Adani:28 साल के मैकेनिकल इंजीनियर वर्गीज कुरियन ( Mechanical Engineer Verghese Kurien ) ने अच्छी नौकरी छोड़कर गुजरात के आणंद शहर ( Anand city of Gujarat ) में इस कंपनी की शुरुआत की। आज यह कंपनी देश की बड़ी कंपनियों से ज्यादा नौकरियां पैदा करती है। देश का हर दूसरा, तीसरा व्यक्ति इस कंपनी का कोई न कोई प्रोडक्ट product जरूर इस्तेमाल करता है। आइए जानते हैं इस कंपनी की कहानी
नई दिल्ली: जब दूध की बात आती है तो आपके जुंबा पर सबसे पहले अमूल का नाम आता है. 78 साल पहले शुरू हुई यह कंपनी रोजाना 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को अपने उत्पाद परोसती है। आपको हैरानी होगी कि यह कंपनी अंबानी, टाटा और अडानी जैसी बड़ी कंपनियों से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है। एक बार फिर यह कंपनी चर्चा में है। चर्चा में इसलिए क्योंकि 12 साल बाद अचानक कंपनी के एमडी आरएस सोढ़ी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह अब जायन मेहता यह जिम्मेदारी संभालेंगे। अमूल में आए इस बदलाव के बीच आज हम आपको इसकी पूरी कहानी बता रहे हैं. Adani
76 साल पहले शुरू हुआ था
आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड (अमूल) की शुरुआत 76 साल पहले गुजरात में हुई थी। 28 साल के मैकेनिकल इंजीनियर (mechanical engineering)वर्गीज कुरियन ने अच्छी नौकरी छोड़कर गुजरात के आणंद शहर में इस कंपनी की शुरुआत की।जब यह कंपनी शुरू हुई तो किसानों से प्रतिदिन 247 लीटर दूध एकत्र किया जाता था। आपको जानकर हैरानी होगी कि 76 साल बाद आज अमूल में रोजाना 2.50 करोड़ लीटर दूध इकट्ठा होता है। आज भारत में 100 करोड़ लोग हर रोज अमूल के किसी न किसी उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं. Adani
अंबानी-अडानी से ज्यादा रोजगार
आपको यह सुनकर हैरानी होगी कि रोजगार देने के मामले में अमूल देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों को भी पीछे छोड़ रहा है। रोजगार देने के मामले में अमूल रिलायंस, अडानी, अंबानी, टाटा ग्रुप को पछाड़ रही है। अडानी करीब 2 लाख लोगों को रोजगार दे रहा है। वहीं, टाटा ग्रुप के कुल कर्मचारियों की संख्या 8 लाख के करीब है। रिलायंस (reliance) में 3 से 4 लाख रुपए लोग काम करते हैं। वहीं अमूल में 15 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। अमूल प्रोडक्शन, ( production ) प्लांट वर्कर्स(plant worker), ट्रांसपोर्ट,(transport) मार्केटिंग(marketing) , डिस्ट्रीब्यूशन और सेल्स में बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा कर रहा है। अमूल से 35 लाख से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं। कंपनी के 87 प्लांट हैं, जो डेयरी उत्पाद, मिठाई आदि बनाते हैं।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में 30 प्रतिशत
गुजरात के एक गांव से शुरू हुए इस बिजनेस से किसान, चरवाहे, पशुपालक, महिलाएं जुड़ीं. कंपनी के एमडी आरएस सोढ़ी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उनका मकसद गांव के किसानों और पशुपालन को अर्थव्यवस्था से जोड़ना है. अमूल ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दे रहा है। अमूल ग्रामीण अर्थव्यवस्था ( basic rural economy ) में दैनिक आधार पर लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देता है। अमूल का दावा है कि यह एक सहकारी समिति है जो अपनी कमाई का 80 फीसदी किसानों को देती है। अमूल ने लगातार वित्तीय विकास बनाए रखा। साल 1994-95 में इसका टर्नओवर 1114 करोड़ रुपये था, साल 2020-21 में यह 39248 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. अमूल और उसके 18 जिला सहकारी दुग्ध उत्पादकों का कुल कारोबार 53 हजार करोड़ रुपए पहुंच गया है.
अमूल गर्ल का कोई जवाब नहीं
अमूल ने हमेशा अपने उत्पादों के साथ-साथ अपने विज्ञापन पर भी जोर दिया है। एक समय था जब ‘अटली बाटली डिलीशियस अमूल’, ‘अमूल दूध पीता है इंडिया’ जैसे विज्ञापन लोगों के दिमाग पर छाए रहते थे। ‘अमूल गर्ल’ को कौन नहीं पहचानता? पोल्का डॉटेड फ्रॉक पहने अमूल गर्ल इस ब्रांड की पहचान बन गई है। दूध और डेयरी उत्पादों में प्रवेश करने के बाद, अमूल ने गैर-डेयरी उत्पादों में अपना विस्तार शुरू किया। अमूल द्वारा खाद्य तेल, आटा, दूध आधारित पेय पदार्थ, शहद जैसे एफएमसीजी (FMCG) उत्पाद लॉन्च किए गए हैं।
3 में से 2 लोग रोजाना अमूल से कुछ खाए या पीए बिना नहीं रह सकते
रिपोर्टर ने अमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर आरएस सोढ़ी ( Amul Managing Director RS Sodhi ) से बात की। उन्होंने कहा कि देश में करीब 100 करोड़ लोग अमूल का दूध या कोई और उत्पाद खाते या पीते हैं।
वर्तमान में अमूल गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश, कश्मीर, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब समेत 16-17 राज्यों में मौजूद है। यह दूसरे राज्यों तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।
पहले दिन 247 लीटर दूध कलेक्ट किया, अब रोजाना 2.50 करोड़ लीटर
अमूल ने जब शुरुआत की थी तो पहले कुछ दिनों तक सिर्फ 247 लीटर दूध प्रतिदिन इकट्ठा हो पाता था, लेकिन 75 साल में कंपनी दिन-रात मजबूत होती चली गई।
आज यह प्रतिदिन 2.50 करोड़ लीटर दूध एकत्र करता है। क्या आप जानते हैं कि 35 लाख से ज्यादा पशुपालक या किसान ( rancher or farmer ) अमूल को रोजाना कितने लोग दूध भेजते हैं? इनमें से 27 लाख अकेले गुजरात के हैं। बाकी 7 लाख दूसरे राज्यों के हैं।
चौंकिए मत, वाकई अमूल अंबानी-अडानी से ज्यादा रोजगार मुहैया कराता है
रोजगार के मामले में अमूल रिलायंस, अडानी ग्रुप और टाटा ग्रुप जैसे भारत के टॉप कॉरपोरेट्स ( Top Corporates of India ) से आगे है। आरएस सोढ़ी के अनुसार एक लाख लीटर दूध का संग्रह, प्रसंस्करण और वितरण ( processing and distribution ) करीब 6000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है।