MP political news : सिंगरौली। भारतीय जनता पार्टी BJP आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश भर के हर जिले में रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए विशेष टीम का गठन कर मनाने के निर्देश दिए गए थे। जिसकी रिपोर्ट भी हाईकमान को सौंपनी थी। उसी परिपेक्ष में सिंगरौली जिले की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला former minister rajendra shukla को सौंपी गई थी। बीते मंगलवार को पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला सिंगरौली पहुंच भाजपा कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने का प्रयास किया। लेकिन रूठे वरिष्ठ भाजपाईयो के विरोध को देखते हुए माननीय उल्टे पाव एक दिवस में ही रीवा लौट गए। ऐसे में यही कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा के अंदर सीडा अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर यह विरोध की ज्वाला अब विधानसभा चुनाव पर कहीं भाजपा के लिए भारी न पड़ जाए।
MP political news : इधर बताते चले कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में उन नेताओं की पूछ परख बढ़ने वाली है। जब तक चुनाव नहीं रहता तब तक इन नेताओं की पूछ परख भाजपा के द्वारा नहीं की जाती है। जब भी विधानसभा या लोकसभा चुनाव आता है तो हाशिए पर चले गए नेताओं की पूछ परख फिर से बढ़ जाती है। यह कहा जा रहा है कि भाजपा में वरिष्ठ नेताओं को अब पूरी तरीके से दरकिनार कर दिया गया है अगर चुनाव नही आता तो इन नेताओं की पूछ परख शायद ना होती। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव होने जा रहा है जिसको लेकर अब रूठे नेताओं को मनाने के लिए पार्टी हाईकमान ने मध्य प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। रूठे को मनाने के लिए सिंगरौली में पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। भाजपा से जुड़े लोगों की बातों पर गौर करें तो विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी रणनीति तैयार की जा रही है।
साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य की प्रमुख पार्टियां तैयारियों में जुटी हुई है। चुनाव के मद्देनजर राज्य में राजनीतिक दलों को अपनों से ही खतरा है बीजेपी कांग्रेस अपनों को मनाने की तैयारी में है। क्योंकि चुनावी साल में उनके अपने ही बाधक बन सकते हैं। यही वजह है कि वरिष्ठ नेता जिले के दौरे कर 15 अप्रैल तक संगठन के सामने रिपोर्ट पेश करेगे। प्रदेश हाईकमान के निर्देश पर पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला सिंगरौली तो आए थे लेकिन जो जिम्मेदारी पूर्व मंत्री को भोपाल हाईकमान के द्वारा सौंपी गई थी। उस पर शायद खरे उतरते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। उसकी सबसे बड़ी वजह यह बताई जाती है कि सिंगरौली में भाजपा को अपनों से ही खतरा है। भले ही जनता बीजेपी को लाना चाहे लेकिन सिंगरौली में अंतर कलह की लड़ाई अब दिखाई देने लगी है और जब से भाजपा हाईकमान के द्वारा सिंगरौली विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष का मनोनयन किया है। तभी से विरोध के सुर अब पार्टी के भीतर बगावत करने की तैयारी कर रहे हैं। MP political news
पार्टी के भीतर मचा घमासान
भाजपा हमेशा से ही अनुशासन की पार्टी रही है लेकिन अनुशासन तभी तक नजर आता है। जब तक लोगों के मन मुताबिक पदों को दिया जाता है, लेकिन अब जब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं उसके पहले पार्टी में सामंजस्य बनाने के लिए सीडा अध्यक्ष की नियुक्ति की गई। लेकिन पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं मैं इस नियुक्ति को लेकर विरोध शुरू हो गया है। इन दिनों पार्टी के भीतर अध्यक्ष की नियुक्ति पर धमाका मचा हुआ है। कहा यह भी जा रहा है कि नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा के कई ऐसे चेहरे थे। जो अपनी ही पार्टी के पीठ पर छुरा खोपा था। नतीजा भाजपा प्रत्याशी चुनाव हार गए। MP political news
खुद खफा फिर भी मनाने की जिम्मेदारी
राजनीति से जुड़े लोगों की बातों पर गौर करें तो विंध्य के नेता राजेंद्र शुक्ला थे। जो विध्य की आवाज को सरकार तक पहुंचाते थे लेकिन इस बार के मंत्रिमंडल में रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला को मंत्री पद से नही नवाजा गया। जिसके चलते पार्टी के इस नीति से खुद खफा हैं फिर भी उन्हें सिंगरौली में रूठे को मनाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। भला जो खुद पार्टी से नाराज चल रहे हो उन्हें जिम्मेदारी सौपना पार्टी के हित में कितना सही है। इसी से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। जो भी हो लेकिन सिंगरौली मे इस बार विधानसभा चुनाव में जिस तरीके से अंतर कलह की लड़ाई दिख रही है। ऐसे में बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।