सिंगरौली 20 अप्रैल। सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का समय पर संतुष्टिपूर्ण निराकरण नहीं हो रहा है, जिसकी वजह से लंबित शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सीएम डैशबोर्ड के अनुसार सिंगरौली जिले में शिकायतों की संख्या 5530 पहुंच गई है।जिसमें सर्वाधिक शिकायतें राजस्व, खाद्य आपूर्ति विभाग, एमपीईबी के साथ-साथ नगर निगम के विभिन्न शाखाओं से जुड़ी हैं।
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आमजनों की समस्याओं के निराकरण के लिए सीएम हेल्पलाईन शुरू किया। ताकि आमजनों के शिकायतों का निराकरण किया जा सके। इसी के तहत सीएम हेल्पलाईन के ताजा आंकड़ों के अनुसार करीब 5583 सीएम हेल्पलाईन के शिकायत आवेदन वर्तमान समय में लंबित हैं। इन शिकायतों में सबसे ज्यादा नगर निगम के राजस्व में 7, साफ-सफाई व स्वास्थ्य सेवाएं के 38, पेयजल समस्या 81, सिविल विभाग के 22, सिवरेज के 13, भवन अनुज्ञा के 9, अस्थायी अतिक्रमण के 8, प्रकाश व्यवस्था के 5, आवारा पशु व आवारा सुअर के 2-2, यांत्रिकी योजना प्रकोष्ठ ननि के 42, सामान्य प्रशासन व स्मार्ट सिटी के 5-5, जन्म एवं मृत्यु पंजीयन ननि के 1, समस्त जन कल्याणकारी योजनाएं ननि के 2, शिकायतें पहुंची हैं। जिनका निराकरण अभी नहीं हो पाया है। वहीं प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के 110, खसरा खतौनी के 29, प्राकृतिक प्रकोप राहत राशि के 74, सीमांकन के 77, भू-अर्जन के 143, जिला अस्पताल के 66, भू-अर्जन के 143,लीड बैंक संस्थागत वित्त 116, पंचायत राज के 164, स्वच्छ भारत मिशन पंचायत विभाग 51, मनरेगा के 120, ऊर्जा विभाग के 423, खनिज विभाग के 65, खाद्य आपूर्ति विभाग के 732, पुलिस अमले के 213, लोक निर्माण विभाग के 21, राजस्व विभाग के 933, लोक स्वास्थ्य विभाग के 356,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 393, वन विभाग के 35, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त कल्याण विभाग के 86, सामान्य प्रशासन विभाग के 28, लोक शिक्षण विभाग के 74, पशु पालन विभाग के 10, राज्य शिक्षा केन्द्र के 78, संस्थागत वित्त के 345, महिला एवं बाल विकास विभाग के 77, क्रियान्वयन इकाई पीआईयू के 3, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के 11 सहित अन्य विभागों सहित 5583 शिकायतें सीएम हेल्पलाईन में पहुंची हुई हैं।
इन शिकायतों के निराकरण के लिए कलेक्टर ने विभाग प्रमुखों को सख्त निदे्रश दिया है। इसके बावजूद कई ऐसे शिकायतें हैं जिनका निराकरण प्रदेश स्तर तक नहीं हो पा रहा है। फिलहाल जिले में सीएम हेल्पलाईन के 55 सौ से अधिक शिकायतें लंबित होने एवं चुनिंदा विभागों की सर्वाधिक शिकायतें होने पर विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्यप्रणाली को लेकर प्रश्रचिन्ह भी खड़ा किया जा रहा है।
45 फीसदी एल-4 लेवल की हैं शिकायतें
सीएम हेल्पलाईन में शिकायतें लगातार दर्ज हो रही हैं। आंकड़े बताते हैं कि एल-1 के 2162, एल-2 के 375, एल-3 के 617 सहित 3154 आवेदन लंबित हैं। वहीं एल-4 लेवल के 2429 शिकायतें पहुंची हुई हैं। इन शिकायतों का निराकरण भोपाल स्तर के अधिकारियों को किया जाना है। बताया जा रहा है कि एल-1 से लेकर एल-3 तक का अमला 2429 शिकायतों का निराकरण करने में सक्षम नहीं रहा। लिहाजा उक्त शिकायत भोपाल स्तर तक पहुंच गयी है। सीएम हेल्पलाईन में लगातार पहुंच रहीं शिकायतों को लेकर सरकारी तंत्र की कार्य पद्धति पर भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं। सीएम हेल्पलाईन में इतनी शिकायतें क्यों पहुंच रही हैं इसको लेकर जिला व खण्ड स्तरीय विभागों के प्रमुख चिंतित नजर आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री की सख्ती
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रदेशभर के अधिकारियों से कहा कि सीएम हेल्पलाइन में आने वाली जनता की शिकायतों का अधिकारी संतुष्टिपूर्ण निराकरण करें। बिना संतुष्टि के शिकायत फोर्स क्लोज पर संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिकायतों के निराकरण में विलम्ब न हो।
शिकायत को बंद कराने का रहता है दबाव
सीएम हेल्पलाईन में शिकायतेें लगातार पहुंच रही हैं। इन शिकायतों के निराकरण के लिए कुछ विभाग का अमला आवेदकों पर ऐसा दबाव बनाते हैं कि वे मजबूर होकर शिकायत वापस ले लेते हैं। सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस अमला इस तरह का हथकंडा अपनाती है। सूत्र यहां तक बताते हैं कि यदि शिकायतकर्ता सीएम हेल्पलाईन से शिकायत को वापस नहीं लिया और वहां संतुष्ट होने का जिक्र नहीं किया तो पुलिस उन्हें थाने में भी तलब कर नसीहत देने लगती है। इस तरह की शिकायतें लगातार मिलती रहती हैं। पुलिस के झमेले में न पड़ें इसलिए मजबूर होकर लोगबाग अपनी शिकायतों को बंद कराने के लिए सहमति दे देते हैं। इसके अलावा राजस्व विभाग का कुछ अमला इसी तरह का हथकंडा अपनाता है। वहीं नगर निगम भी इससे पीछे नहीं है।