Ratan Tata : Google और Flipkart जैसी बड़ी कंपनियों (Companies) ने पैसे बचाने के बारे में सोचे (think)बिना अपने कर्मचारियों (Employees)को सूली में चढ़ा देती है, वही देश (Country) के सबसे बड़े बिजनेसमैन टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) ने एक बार फिर बड़ा दिल कर इंसानियत (Humanity) की मिसाल कायम की है. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) ने मुंबई, तुलजापुर, हैदराबाद और गुवाहाटी में 115 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा (Announcement)की है। इसमें 55 संकाय सदस्य (Member) और 60 गैर-शिक्षण कर्मचारी शामिल (Involved)हैं। 28 जून को उन्हें एक नोटिस देकर सूचित किया गया कि उनका अनुबंध 30 जून, 2024 के बाद समाप्त (End) हो जाएगा। लेकिन रतन टाटा के नेतृत्व वाले टाटा एजुकेशन ट्रस्ट (टीईटी) ने संस्था को दान बढ़ाने का आश्वासन (Assurance)दिया है। इसके बाद कंपनी ने कर्मचारियों की निलंबित होने की प्रतिक्रिया को रोक दिया.यह पहली बार (first time) नहीं है जब रतन टाटा ने कर्मचारियों पर मेहरबानी (obligation) दिखाई है.रिपोर्टर के मुताबिक़ (according to) आपको बता दें कि टीसीएस ने पहले ही किसी भी कर्मचारियों की छंटनी ना करने का फैसला (Decision) कर लिया था,
कोरोना के दौरान जब कंपनियां बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की चयन कर रही थीं,जहा पर कुछ पढ़े लिखे थे तो कई अनपढ़ थे, तब वही रतन टाटा ने इसका कड़ा विरोध करते हुए बड़ा कदम उठाया था . उन्होंने कहा कि कोरोना के कठिन समय में कंपनियों की लोगों के प्रति जिम्मेदारी है.आपने उन लोगों को त्याग दिया है जिन्होंने आपके लिए काम करते पूरी लगन से मेहनत के साथ। उन उद्यमियों और कंपनी कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील होना महत्वपूर्ण है जो लंबे समय तक काम करते हैं और अच्छा प्रदर्शन करते हैं। महामारी के दौरान आप अपने कर्मचारियों के साथ इसी तरह व्यवहार करते हैं। इसी के साथ उन्हने छंटनी रोकने का ऐलान रतन टाटा की अगुवाई वाले टाटा एजुकेशन ट्रस्ट (TET) के उस फैसले के बाद किया गया, जिसमें ट्रस्ट ने आर्थिक अनुदान बढ़ाने का फैसला किया है.Ratan Tata
भारत रत्न की मांग
कहा जाता है की रतन टाटा देश के एकमात्र उद्योगपति हैं, जिनके अंदर इंसानियत है और वह हर किसी का सहारा बनते है. जिन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से कई बार सम्मानित किया गया है। 2022 की स्टार्टिंग में, ट्विटर पर हैशटैग #भारतरत्नफॉररतनटाटा के साथ एक अभियान शुरू किया गया था, जिसमें मांग की गई थी कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। हालांकि, तब रतन टाटा ने लोगों से इस अभियान को रोकने की मांग की थी और कहा था कि वह भारतीय होने के नाते खुद को भाग्यशाली मानते हैं। रतन टाटा को 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। अब तक देश के एकमात्र उद्योगपति जेआरडी टाटा को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है,जहा पर सभी खूब तालिया बजाई और शब्दों से भी सम्मान का बोध कराया।Ratan Tata
हम आपको बाता दे की इनका को जन्म 28 दिसंबर 1937 में हुआ था वही रतन टाटा सन 1991 से 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष थे। इस दौरान उन्होंने टाटा ग्रुप को बुलंदियों पर पहुंचाया। रतन टाटा न केवल एक अच्छे उद्योगपति हैं बल्कि एक अच्छे इंसान भी हैं। वह अपने साथ काम करने वालों का बहुत ख्याल रखते हैं। उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जाता है जो हमेशा अपने कर्मचारियों के साथ खड़े रहते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई कर्मचारी कंपनी में किस रैंक पर है। एक बार रतन टाटा एक कर्मचारी की जान बचाने के लिए खुद विमान चलाने का फैसला किया था। घटना अगस्त 2004 में हुई थी. पुणे में टाटा मोटर्स के एमडी प्रकाश एम तेलंग की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी और डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत मुंबई के लिए रवाना करने की सलाह दी। जहा कोई एयर व्यवस्था नहीं हो पा रही थी. तब। Ratan Tata
ट्रेंड पायलट
दिन रविवार का था और डॉक्टर एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं कर सके थे। जब रतन टाटा को इस बारे में इस बात की जानकारी मिली तो वह सब कुछ छोड़ कर कंपनी का विमान उड़ाने के लिए रेडी हो गए थे । टाटा के पास पायलट का लाइसेंस भी था. पर इसी बीच एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की गई और प्रकाश को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाया गया. वहां उनका सफल इलाज किया गया. टाटा मोटर्स के साथ लगभग 50 वर्षों तक काम करने के बाद प्रकाश 2012 में सेवानिवृत्त हुए। रतन टाटा एक प्रशिक्षित पायलट हैं और उनके पास विमान उड़ाने का लाइसेंस है। वही एक खाश जानकारी यह भी है की उनके पास दसॉ फाल्कन 2000 प्राइवेट जेट भी है, जिसकी कीमत लगभग 150 करोड़ रुपये है। वह नेक इंसान होने के साथ -साथ वह काफी रईस भी थे भगवान ने उन्हें सब कुछ दिया था। Ratan Tata