकर राशि पर पांच ग्रह क्रमश: मंगल, बुध, गुरू, शुक्र, शनि तथा चन्द्रमा ग्रह एकत्र हुए तथा जो प्राण का कारक ग्रह चन्द्र है वह सूर्य सहित 5 ग्रहों से अस्त हुआ है। जिसका प्रभाव 8 दिन पहले से ही ज्योतिष मत के अनुसार पडऩा शुरू हो जाता है। वही महा कुयोग बना जैसा कि ज्योतिष में कहा गया है एक राशौ यदा पन्ति चत्वार पंचवा ग्रह:, प्लावयन्ति महीं कृत्स्नां रूधिरेण-जनोनवा। यानी जिस समय 4 या 5 ग्रह एक राशि पर होते हैं उस समय पृथी जल एवं रूधिर से स्नान करती है। यही समय इस पंचग्रही योग में रूस रूपी मंगल यूक्रेन रूपी शनि के घर में घुस कर महायुद्ध के माध्यम से महा विनाश का कारण बनता है। ज्योतिष के मंगल की स्थिति एक राशि पर 45 दिन की होती है जो 8 अपै्रल 2022 को व्यतीत हो रहा है, लेकिन इसके आगे की भी राशि कुम्भ भी शनि की है। अत: इस दुष्प्रभाव 17 मई 2022 तक बनता है, लेकिन कुम्भ राशि शनि का साथ मंगल के साथ नहीं होगा। इसलिए 10, 12 अपै्रल 2022 से स्थिति में सुधार होगा।
कुछ राज्यों में उल्का पिण्ड का रहेगा प्रभाव
ज्योतिषाचार्य का मत है कि इस सम्वतसर का राजा भी शनि ग्रह है तथा शनि, मंगल आपस के परम शत्रु एवं दोनों फौजी जवान माने जाते हैं जो मंगल दैवीय सत्ता का है एवं शनि आसुरी सत्ता का है जो दोनों के भिड़ंत से महाविनाश का योग बनता है। जैसा की अभी-अभी यूट्यूब एवं मीडिया पर महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में उल्का पिण्ड का भारी प्रकाश एवं आकाश मार्ग से अग्रि का गोला गिरते देखने को बताया जा रहा है। ज्योतिष मत के अनुसार मंगल, शनि का ही खेल है। इस सब को देखते हुए अभी उम्मीद बनती है 10-12 दिन आगे तक यह महा विनाशकारी चलता रहेगा तथा 17 मई 2022 तभी तनावपूर्ण स्थिति बन सकती है।