सिंगरौली। जिला शिक्षण अधिकारी के जिम्मेदारियों का निर्वहन चितरंगी एसडीएम कर रहे हैं। एसडीएम के औचक निरीक्षण में चितरंगी विकास खण्ड के शासकीय प्राथमिक एवं हाई स्कूल नौडिहवा पोड़ी तथा शा. प्राथमिक पाठशाला गांगी स्कूल की पोल खुल गई। एसडीएम चितरंगी सुरेश जाधव ने शुक्रवार की सुबह स्कूलों के निरीक्षण के लिए पहुंचे तो शिक्षक रजिस्टर में हस्ताक्षर कर गायब मिले।
चर्चा है कि स्कूलों से शिक्षकों के गायब होने के असली जिम्मेदार डीईओ एसबी सिंह हैं। वह शिक्षकों पर समय से आने और पढ़ाई कराने में फेल हैं। वजह रिटायरमेंट के बाद आने वाले विधानसभा चुनाव में खुद चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। इसीलिए वह स्थानीय शिक्षकों पर समय पर आने और शिक्षण कार्य कराने का दबाव नहीं बना पा रहे।
एसडीएम के निरीक्षण में दो मास्टर साहब उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर गायब रहे। वही एक अतिथि शिक्षिका कल दिन शनिवार के एडवांस उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर की थी। जानकारी के अनुसार एसडीएम सुरेश जाधव ने आज सबसे पहले शासकीय हाई स्कूल नौडिहवा-पोड़ी का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान विद्यालय संचालित पाई गई। अतिथि शिक्षक की उपस्थिति रजिस्टर का अवलोकन किया।
जहां पाया कि प्राचार्य ने अनुपस्थित शिक्षक के कॉलम में उनुपस्थिति दर्ज न कर प्रश्रवाचक लगाया जा रहा है। साथ ही एक अतिथि शिक्षिका कल 2 अगस्त के कॉलम में भी हस्ताक्षर पाये गये। एसडीएम ने माना है कि उक्त शिक्षिक एक ही दिन उपस्थित होकर कई दिनों के हस्ताक्षर करती हैं। इस दौरान एसडीएम ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुये विद्यालय के व्यवस्था को सुधारने के लिए निर्देशित किया। इसके बाद शासकीय प्राथमिक पाठशाला नौडिहवा नवीन का निरीक्षण किया। शिक्षिका विनिता यादव उपस्थित मिले। जबकि शिक्षक गुलाब प्रसाद जायसवाल हस्ताक्षर करने के उपरांत गायब मिले।
एसडीएम ने उक्त विद्यालय का निरीक्षण करने के बाद शासकीय प्राथमिक पाठशाला गांगी पहुंचे। विद्यालय संचालित पाई गई। यहां दो शिक्षक पदस्थ हैं। जिनमें से एक शिक्षक उमेश सिंह उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर विद्यालय से गायब पाये गये। एसडीएम ने सख्त हिदायत देते हुये कहा है कि इस तरह की लापरवाही बर्दास्त नही की जाएगी। लापरवाही करने वाले शिक्षको को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। एसडीएम के इस औचक निरीक्षण से विद्यालय के शिक्षको में हड़कंप मचा है।
DEO चितरंगी विधानसभा में बिछा रहे राजनीतिक विसात
चर्चा है कि डीईओ एसबी मूलत सीधी जिले के हैं, लेकिन चितरंगी विधानसभा से उनका नाता करीब तीन दशक से है। अब जब वह सिंगरौली जिले के जिला शिक्षा अधिकारी बने तो वह अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरा करने के लिए चितरंगी विधानसभा को सबसे उपयुक्त मान रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद वह इसी विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। लिहाजा वह स्कूल के संचालन में शिक्षकों के ऊपर कसावट करने के बजाय शिक्षकों से मधुर संबंध स्थापित करने के साथ साथ राजनीतिक बिसात बिछाने में जुटें हैं। शिक्षकों को डीईओ का बिल्कुल भी डर नहीं। यही वजह है कि शिक्षक शिक्षण कार्य से ज्यादा अपने निजी कामों में व्यस्त रहते हैं।