Singrauli news : सिंगरौली 27 अप्रैल। गढ़वा थाना क्षेत्र के सेवा सहकारी समिति कुशाही (Service Cooperative Society Kushahi of Garhwa Police Station area) में पदस्थ समिति प्रबंधक की अग्रिम जमानत याचिका भी उच्च न्यायालय जबलपुर से 18 अप्रैल (Court from Jabalpur on 18 April) को खारिज हो गयी। अपराध पंजीबद्ध (crime registered) किये जाने के दो महीने बाद भी गढ़वा पुलिस ने लाखों रूपये की हेराफेरी करने वाले समिति प्रबंधक को गिरफ्तार करने में असफल रही है। आरोप है कि गढ़वा पुलिस एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मुख्य शाखा सीधी से घोटालेबाज समिति प्रबंधक को संरक्षण मिला हुआ है।
Singrauli news : गौरतलब हो कि सेवा सहकारी समिति मर्यादित कुशाही में धान खरीदी के दौरान समिति प्रबंधक बसंत सिंह ने व्यापक पैमाने पर हेर-फेर किया था। यहां तक की खरीदी केन्द्र से तकरीबन 12 सौ क्विंटल धान में गड़बड़झाला किया गया। मामला उजागर होने पर हरकत में आये खाद्य निरीक्षक की रिपोर्ट पर गढ़वा थाने में समिति प्रबंधक के खिलाफ भादवि की धारा 406, 408 एवं 409 के तहत 22 फरवरी को दर्ज की। अपराध पंजीबद्ध किये जाने के दो महीने बाद भी 25 लाख रूपये का घोटाला करने वाले समिति प्रबंधक को गिरफ्तार करने में असफल रही।
चर्चाओं के मुताबिक गढ़वा पुलिस ने समिति प्रबंधक को जमानत के लिए छूट दी थी ताकि सेवा से बर्खास्त न हो। वहीं सीसीबी के सीईओ ने भी मेहरबानी दिखाई है। जहां समिति प्रबंधक को सीसीबी बैंक शाखा चितरंगी में अटैच किया गया है। इधर जानकारी के मुताबिक समिति प्रबंधक ने उच्च न्यायालय जबलपुर में विद्वान न्यायाधीश श्रीमती नन्दिता दुबे के न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए अधिवक्ता के माध्यम से याचिका लगाया था। जहां न्यायाधीश के द्वारा समिति प्रबंधक की अग्रिम जमानत को भी खारिज कर दिया है। याचिका 18 अप्रैल को खारिज की गयी है। अग्रिम जमानत खारिज होने के बावजूद गढ़वा पुलिस समिति प्रबंधक पर रहम करम दिखा रही है। इसको लेकर सेवा सहकारी समितियों में भी तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। हालांकि अभी सीसीबी बैंक के अधिकारी इस मामले में चुप्पी साध लिये हैं।
25 लाख से अधिक रकम का किया है हेर-फेर
आरोप है कि समिति प्रबंधक ने दो-चार लाख नहीं बल्कि कुशाही समिति में 25 लाख रूपये का गड़बड़झाला किया है। तकरीबन 12 सौ क्विंटल से अधिक की धान में हेर-फेर कर शासन को चूना लगाने का प्रयास किया। लेकिन मामला उजागर होने के बाद खाद्य अधिकारी भी हरकत में आये। वहीं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से समिति प्रबंधक को 25 लाख रूपये की रिकवरी नोटिस भेजकर राशि जमा कराने के लिए निर्देशित किया है। हालांकि यह नोटिस अभी नहीं बल्कि फरवरी महीने में ही भेजी गयी थी। इसके बावजूद 25 लाख रूपये राशि जमा नहीं किया है। उल्टा जमानत के लिए इधर-उधर भागदौड़ किया जा रहा है। ताकि कहीं से राहत मिल जाये। अब सवाल उठ रहा है कि क्या 25 लाख रूपये समिति प्रबंधक जमा करेगा?