ओबी कंपनियों में दो तीन लाख में नौकरी बेच रहा आशीष दलाल…
एनसीएल के ओबी कंपनियों में नौकरी के नाम पर बड़ा खेल, राजनीति संरक्षण में फलफूल रहा गिरोह…
सिंगरौली/सोनभद्र । एनसीएल के परियोजना के खदान क्षेत्र में ओबी हटाने का कार्य कर रही निजी कम्पनी में बेरोजगारों को नौकरी दिलवाने के नाम पर विभिन्न दलों के नेता व बिचौलिये सक्रिय हो गये हैं। ऐसे में पहले से नौकरी के नाम पर दलालों के बीच फंसे लोग अपनों को नौकरी दिलाने के लिए दो से तीन लाख रुपए देकर नौकरी खरीद रहे। नौकरी लगाने के इस कारोबार में कई सड़क छाप कुछ सालों में ही करोड़पति बन गए। हालांकि इस कारोबार को कुछ सत्ता के दलाल और एनसीएल के अधिकारी पनाह देते है। इसे लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो गयी हैं। ऊर्जाधानी में करीब एनसीएल की 10 खदानें संचालित है। इन खदानों में काम कर रहीं ओबी कंपनियों में 25000 से ज्यादा वर्कर काम करते हैं। इन कंपनियों में नौकरी के लिए प्राथमिकता निर्धारित की गई है लेकिन कम्पनी में विस्थापित बेरोजगार पीछे हो गये। इन युवकों को काम पर रखवाने के एवज में दलालों के माध्यम से पैसों की वसूली की जाने लगी। वहीं शासन-प्रशासन, राजनैतिक दल एवं अन्य जनपदों के युवक काम पर रखे जाने लगे। सूत्र बताते हैं कि सभी जनप्रतिनिधियों का कोटा निर्धारित कर दिया गया है। मजबूर होकर आए दिन विभिन्न संगठनों द्वारा धरना-प्रदर्शन का आयोजन भी किया जाने लगा। वहीं ओवी कंपनियों में नौकरी के लिए स्थानीय लोग सहित कई प्रदेश के लोग नौकरी के लिए यहां पहुंचते हैं। इसी का फायदा कंपनी से जुड़े लोग, एनसीएल के अधिकारी सहित दलाल उठाते हैं। इन दिनों क्षेत्र में आशीष नामक व्यक्ति का गिरोह नौकरी दिलाने में सक्रिय है। यह भोले भाले बेरोजगार युवाओं को नौकरी का लालच देकर एक लाख से लेकर दो लाख तक की वसूली कर रहा है। और उन्हें नौकरी पर रखवा रहा है। चर्चा है कि कभी मोबाइल सिम बेचने और कबाड़ का धंधा करने वाला आशीष आज नौकरी बेचने का सबसे बड़ा दलाल कैसे बन गया। बताया जा रहा है कि इस पूरे खेल को स्थानीय स्तर पर राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है, जिसके चलते पुलिस-प्रशासन की पकड़ कमजोर साबित हो रही है।
आशीष पर दर्ज है कई आपराधिक मामले…?
सूत्र बताते हैं कि सिंगरौली में कंपनियों में नौकरी दिलाने वाले दलालों के बीच कई बार मारपीट की घटनाएँ भी हो चुकी हैं। हालांकि आवेदन और शिकायत के बाद भी ना तो पुलिस प्रशासन और ना ही NCL की जिम्मेदार अधिकारी ओवी कंपनियों और दलालों पर कोई कार्यवाही नहीं करते। सूत्र बताते हैं कि आशीष पहले कंपनियों के महंगे पार्ट्स चोरी करके बेचता था, वह एनसीएल के स्क्रैप को भी बेचा करता था, चोरी के खेल में कई बार विवाद होने के बाद मामला थाने भी पहुंचा था। आरोपी के ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
राजनीतिक संरक्षण के साये में बढ़ता नौकरी गिरोह…
चर्चा है कि आशीष का नौकरी दिलाने गिरोह लगातार राजनीतिक संरक्षण में बढ़ता जा रहा है। पुलिस और प्रशासन के से कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन कार्यवाही आवेदन और फाइलों तक ही सीमित रह जाती है। यही वजह है कि यह गिरोह दिनों दिन मजबूत होता जा रहा है और बेरोजगारों को कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर खुलेआम शोषण हो रहा है।