छतरपुर —बीमारी व कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए एक विक्षिप्त व्यक्ति को पहले तो कपड़े से ढका उसके बाद स्ट्रेचर में उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया। जिसका इलाज छतरपुर जिला चिकित्सालय में चल रहा है। पुलिस का नाम सुनकर लोग बिना अपराध के ही डर जाते हैं। कुछ लोग पुलिस के छवि को अच्छा नहीं मानते लेकिन जब आप छतरपुर के सब इंस्पेक्टर प्रमोद मोहित के बारे सुनेगें और देखेंगे तो उनकी सराहना बिना किए नहीं रह पाएंगे और इन्हें आशीर्वाद भी देंगे,यह समाज के असली नायक। जी हां छतरपुर जिले में एक विक्षिप्त युवक इतना कमजोर था कि वह उठ नहीं पा रहा था जमीन पर ही पड़ा था। लोगों को यह भी डर सता रहा था कि कहीं इसे कोरोना तो नहीं है। ऐसी स्थिति पर लोग जाने से भी कतरा रहे थे। तब छतरपुर में पदस्थ सब इंस्पेक्टर प्रमोद मोहित कुमार ने अपनी जान जोखिम में डाल मानवता की अनूठी मिसाल पेश की। श्री प्रमोद ने कहा कि हर जान की कीमत होती है फिर चाहे वह कोई भी हो अमीर या गरीब।
मिली जानकारी के मुताबिक छतरपुर बस स्टैंड केसड़क किनारे मानसिक विक्षिप्त एक व्यक्ति नग्न अवस्था में पड़ा था वहां से सभी आने-जाने बालों की नजर पड़ी लेकिन किसी ने उसके पास जाने की जहमत नहीं उठाई। इस बात की खबर जब सब इस्पेक्टर प्रमोद मोहित कुमार को लगी तो वह बिना देरी किए छतरपुर बस स्टैंड में पहुंचे जहां न केवल मानसिक विक्षिप्त युवक के नग्न शरीर को कपड़ों से ढका बल्कि स्ट्रेचर से उठाकर एंबुलेंस तक भी पहुंचाया और संभावित कोरोना संक्रमण से बचाने का भी प्रयास किया। वीडियो के वायरल होने के बाद अब समाज में उनकी जमकर तारीफ हो रही है। विक्षिप्त व्यक्ति लंबे समय से दर-दर की ठोकरें खा रहा था जिसे पहले स्थानीय लोग खाना दे दिया करते थे लेकिन जब से कोरोना संक्रमण की बीमारी देश, प्रदेश सहित जिले में फैली तो लोगों ने भी उससे दूरी बना ली। लोग कोरोना संक्रमण के भय से दूर दूर भागने लगे थे। लेकिन छतरपुर सब इंस्पेक्टर ने मानसिक विक्षिप्त युवक की सहायता कर मानवता की अनूठी विशाल पेश किए हैं साथ ही उन समाजसेवियों को भी आईना दिखाया जो समाज सेवा का चोला पहनकर अपना हित साध रहे हैं।
सूचना के तीन घंटे बाद पहुंची एम्बुलेंस, तड़प रहे युवक को ले जाने में आनाकानी
कोरोना से जंग में एक तरफ दूसरों की सेवा के प्रति स्वास्थ्य कर्मियों का जज्बा दिख रहा है तो दूसरी तरफ कुछ लोग इसमें लापरवाही व आनाकानी करते भी नज़र आ रहे हैं। ऐसा ही कुछ छतरपुर के बस स्टैंड में हुआ। जहां एक सब इंस्पेक्टर को एंबुलेंस के लिए करीब 3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। यहां रोड के किनारे बीमार युवक को देखकर गांव वालों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर सब इंस्पेक्टर प्रमोद मोहित मौके पर पहुंचे जहां संदिग्ध कोरोना संक्रमित व्यक्ति को देख भोपाल कंट्रोल रूम व छतरपुर एसडीएम को सूचना दी बावजूद इसके 3 घंटे बाद तक स्वास्थ्य विभाग का अमला नहीं पहुंचा। इस दौरान छतरपुर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी दिखी हालांकि सब इंस्पेक्टर प्रमोद मोहित युवक की देखरेख के लिए वहां से एक पल के लिए नहीं हटे और उसकी देखभाल करते रहे। करीब 3 घंटे के लंबे इंतजार के बाद एक एंबुलेंस मौके पर पहुंची लेकिन वहां पहुंचकर स्वास्थ्यकर्मी एक-दूसरे का मुंह ही देखते रहे। दरअसल स्वास्थ्य कर्मियों को डर था कि कहीं युवक को कोरोना वायरस न हो इसलिए दोनों में से कोई उन्हें उठाना नहीं चाहता था। एक दिक्कत यह भी साफ दिख रही थी कि एम्बुलेंस से आए स्वास्थ्य कर्मियों और ड्राइवर के पास सुरक्षा के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) नहीं था। इन परिस्थितियों पर कुछ घंटों के इंतजार के बाद एक दूसरी 108 आपातकालीन एंबुलेंस पहुंची लेकिन उसमें भी कर्मचारियों की कमी थी जिससे युवक को एम्बुलेंस तक पहुंचाने में भी समस्या हो रही थी। यह सब देख सब इंस्पेक्टर प्रमोद मोहित ने जान जोखिम में डालकर स्ट्रेचर पकड़ कर कोरोना संदिग्ध युवक को एंबुलेंस तक पहुंचाया तब कहीं जाकर संदिग्ध युवक को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय ले जाया जा सका।
3 Comments
You are a very bright person!
What i don’t realize is actually how you’re no longer actually much more smartly-liked than you might be right now. You’re so intelligent. You already know thus considerably in relation to this topic, produced me in my view imagine it from numerous varied angles. Its like women and men don’t seem to be involved until it’s one thing to do with Girl gaga! Your individual stuffs outstanding. All the time care for it up!
Hello, you used to write wonderful, but the last several posts have been kinda boring… I miss your great writings. Past few posts are just a little out of track! come on!