UPSC Success Story : यूपीएससी देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। कई बार उम्मीदवार इस परीक्षा को क्रैक करने की पूरी कोशिश करते हैं। कुछ उम्मीदवार इतने जुनूनी (candidates so passionate) होते हैं कि कोई भी बाधा उन्हें रोक नहीं पाती है और वे इस कठिन परीक्षा को पास (pass the hard test) कर लेते हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक युवक के आईपीएस बनने के संघर्ष (struggle to become ips) की कहानी बता रहे हैं। ये कहानियाँ आपको किसी भी चुनौती से निपटने के लिए प्रेरित करेंगी और आपके आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा देंगी।
UPSC Success Story : राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले राम भजन प्रजापत खुद पहले कांस्टेबल बने थे. इसके बाद उन्होंने 8 प्रयासों में यूपीएससी पास किया और देश भर में 667वीं रैंक हासिल की।
प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की पढ़ाई
2015 में, दिल्ली में एक कांस्टेबल के रूप में काम करते हुए, राम भजन अपने वरिष्ठ अधिकारी से प्रेरित हुए और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने इसके लिए दिल्ली में एक साल तक कोचिंग भी की और फिर सेल्फ स्टडी शुरू कर दी। प्रतिदिन 7 से 8 घंटे राम भजन का पढ़ाई करने का निश्चय किया।
उन्होंने एक के बाद एक 7 बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली। उसके बावजूद भी राम भजन ने हार नहीं मानी और मायूसी अपने चेहरे पर नहीं आने दी। उन्होंने एक बार फिर यूपीएससी की आठवीं बार परीक्षा दी।
दिल्ली पुलिस में हुआ चयन
राम भजन प्रजापत ने 2012 में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसी दौरान उनका चयन दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में हुआ और इसी साल उनकी शादी हो गई। लेकिन, राम भजन का मकसद बड़ा था। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, उन्होंने गैर-कॉलेज स्नातक किया और पीजीओ किया। साथ ही NET JRF हिंदी विषय के लिए योग्य है।
रामभजन ने मजदूरी भी की
रिश्ते में भाई लगने वाले अनिल प्रजापत का कहना है कि इनके परिवार की हालत बेहद खराब थी। हमने वे दिन देखे हैं जब वे गुज़ारा करने के लिए कड़ी मेहनत करते थे। इस बात को ध्यान में रखते हुए, रामभजन ने फैसला किया कि मुझे कुछ बनना चाहिए। उसी के चलते आज राम भजन ने यूपीएससी की परीक्षा में संघर्ष किया और उसमें सफल हुए।
यह न केवल परिवार के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे समुदाय को खुशी है कि राम भजन प्रजापत जैसे बालक ने अपना और अपने परिवार का भविष्य उज्जवल किया है।