Jabalpur : जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में किसानों से समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदी में बड़ा घोटाला सामने आया है। बड़ाईखेड़ा चरगंवा स्थित मयंक गोदाम के मालिक नरेंद्र तोमर (Owner Narendra Tomar) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. एवं कम्प्यूटर आपरेटर विवेक राजपूत (Computer Operator Vivek Rajput) थाने में आरोपित के खिलाफ कनिष्ठ आपूर्ति पदाधिकारी अवा शर्मा (Junior Supply Officer Ava Sharma) द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
Jabalpur : प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रबी उपार्जन वर्ष 2023-24 के तहत किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जित करने के लिए मयंक भण्डार गृह में गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र बनाया गया था. यह शॉपिंग सेंटर है।
ऐसे पकड़ा गया हेरफेर
इन अधिकारियों की संयुक्त जांच में 20 मई को पता चला कि मयंक गोदाम स्थित इस खरीद केंद्र में 70 हजार गुणवत्ता वाले बारदाने उपार्जन के लिए उपलब्ध कराए गए थे. रेट प्रति बोरा 50 क्विंटल है। कम्प्यूटर जनरेट रिपोर्ट में 36 हजार 200.50 क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई जांच टीम को क्रय केंद्र पर 1 हजार 200.50 क्विंटल नकली गेहूं मिला.
आरोपों की पुष्टि के लिए जांच टीम को मौके पर 50 बोरे बेतरतीब ढंग से तोले भी मिले। इन थैलियों में निर्धारित 25.29 क्विंटल बोरी वजन 580 ग्राम के स्थान पर मात्र 24.69 क्विंटल गेहूं ही मिला। 0.5934 क्विंटल गेहूं की प्राप्ति हुई। तौल के बाद गेहूं कम है। तौल में गड़बड़ी पाई गई, मयंक वेयरहाउस के वास्तविक स्टॉक में 847.09 क्विंटल गेहूं की कमी थी।
टैग और कोड भी गायब
साथ ही जांच दल को किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदे गये गेहूँ के थैलों पर कोड टैग एवं किसानों के नाम नहीं पाये गये जो कि उपार्जन नियमों एवं शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन है। अनुबंध का नाम टैग करना अनिवार्य है। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद में हेराफेरी के इस मामले में एग्री प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक व मयंक वेयरहाउस के मालिक नरेंद्र तोमर व कंप्यूटर आपरेटर विवेक राजपूत हैं. इस गोदाम स्तरीय क्रय केंद्र के खिलाफ चारगनोआ थाने में धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.