Singrauli News: कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा सहित निर्दलीय पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर किया हस्ताक्षर, भाजपा पार्षदों पर भी बैक डोर से मिल रहा समर्थन?
सिंगरौली। नगर पालिक निगम के गलियारे में सियासी गर्माहट एक बार फिर बढ़ गई है। नगर निगम के अध्यक्ष (स्पीकर) के खिलाफ कांग्रेस सहित अन्य दलों के 22 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। जिले में संभवतः यह पहला मामला है जब नगर पालिक निगम में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास की तैयारी की गई है। इस अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस आप और बसपा के पार्षद शामिल है। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 33 पार्षदों का होना आवश्यक है।
गौरतलब है कि सिंगरौली नगर पालिक निगम के कांग्रेस आप और बसपा के 22 पार्षदों ने मंगलवार को कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह की अगुआई में कलेक्ट्रेट पहुंच कर कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला को नगर निगम अध्यक्ष देवेश पांडे के खिलाफ अविश्वास व्यक्त किया। इस दौरान वार्ड क्रमांक 18 के पार्षद अखिलेश सिंह के साथ कांग्रेस पार्टी के 12 पार्षद, आम आदमी पार्टी के 5 पार्षद, बसपा के 3 पार्षद जबकि 2 निर्दलीय पार्षद साथ रहे। जिनमें से 22 पार्षद अविश्वास पत्र कलेक्टर को सौंपने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। पार्षदों ने बताया कि कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला से अविश्वास प्रस्ताव पत्र सौंपा है। कलेक्टर ने उन्हें 3 अक्टूबर का समय दिया है, जिस दिन अविश्वास प्रस्ताव में शामिल सभी 22 पार्षदों के बयान दर्ज किए जाएंगे और उसके बाद निगम एक्ट के तहत प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। वहीं कलेक्टर ने पार्षद दल से कहा है कि वे इस पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
भाजपा पार्षदों के सहमति पर अविश्वास प्रस्ताव ?
वार्ड क्रमांक 18 के पार्षद अखिलेश सिंह की अगुवाई में अविश्वास प्रस्ताव का पत्र सौंपने के बाद जिले की राजनीति गरमा गई है। श्री सिंह ने कहा कि नगर निगम अध्यक्ष की कार्य प्रणाली से पार्षदों में भारी असंतोष है। तीन-चार वार्डो में करोड़ों रुपए के विकास कार्य कराए गए जबकि भाजपा पार्षदों के ही वार्डो में मूलभूत सुविधाओं के लिए महापौर अध्यक्ष और आयुक्त के दफ्तरों के चक्कर काटते हैं। ऐसे में कई भाजपा पार्षद ही अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए आगे आए हैं। श्री सिंह ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ कांग्रेस पार्षद नहीं ला रहे हैं बल्कि आम आदमी पार्टी, बीएसपी, निर्दलीय पार्षदो सहित भारतीय जनता पार्टी के कई पार्षद भी अध्यक्ष को हटाने के लिए उनके पक्ष में वोट करेंगे।
विकास कार्य नहीं होने से नाराज है पार्षद
पार्षदों ने आरोप लगाया है कि वाडों में विकास कार्य के लिए बार-बार बोलने पर भी अध्यक्ष ध्यान नहीं देतें। इससे उनकी वार्ड की जनता बहुत ही आक्रोशित एवं मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान है। पार्षद शेखर सिंह ने कहा कि वे लगातार अपने वार्डों के विकास के मुद्दे परिषद में लाते हैं, लेकिन अध्यक्ष उन्हें वापस परिषद में भेजकर मामले को उलझा देते हैं। उन्होंने बताया कि यह कई साल से हो रहा है, जिससे पार्षदों में गहरा असंतोष है और वे अध्यक्ष को बदलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा पार्षद भी अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं। पार्षद परमेश्वर पटेल ने बहुमत जुटाने का दावा करते हुए कहा कि उन्हें 45 वार्ड के पार्षदों के हिसाब से वोटिंग के दिन 32 पार्षदों की जरूरत होगी, जो उन्हें मिल जाएंगे।
इनका कहना है
विपक्ष पार्षदों ने भ्रम फैला कर भाजपा के खिलाफ एक नया नॉरेटिव सेट कर अपनी राजनीति चमका रहे हैं। नगर सरकार आप पार्टी की है, टारगेट में भाजपा है, यह हास्यास्पद है। महापौर और कांग्रेस काम करने के बजाय निगम को राजनीतिक अखाड़ा बनाने में तुले हैं। विकास कार्य से इन्हें कोई लेना-देना नहीं।
देवेश पाण्डेय, अध्यक्ष, नगर पालिक निगम, सिंगरौली