MP AAP News: काफी लंबे समय से मध्य प्रदेश में भंग पड़ी आम आदमी पार्टी (AAP) कार्यकारिणी को प्रदेश में नया अध्यक्ष मिल गया है. सिंगरौली से 43 वर्षीय महापौर रानी अग्रवाल को मध्य प्रदेश का आम आदमी पार्टी का अध्यक्ष मनोनीत किया है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक द्वारा महापौर रानी अग्रवाल की नियुक्ति की गई है. पिछले नगरी निकाय चुनाव में रानी अग्रवाल ने बीजेपी प्रत्याशी चंद्र प्रताप विश्वकर्मा को महापौर चुनाव हराया। रानी अग्रवाल 2018 में 80 विधानसभा सीट से आपकी टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं उस समय काफी कब बोट से हार गई थी। आप पार्टी भी रानी अग्रवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया इस बात की जानकारी जब सिंगरौली वासियों को लगी तो जिलेभर में पटाखे फोड़ने लगे। समर्थकों का बधाई का ताता लग गया।
बता दें कि रानी अग्रवाल बीते दिनों राजधानी भोपाल में आयोजित हुए आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन में अपने साथ करीब 60 बसों में समर्थकों को लेकर भोपाल पहुंची थी। रानी अग्रवाल का कारवां देखकर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी मुरीद हो गए थे। रानी अग्रवाल मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली है। 12वीं तक पढ़ी अग्रवाल का लकड़ी का कारोबार है। वह लंबे समय से समाज समाज सेवा से जुड़ी रही। वह इससे पहले बीजेपी से भी जुड़ी रही। वह उनका सियासी सफर सरपंच से शुरू हुआ। जो जिला पंचायत सदस्य होते हुए सिंगरौली मेयर की सीट तक पहुंचा। इस बात से उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। श्रीमती रानी अग्रवाल प्रदेश अध्यक्ष बनी इस बात की जानकारी जब जिले वासियों को हुई तो उनके समर्थक खुशियां मनाने लगे और मिठाई बांटकर अपनी खुशियों का इजहार किया।
230 सीटों पर चुनाव लड़ेगी आप
गौरतलब है कि 14 मार्च आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने चुनावी शंखनाद कर दिया है. सीएम केजरीवाल ने कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए घोषणा की है कि आप पार्टी मप्र की सभी 230 सीटों पर विधानसभा प्रत्याशी उतारेगी. सीएम केजरीवाल ने कहा कि लोगों ने भाजपा और कांग्रेस को लंबे समय से देखते चले आ रहे हैं प्रदेश की जनता को तीसरे विकल्प का इंतजार था. प्रदेश की जनता का यह इंतजार खत्म हो गया है. मप्र में आप अब तीसरे विकल्प के रूप में तैयार है।।बता दें कि चर्चा यह भी है कि केजरीवाल की सभा में पार्टी प्रदेश के नेताओं ने 1 लाख लोगों को जुटाने का ऐलान किया था, लेकिन सभा में तीन हजार ही लोग एकत्रित हो सके। इससे नाराज होकर राष्ट्रीय नेतृत्व ने राज्य कार्यकारिणी का गठन टाल दिया। लेकिन आम आदमी पार्टी ने स्थानीय चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों की टेंशन जरूर बढ़ा दी है।