Singrauli 22 मई। सिंगरौली जिले के चर्चित और विवादित कमिश्नर आरपी सिंह सिंगरौली नगर निगम की बागडोर संभालने के बाद वह अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करने लगे.
आरोप लगाए जा रहे हैं कि वह है सिंगरौली सिर्फ अपने रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए ही आए हैं वे अपने मातहत कर्मचारियों वह सामने कर कर भ्रष्टाचार कि सारी पराकाष्ठा पार कर दी है. गली चौराहे पर चर्चा है कि वह सिंगरौली जिले का विकास ना करके खुद के विकास में लग गए.
Singrauli जिले के बैढऩ के गनियारी स्थित प्रधानमंत्री आवास योजना के आवंटन का मामला इन दिनों काफी तूल पकड़ा हुआ है। नगर निगम के अधिकारियों की एक-एक काली करतूतें प्याज के छिलकों की तरह परत दर परत खुलने लगी हैं। अब सहायक यंत्री व नोडल अधिकारी को आयुक्त के द्वारा पिछले माह 6 अपै्रल को दिये गये आरोप पत्र को लेकर ही तरह-तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं।Singrauli
दरअसल Singrauli के वार्ड क्र.41 गनियारी स्थित प्रधानमंत्री आवास योजना में निर्मित आवासों के अनियमित आवंटन को लेकर ननि के जिम्मेदार अधिकारी ही घिरे हुए हैं। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री व्हीपी उपाध्याय पर जहां 174 आवास आवंटन में व्यापक पैमाने पर गड़बड़झाला करने का आरोप है। वहीं तत्कालीन सहायक यंत्री व नोडल अधिकारी आरके जैन को आवास के आवंटन में गड़बड़ी किये जाने का आरोप लगाकर जांच कमेटी के द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन को आधार मानकर निगमायुक्त ने 13 अपै्रल को निलंबित कर दिया था। हालांकि सहायक यंत्री आरके जैन ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। जहां से 13 अपै्रल की कार्रवाई पर उच्च न्यायालय के द्वारा रोक लगाते हुए जांच कमेटी पर ही सवाल खड़ा कर दिया गया है।
इधर सूत्रों की बात मानें तो 6 अपै्रल को Singrauli निगमायुक्त आरपी सिंह ने आरके जैन तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री व नोडल अधिकारी प्रधानमंत्री आवास योजना सिंगरौली को कारण बताओ सूचना जारी किया था। जिसमें स्पष्ट लिखा था कि 464 हितग्राहियों के नाम कलेक्टर द्वारा अनुमोदित सूची में न होने के बावजूद आवास का आवंटन किया गया है।
Rashifal 22 May 2022 : mesh, वृष,वृषभ, मकर Rashi वालों का दिन रहेगा शानदार, जानिए सभी राइफलों का हाल
Singrauli कलेक्टर के वगैर अनुमोदन के 464 हितग्राहियों को आवासों का आवंटन क्यों, कैसे नियम के विरूद्ध किया गया। हालांकि आरके जैन ने इसका जबाव भी दिया था, किन्तु आरोप लग रहा है कि उनके जबाव को नजरअंदाज कर दिया गया। इधर खबरे आ रही हैं कि केवल 270 ही अपात्र आवास पाये गये हैं। अब सवाल उठाया जा रहा है कि आरोप पत्र में आयुक्त के द्वारा 464 आवासों को अनियमितता की श्रेणी में माना था। फिर 200 आवास कहां चले गये।
चर्चा है कि Singrauli ननि के अधिकारी अपने ही करतूतों से घिरते जा रहे हैं। पीएम आवास के आवंटन में गड़बड़झाला का मामला अब थमने का नाम नही ले रहा है। 130 हितग्राहियों की फाइल कहां छुपायी गयी है। इसकी भी खोजबीन शुरू हो गयी है। ननि के किस अधिकारी के आलमारी में 130 आवासों की नस्ती छुपी है। इसके लिए चन्द्रा वेलफेयर सोसायटी के सदस्य भी सक्रिय हो गये हैं। यहां के परेशान हितग्राही प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री तक उनके काली करतूतों का भण्डाफोड़ करने की तैयारी में जुट गये हैं।Singrauli