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Delhi news : दिल्ली। देश में घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं केंद्र से लेकर राज्य घरेलू हिंसा के लंबित मामलों को लेकर सख्त नहीं दिखाई दे रहा है. जबकि जुलाई 2022 तक देश में घरेलू हिंसा के 471000 मामले लंबित थे जो काफी दुखद है. इन लंबित मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट काफी सख्त दिखाई दे रहा है. यही वजह है कि केंद्र से राज्यों के प्रधान सचिवों की बैठक बुलाने को कहा गया है.
Delhi news : इधर बता दें कि देश में घरेलू हिंसा के मामलों में बढोत्तरी होती जा रही है. आए दिन नए नए मामले सामने आ रहे हैं. यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा के लंबित मामलों को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. शीर्ष न्यायालय ने महिलाओं की सुरक्षा प्रदान करने वाले कानून को लागू करने से जुड़ी समस्याओं पर चिंतन करने के लिए केंद्र व राज्यों के प्रधान सचिवों की एक बैठक बुलाने के निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालत ने घरेलू हिंसा कानून के तहत संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति का उल्लेख करते हुए कहां है कि जिस तरह से संख्या बढ़ रही है. यह काफी चिंताजनक है जस्टिस की पीठ ने कहा है कि 1 जिले के लिए ऐसे एक अधिकारी का होना काफी पर्याप्त होगा. क्योंकि उनमें से प्रत्येक लगभग 4 से 500 मामलों को नहीं संभाल पाएंगे. इसलिए संख्या बढ़ाने की जरूरत है ताकि घरेलू हिंसा को रोका जा सके. Delhi news
यह भी माना जा रहा है कि वैवाहिक घरों में प्रताड़ित महिलाओं को प्रभावी कानून सहायता प्रदान करने के लिए देश भर में पर्याप्त बुनियादी ढांचे और उनके लिए शेल्टर होम की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने यह बातें कहीं पीठ ने कहा है कि इन परिस्थितियों में यह आवश्यक होगा कि देश भर में इस पहलू पर गहनता से विचार हो. शीर्ष अदालत ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव को इस मुद्दे से निपटने के लिए सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों की बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं. क्योंकि आए दिन देश में घरेलू हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं और इन मामलों पर मंथन नहीं हो रहा है और मामले लंबित पड़े हुए हैं. इस मामले की सुनवाई करने के लिए केंद्र से राज्यों के प्रधान सचिव की बैठक बुलाने के लिए निर्देश दिया गया है. Delhi news