Damoh MP : मध्य प्रदेश के दमोह जिले में गंगा जमना स्कूल में (ganga jamna in school) हिंदू छात्राओं के ‘हिजाब’ पहनने का मामला सामने (Hindu girl students wearing ‘hijab’) आया है. इन तस्वीरों को स्कूल के पोस्टरों में भी चिपकाया गया है। पोस्टर के वायरल होते (posters go viral) ही विवाद फैल गया। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच के आदेश दिए (Narottam Mishra ordered an inquiry) हैं।
Damoh MP : गंगा जमना स्कूल ने टॉपर्स की तस्वीरों वाले पोस्टर प्रकाशित किए। इसमें मुस्लिम लड़कियों के साथ-साथ हिंदू लड़कियों को हिजाब में दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर पोस्टर के वायरल होने के बाद बवाल शुरू हो गया। यह पोस्टर सोशल मीडिया पर ‘द केरला स्टोरी’ की तरह वायरल हो रहा है। इस पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई।
एसपी को गहन जांच के दिए निर्देश : गृह मंत्री
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दमोह के गंगा जमना स्कूल में हिंदू लड़कियों द्वारा हिजाब दिखाने की घटना की जांच जिला शिक्षा अधिकारी ने की है. जांच के दौरान उसके परिजनों ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की। हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने का निर्देश दिया है.
दमोह कलेक्टर और एसपी ने गलत बताए आरोप
मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो भी इस विवाद में कूद पड़ीं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम बच्चों पर इस्लामिक प्रथाओं का अभ्यास करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 28 का उल्लंघन है, कलेक्टर को नोटिस भेजना। हालांकि दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि कुछ लोगों द्वारा गंगा-यमुना स्कूल के पोस्टर लगाने, थाना प्रभारी कोतवाली और जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा फैलाई गई जानकारी के बाद आरोप झूठे पाए गए. जांच कमेटी ने सौंप दी अपनी रिपोर्ट ट्वीट के नीचे एसपी ने रीट्वीट किया कि जांच में आरोप साबित नहीं हुए.
क्लीन चिट इसलिए मिली
सूत्रों के मुताबिक दुपट्टा पहनना भी स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा है। इस दुपट्टे को चेहरे पर इस तरह लपेटा जाता है कि यह हिजाब जैसा लगता है। इस पर किसी अभिभावक ने आपत्ति नहीं जताई। इसलिए पुलिस और कलेक्टर ने जांच में स्कूल को क्लीन चिट दे दी।