दमोह– मध्य प्रदेश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दमोह में होने जा रहे उपचुनाव के लिये प्रचार करना भारी पड़ गया। शहर के उमा मिस्त्री की तलैया इलाके में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जमकर विरोध हो गया। CM शिवराज सिंह के सामने अजीबो गरीब हालात बन गए जब लोगों ने अपने हांथों में तख्तियां लेकर सवाल किये की चुनाव में कोरोना नहीं है तो चुनाव के बाद कोरोना क्यों ?
बता दें कि सोमवार की रात विधानसभा उपचुनाव के लिए वोट मांगने आये मुख्यमंत्री को चुनावी सभा को समबोधित करना था तभी सभा स्थल पर CM का काफिला आया तो किनारे खड़े लोगों ने अपने हांथों में बैनर और तख्तियां ली और शान्ति पूर्वक नारेबाजी करने लगे / गाड़ी में सवार सीएम ने लोगों के गुस्से को देखा और रुकने की ज़हमत नहीं की / लेकिन लोगों के गुस्से को CM की सुरक्षा में लगे दमोह पुलिस के जवानो ने सहन नहीं किया और प्रदर्शन करने वाले लोगों को ना सिर्फ खदेड़ा बल्कि हाँथ पैर भी चलाये . प्रदर्शन कर रहे लोग शादी समारोहों से जुड़े व्यवसायी थे जिनमे टेंट डीजे , लाइट साउंड , मैरिज गार्डन और केटरिंग का काम करने वाले मजदूर भी शामिल थे।
दरअसल दमोह में इन दिनों विधानसभा उपचुनाव चल रहा है और आगामी 17 अप्रेल को वोट डाले जाएंगे। CM की सरकार ने सूबे के दूसरे जिलों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते कही दो दिनों के वीकली लाकडाउन तो कई जगहों पर 10 -1O दिनों का लाकडाउन लगाया है लेकिन सरकार ने निर्वाचन आयोग का हवाला देकर दमोह जिले को फ्री जोन में रखा है मतलब यहाँ किसी को कोई रोक टोक नहीं है लेकिन जिले के कलेक्टर ने घोषणा की है की 18 अप्रैल से शिवराज सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए लाकडाउन जैसी प्रक्रिया की जायेगी .
इस बात को लेकर शादी समारोहों से जुड़े व्यवसायी नाराज है उनका कहना है की आगामी 22 अप्रैल से शादियों के मुहूर्त शुरू है और फिर लाकडाउन से उनके व्यवसाय बंद हो जाएंगे जबकि सरकार चुनाव में छूट दिए हुए है और इस बात से वो खफा है. प्रभावित हो रहे लोग कह रहे है की ये सरकार का दोहरा चरित्र है और बीते साल भर में उनके सामने खाने के लाले पड़े है. सी एम का विरोध करने और बैनर लहराने पर पुलिस कार्यवाही की नाराजगी भी साफ़ देखी जा रही है जबकि पुलिस के अधिकारियों का कहना है की प्रदर्शन कर रहे लोगों को सिर्फ हटाया गया किसी भी तरह का बल प्रयोग नहीं किया गया है ।