Played in road construction : सिंगरौली : मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर एनसीएल के सीएसआर फंड से बनाई जा रही चितरंगी क्षेत्र के फुलकेश गांगी और चिकनी मार्ग के दिन बहुरने की उम्मीद धूमिल होते नजर आ रही है। एनसीएल के सीएसआर फंड से करीब चार करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। इस सड़क का निर्माण सोन अभ्यारण के एरिया में कराया जा रहा है लेकिन सोन अभ्यारण से परमिशन नहीं लिया गया है। चर्चा है कि डीपीआर के अनुसार इस रोड का निर्माण नहीं हो रहा है। वहीं गांगी गांव में वर्चस्व रखने वाले लोगों ने ठेकेदार के साथ मिलकर इस सड़क के उद्देश्य ही बदल दिए हैं। ऐसे में फुलकेस के ग्रामीण के साथ खेला होने की चर्चा आम हो रहीं है। जबकि इस सड़क निर्माण का डीपीआर भी बदल चुका है।
बता दे की गांगी सोन नदी से करीब 50 मीटर दूर से सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। जबकि सोन अभ्यारण सिर्फ करीब 500 मी भीतर किसी भी तरह का निर्माण कर कराया ही नहीं जा सकता। ऐसे में यदि डीपीआर में सड़क निर्माण 50 मीटर की दूरी पर है तो वह पूरी तरह नियमों के विपरीत है। तो वहीं दूसरी तरफ सवाल यह भी है कि यदि डीपीआर में सोन अभ्यारण से करीब 50 मीटर दूरी से ही सड़क का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है तो क्या अभ्यारण से एनओसी ली गई है। चर्चा यह है कि ठेकेदार, एनसीएल अधिकारी और गांगी गांव के कुछ राजनीतिक तथा कथित लोग इस सड़क पर राजनीति कर रहे हैं। साथ ही सोन नदी से लगे इस सड़क के बन जानें से रेत कारोबारियों को सीधा फायदा होगा और सोंन अभ्यारण से दिन-रात रेत का खनन और परिवहन होगा। शासन की इस महत्वाकांक्षी रोड के बनने से करीब एक दर्जन ग्रामीणों को सीधा फायदा मिलता लेकिन राजनीतिक प्रभाव में फंसे होने के कारण अब इस रोड का उद्देश्य बदलता नजर आ रहा है। Played in road construction
फुलकेस के गांव राजनीति के शिकार
सीसीएल के सीएसआर फंड से बन रही फुलकेस गांगी चिकनी सड़क के राजनीतिक की शिकार होते नजर आ रही है। चर्चा है कि ग्रामीणों ने फुलकेस कस्बा के बीचों बीच सड़क निर्माण के पक्ष में है लेकिन ठेकेदार और एचसीएल के अधिकारी चंद लोगों को लाभ दिलाने के लिए सड़क का निर्माण कस्बा के बीचो-बीच ना करके इस कस्बा के बाहर बनाने का डीपीआर तैयार करवाया है। इसके लिए ठेकेदार और एचसीएल अधिकारियों का तर्क है कि कस्बा के बीच जमीन पट्टेदारों की संख्या ज्यादा और उनके बीच मतभेद के चलते पजेशन नहीं मिल रहा जबकि कस्बा क्षेत्र से लगी भू स्वामी जमीन देने के लिए सहर्ष तैयार हैं। Played in road construction
गांगी के कथित राजनीतिक कर रहे खेला
गांगी गांव में सोन अभ्यारण से करीब 50 मीटर दूरी से सड़क का निर्माण कई इशारे कर रहा है। इस सड़क के बनने के बाद रेत कारोबारी आसानी से सोन नदी के घाटों तक ट्रैक्टर, डंपर पहुंच सकेंगे। जिससे बालू की चोरी करना आसान हो जाएगा तो ही दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि यदि फूलकेस कस्बा के बीचो-बीच सड़क निर्माण कार्य होता है तो रेत कारोबार ग्रामीणों की नजर पड़ेगी। अवैध रेत की फोटो खींची जाएगी और उसे फिर वायरल किया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि ठेकेदार और एनसीएल के अधिकारियों ने डीपीआर को बदल दी हैं। Played in road construction
थोड़ी थोड़ी दूरी पर रेत के अवैध भंडारण का खेल
ठेकेदार पुलिस के संरक्षण में फुलकेस,गांगी और चिकनी गांव में खुलकर रेत का अवैध भंडारण किया जा रहा है। ठेकेदार ने सड़क निर्माण क्षेत्र को अघोषित रूप से रेत भंडारण बना दिया है। कई जगह ऐसे हैं जहां सैकड़ो डंपर रेत स्टॉक है। वहीं अब अपनी चोरी छुपाने के लिए सड़क ठेकेदार ने रेत एक ही जगह पर भंडारित करने की जगह सड़क के किनारे थोड़ी-थोड़ी दूरी पर 2-3 ट्राली रेत रात में लाकर डाल दी जाती है। जिसे देखने में ऐसा महसूस होता है कि जिसके घर के सामने रेत पड़ी हुई है वहां निर्माण कार्य चल रहा होगा जबकि ऐसा नहीं है। कई ऐसे स्थान हैं जहां सड़क किनारे रेत उड़ेल दी जाती है जहां किसी भी तरह का कोई निर्माण कार्य नहीं चल रहा है। इस तरह थोड़ी थोड़ी दूरी पर रेत के अवैध भंडारण का खेल पुलिस के संरक्षण में खुलेआम चल रहा है। Played in road construction