MP Election – सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को दो हफ्ते के भीतर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा करे बिना आरक्षण नहीं मिल सकता.तो वही राज्य सरकार ने MP Election पर प्रतिक्रिया जताते हुए समीक्षा याचिका दायर करने की बात कही है।
बता दें कि MP Election चुनाव को लेकर अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ कराने के लिए शीर्ष न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर करेगी।पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण पर मध्य प्रदेश सरकार को झटका लगा है (Madhya Pradesh Panchayat Election).
मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव MP Election में फिलहाल OBC आरक्षण लागू नहीं होगा (OBC Reservation in election). सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग को 23,400 स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा (Supreme Court on OBC reservation) . सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही राज्य चुनाव MP Election आयोग को दो हफ्ते के भीतर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा करे बिना आरक्षण नहीं मिल सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि OBC को बढ़ावा देने वाली राजनीतिक पार्टियां जनरल सीट पर OBC उम्मदीवार को उतार सकती हैं. SC ने कहा कि निकाय चुनाव न टालने के आदेश बाकी राज्यों पर भी लागू होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खाली सीटों पर 5 साल में MP Election चुनाव करवाना संवैधानिक ज़रूरत, इसे किसी भी वजह से टाला नहीं जाना चहिये. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार और चुनाव आयोग स्थानीय निकायों के लिए डी-लिमिटेशन प्रक्रिया को पूरा करे बिना और ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट मानदंड को पूरा करे बिना चुनाव MP Election स्थगित नहीं कर सकती.
Read Also-मोदी सरकार का बड़ा फैसला,100 दिनो की मिलेगी छुट्टी,10 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा
सुनवाई जुलाई तक के लिए स्थगित
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि 2010 के संविधान पीठ के फैसले में जिस त्रि-परीक्षण प्रक्रिया का जिक्र किया गया है, उसे जब तक पूरा नहीं कर लिया जाता, तब तक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए किसी आरक्षण का प्रावधान नहीं किया जा सकता. शीर्ष अदालत ने कहा कि चुनाव MP Election प्रक्रिया में देरी नहीं की जा सकती, क्योंकि पांच साल की अवधि समाप्त होने पर अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी और समय पर चुनाव MP Election कराना प्राधिकारियों का संवैधानिक दायित्व है.
न्यायालय ने मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव MP Election से जुड़े मामले की सुनवाई जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी.उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वर्ष 2010 के संविधान पीठ के फैसले में जिस त्रि-परीक्षण प्रक्रिया का जिक्र किया गया है, उसे जब तक पूरा नहीं कर लिया जाता, तब तक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए किसी आरक्षण का प्रावधान नहीं किया जा सकता।
आरक्षण के साथ ही पंचायत चुनाव MP Election हों, दायर करेंगे रिव्यू याचिका: CM शिवराज
अदालत के निर्देश के बाद यहां पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, ‘‘ शीर्ष अदालत ने अभी-अभी अपना फैसला सुनाया है। हमने अभी तक इसका विस्तार से अध्ययन नहीं किया है, लेकिन अब ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव MP Election कराने के लिए समीक्षा याचिका दायर करेंगे। हम फिर से उच्चतम न्यायालय से अनुरोध करेंगे कि स्थानीय निकाय चुनाव MP Election ओबीसी आरक्षण के प्रावधान के साथ कराए जाएं।’’