Adipurush Poster Controversy: प्रभास की फिल्म आदिपुरुष को लेकर एक बार फिर से विवाद छिड़ गया है. इस बार फिल्म के नए पोस्टर पर बवाल हो रहा है. मामले में मेकर्स, डायरेक्टर और कलाकारों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है.
Adipurush Poster Controversy: desk report : सुपरस्टार प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान की फिल्म आदिपुरुष एक बार फिर विवादों में है. रामनवमी के दिन फिल्म ‘आदिपुरुष’ का पोस्टर रिलीज हुआ था. अब पोस्टर को लेकर बवाल छिड़ गया है और आदिपुरुष के मेकर्स के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है. हिंदू भावनाओं को ठोस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए साकीनाका पुलिस स्टेशन में फिल्म के प्रोड्यूसर, कलाकार और डायरेक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म के निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार और कलाकारों पर मुंबई में शिकायत दर्ज कराई गई है। यह शिकायत खुद को सनातन धर्म का प्रचारक बताने वाले संजय दीनानाथ तिवारी ने की है। शिकायत में कहा गया है कि फिल्म के पोस्टर से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। आरोप है कि नए पोस्टर में सभी कलाकारों को बिना जनेऊ पहने दिखाया गया है.
‘मां सीता की मांग में बिना सिंदूर फिल्माया गया
शिकायत में ये भी आरोप लगाया गया है कि पोस्टर में मां सीता की मांग में सिंदूर नहीं है. इन बातों लेकर शिकायतकर्ता ने कहा है कि इनसे हिंदू भावनाएं आहत हुई हैं. शिकायतकर्ता ने मामले में आईपीसी की धारा 295 (ए), 298, 500, 34 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.
बॉम्बे हाई कोर्ट के वकील आशीष राय और पंकज मिश्रा ने भी ‘आदिपुरुष’ के नए पोस्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत में कहा गया है कि फिल्म मेकर ने हिंदी धार्मिक किताब ‘रामचरितमानस’ के किरदारों को गलत तरीके से पेश किया है। बॉलीवुड फिल्म ‘आदिपुरुष’ के नए रिलीज हुए पोस्टर ने हिंदू धार्मिक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (ए), 298, 500, 43 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग के साथ शिकायत दर्ज की गई है।
पहनावे पर भी सवाल
पोस्टर में भगवान राम को ऐसे वेश-भूषा में दिखाया गया है जो कथित तौर पर हिंदू पाठ रामचरितमानस की प्राकृतिक भावना के खिलाफ है। यह दावा किया जाता है कि पोस्टर में जनेऊ को छोड़कर सभी पात्रों को दिखाया गया है। कहा जाता है कि हिंदू सनातन धर्म में जनेऊ का विशेष महत्व है, जिसका लोग कई दशकों से पुराणों के आधार पर पालन करते आ रहे हैं।