Singrauli news : सिंगरौली, जून 09, 2023 विश्व पर्यावरण दिवस(World Environment Day) के मौके पर मिशन लाइफ के तहत पर्यावरण संरक्षण के लिए सन्देश देने के उद्देश्य से सोमवार को अदाणी समूह द्वारा विशाल पौधारोपण सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सरई तहसील अन्तर्गत सुलियारी और धिरौली खदान (Suliyari and Dhiroli mines under) क्षेत्र में इस वर्ष के पर्यावरण दिवस की थीम ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ ‘(Beat Plastic Pollution’)के तहत प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर ध्यान केन्द्रित किया गया।
Singrauli news : कार्यक्रम के दौरान सिंगरौली क्लस्टर हेड श्री बच्चा प्रसाद सहित तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। साथ ही पौधारोपण कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। अदाणी समूह के पर्यावरण विभाग और अदाणी फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के जरिए प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करके आम लोगों की दिनचर्या में पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों को शामिल करने का सन्देश दिया गया।
पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिए 4000 से अधिक पौधे रोपे , इस वर्ष 60 हजार से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य
इस मौके पर अदाणी समूह के पर्यावरण विभाग के द्वारा हरित पृथ्वी बनाने एवं सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से सुलियारी और धिरौली खदान के आसपास जहां चार हजार से ज्यादा पौधारोपण किया गया, वहीं इस वर्ष 60 हजार से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। लगाए गए पेड़ों में ज्यादातर नीम, अमलतास, महुआ, शीशम, आम और साल के पेड़ हैं। नीम बहुतायत में पाया जाने वाला वृक्ष है। यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है, इसलिए आम जीवन में इसका खूब प्रयोग होता है. इसकी पत्तियों से लेकर इसके बीज तक सब कुछ अत्यंत उपयोगी होते हैं। अमलतास के पेड़ भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। आदिवासी जनजातियों में महुआ का अपना एक अलग महत्व है। भारत में कुछ समाज इसे कल्पवृक्ष भी मानते हैं। मध्य एवं पश्चिमी भारत के दूरदराज वनअंचलों में बसे ग्रामीण आदिवासी जनजातियों के लिए रोजगार के साधन एवं खाद्य रूप में महुआ वृक्ष का महत्व बहुत अधिक है। Singrauli news
पर्यावरण को बचाने के लिए प्लास्टिक का उपयोग छोड़ना होगा
गौरतलब है कि आज के समय में बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण का बिगड़ता संतुलन का पूरा विश्व सामना कर रहा है। प्रदूषण हमारी हवा, जमीन और पानी में जहर घोल रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, हाल के दशकों में प्लास्टिक का उत्पादन तेजी से बढ़ा है और आज दुनिया में हर साल औसतन 40 करोड़ टन प्लास्टिक का कचरा पैदा हो रहा है, जो मानव स्वास्थ्य, जल एवं जीवन को प्रभावित कर रहा है। अध्ययनों से पता चला है कि लंबे समय तक प्लास्टिक के संपर्क में रहने से मनुष्य को मधुमेह, मोटापा, अस्थमा और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में बहुत जरूरी हो गया है कि लोग प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने में मदद करें।
रंगोली और पोस्टर बनाकर विद्यार्थियों ने समझाया पर्यावरण का महत्व
पर्यावरण दिवस के अवसर पर अदाणी फाउंडेशन के द्वारा बासी बेरदहा और खनुआ गांव में ड्राइंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जहां विभिन्न कक्षा के लगभग 60 बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले बच्चों को बासी बेरदहा की उपसरपंच श्रीमती रेणु सिंह और स्थानीय ग्रामीणों की उपस्थिति में पुरस्कृत किया गया। छात्र-छात्राओं ने पोस्टर मेकिंग के माध्यम से पर्यावरण का महत्व बताया, जबकि अदाणी फाउंडेशन के मदद से सिलाई-कढ़ाई के हुनर सीख रही 50 महिलाओं ने इस मौके पर आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए जल संरक्षण, वन्य जीव संरक्षण की आकर्षक व प्रेरक रंगोली बनाकर कला कौशल का प्रदर्शन किया। सभी विजेता प्रतिभागियों को झलरी के सरपंच श्री दिलीप सिंह के हाथों पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
पिछले कुछ महीने में अदाणी ग्रुप की पर्यावरण एवं सीएसआर टीम के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरूकता के ऐसे कई आयोजन कराए गए हैं, जिससे लोग पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार करने के लिए प्रेरित हो सकें। 20 मई को आयोजित एक शिविर में प्राकृतिक संसाधनों के सावधानीपूर्वक उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस शिविर में ‘मिशन लाइफ’ और पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली के विषयों पर ग्रामीण महिलाओं को जागरूक किया गया। क्षेत्र में जैव विविधता संरक्षण के महत्व और प्लास्टिक प्रदूषण के विनाशकारी परिणामों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और एक स्थायी जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इस तरह के कार्यक्रम पूरे वर्ष स्थानीय विद्यालयों, पंचायती संस्थानों, स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों एवं ग्रामीण बाजारों जैसे सार्वजानिक स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे।