Adani lic new plan :देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने कंपनियों के ऋण और इक्विटी जोखिम को सीमित करने की योजना बनाई है। कहा जा रहा है कि अडानी समूह की कंपनियों में निवेश को लेकर आलोचनाओं के घेरे में आने के बाद बीमा कंपनी जोखिम कम करने के लिए यह कदम उठा रही है। न्यूज एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के माध्यम से बताया है कि एलआईसी की निजी कंपनियों, समूह की कंपनियों और अन्य के लिए अपने कर्ज और इक्विटी एक्सपोजर को कैप करने की योजना है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एलआईसी कंपनियों में अपने डेट और इक्विटी में एक्सपोजर की सीमा तय करेगी। बीमा कंपनी निवेश की रणनीतियो को मजबूत करना चाहती है, ताकि रिस्क को कम किया जा सके। हलांकि अभी एलआईसी बोर्ड की ओर से इसपर मंजूरी नहीं मिली है। मौजूदा नियम के मुताबिक वर्तमान में एलआईसी के किसी भी कंपनी में 10 फीसदी आउटस्टैंडिंग इक्विटी या डेट से ज्यादा इन्वेस्ट नहीं कर सकती है।
Also Read- Bhabhi affair : पति से दूर होते ही भाभी अपने देवर से बनाने लगी संबंध, फिर हो गया बवाल
अडानी मामले में हुई थी आलोचना
एलआईसी कंपनी अपने फण्ड को शेयर बाजार में निवेश करती है। बीमा कंपनी ने अडाणी की सात कंपनियों में निवेश किया है। एलआईसी का अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी ग्रीन एनर्जी, अदानी पोर्ट्स, अदानी टोटल गैस, अदानी ट्रांसमिशन, अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी में एक्सपोजर है। इस निवेश का मूल्य 30127 करोड़ रुपए है। कर्ज और इक्विटी दोनों को मिलाकर एलआईसी का अडानी कंपनियों पर कुल एक्सपोजर 36474.78 करोड़ रुपये है। यह एक्सपोजर एलआईसी के कुल निवेश का महज 0.975% हिस्सा है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट की वजह से जब अडानी के शेयर गिरे तो एलआईसी के निवेश की वैल्यू भी गिर गई। जिससे भारी हंगामा हो रहा है। अडानी समूह की कंपनियों में निवेश के लिए एलआईसी की काफी आलोचना हुई है। अब कंपनी एक्सपोजर को कैप करने की तैयारी कर रही है।