खंडवा : मध्य प्रदेश में श्रमिक TRAIN के यात्रियों ने कुछ स्थानों पर स्टेशन पर लूटपाट और हंगामा किया।नरसिंहपुर के साथ कटनी, बनखेड़ी और खंडवा स्टेशन पर हंगामा हुआ। लंबे लॉकडाउन के दौरान बमुश्किल पटरी पर TRAIN चलना शुरू हुई हैं, ताकि लोगों की जिंदगी सही पटरी पर चल सके। लेकिन सरकारी लापरवाही ने आज एक बार फिर आम रेल यात्रियों के लिए दिक्कतें पैदा कर दी हैं। मध्यप्रदेश के खंडवा और बुरहानपुर के बीच लगभग 20 ट्रेनें फंसी हुई हैं। वे आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। हजारों यात्री भूखे, प्यासे, गर्मी से हलाकान हैं।
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मिली जानकारी के मुताबिक खंडवा और बुरहानपुर स्टेशन के बीच लगभग 20 ट्रेनें फंसी हुई हैं। इनमें हजारों यात्री सवार हैं। महिला और बच्चे परेशान हो रहे हैं । कई ट्रेनों में पंखे भी नहीं हैं। इन ट्रेनों को भोपाल मंडल खंडवा के सिहाड़ा से आगे नहीं ले रहा है। भुसावल मंडल कि यह गाड़ियां आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यात्री गर्मी में परेशान हैं। ट्रेनों में पानी और भोजन तक की व्यवस्था नहीं है । 20 ट्रेनों के फंसे होने के कारण दिक्कतों के पहाड़ इन पर टूट रहे हैं।
समाजसेवियों ने प्लेटफॉर्म पर ही निजी वेंडरों को बुलाकर सामग्री बिकवाना शुरू कर दिया। सामानों को खरीदने की होड़ के बीच थोड़ी ही देर में यात्रियों ने लूट मचा दी, जिससे भगदड़ मच गई। यात्रियों ने मास्टर समेत एसडीएम को भीड़ ने घेर लिया।
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खंडवा के सिहाड़ा से आगे भोपाल मंडल लगता है। बताते हैं कि भोपाल मंडल संचालन इन ट्रेनों को आगे की अनुमति नहीं दे पा रहा है । इसके पीछे तकनीकी कारण बताए जा रहे हैं,लोग काफी परेशान हैं।
कुछ समाजसेवी और अधिकारी रेलों के यात्रियों की मदद कर रहे हैं लेकिन सीमित दायरे में ही काम कर रहे हैं। बुरहानपुर के पुलिस अधिकारी केके अग्रवाल भी इस सेवा में अपने स्तर पर जुटे हुए हैं। श्री अग्रवाल ने बताया कि उनका मकसद केवल यात्रियों महिलाओं और बच्चों को पानी और ऐसी जरूरी सुविधाएं देने का है ।
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सवाल यह उठता है कि भुसावल मंडल की गाड़ियां भोपाल का संचालन मंडल क्यों नहीं ले रहा है ? यात्रियों की 40 से अधिक डिग्री तापमान में फजीहत का जिम्मेदार कौन होगा ? भुसावल रेल मंडल से यह गाड़ियां आगे नहीं बढ़ पा रही हैं।इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यात्री गर्मी में परेशान हैं। ट्रेनों में पानी और भोजन तक की व्यवस्था नहीं हैl 20 ट्रेनों के फंसे होने के कारण दिक्कतों के पहाड़ इन पर टूट रहे हैं।
बताया जा रहा है कि तकनीकी कारणों से ट्रेनों को रोका गया है। यानी कि महज कुछ अनुमति संबंधी रेलवे की औपचारिकताओं के पूरी ना हो पाने के कारण देश प्रदेश के हजारों यात्रियों को भूख, प्यास, गर्मी से परेशान होना पड़ रहा है। कुछ समाजसेवी और अधिकारी रेलों के यात्रियों की मदद कर रहे हैं। लेकिन सीमित दायरे में ही काम कर रहे हैं। बुरहानपुर के पुलिस अधिकारी केके अग्रवाल भी इस सेवा में अपने स्तर पर जुटे हुए हैंl
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मसला यात्रियों का है और ट्रेन 2 महीने बाद पटरी पर दौड़ने लगी है रेल सेवा को यातायात की धड़कन माना जाता है। यात्रा की इस जीवन रेखा को सुचारू करने के लिए नए इंतजाम करने होंगे। बुरहानपुर से खंडवा तक हर स्टेशन पर दो से तीन ट्रेनें खड़े होने की सूचना है । इनमें यात्री सवार हैं कोरोनावायरस से भी बचाव करते हुए इन यात्रियों को जरूरत की सारी सुविधाएं जुटाना हमारा और आपका कर्तव्य हो जाता है।
एक्शन मोड में आई आरपीएफ व जीआरपी के जवानों ने हल्का बल प्रयोग किया। आनन-फानन ट्रेन को रवानगी दी गई, जिससे यात्री दौड़कर ट्रेनों में सवार हो गए। कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि महिला की डिलेवरी पर चिकित्सकीय सहायता के लिए अधिकारी पहुंचे थे। हालांकि उन्होंने माना कि बिना तैयारी के इस तरह यात्रियों को भोजन पैकेट बांटना सही नहीं था।
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