देवास- फाइन आर्ट में माहिर मध्य प्रदेश के देवास शहर के प्रशांत तिवारी अपनी पेंटिंग की कला से लोगों के दिलों पर राज करते हैं प्रशांत मात्र 5 मिनट से भी कम समय में लोगों की तस्वीरें पेपर में उखेर देता है। प्रशांत बचपन की हॉबी पेंटिंग कला को आर्थिक तंगी के चलते प्रोफेशन तौर पर आगे नहीं ले जा सके, लेकिन अब नौकरी करने के बाद वह अपने हॉबी को पूरा करने के लिए एक बार फिर पेंटिंग कला की शुरुआत की है। हलांकि फाइन आर्ट को आज तक व्यवसाय के रूप से प्रसिद्धि नहीं मिली हैं।
बता दें कि 27 वर्षीय प्रशांत तिवारी गुजरात के वड़ोदरा जिले में फार्मा कंपनी में एग्जीक्यूटिव पोस्ट पर कार्यरत है इस दौरान जब उन्हें खाली वक्त मिलता है तो वह अपना शौक पूरा करने के लिए हाइपर रियल स्टिक पेंटिंग करते हैं। वह चारकोल की मदद से पलक झपकते ही किसी की तस्वीर हूबहू उखेर देते है। इस आर्ट में चारकोल का प्रयोग किया जाता है लेकिन घर की माली हालत कमजोर होने के चलते वह चारकोल खरीदने में सक्षम नहीं थे ऐसे में लकड़ी की जले हुए कोयले का उपयोग किया और उसी से अपने हुनर को तस्वीरों में उतारना शुरू कर दिया अब उनकी इस कला को न केवल देवास शहर में बल्कि मध्य प्रदेश के बाहरी राज्य में भी सराहा जा रहा है।
प्रशांत ने 2014 में बी फार्मा की पढ़ाई के दौरान फेसबुक पेज गुडविल फाइन आर्ट गैलरी (Good willing Art gallery) नाम से पेज बनाया था।https://www.facebook.com/582328951905637/posts/2230893033715879/इसके बाद उसने अपनी पेंटिंग लोगों से शेयर करना शुरू किया। प्रशांत बताते हैं कि फेसबुक के जरिए प्रोफेशनल तौर पर तो उन्हें आर्डर नहीं मिले लेकिन उनकी कला को पसंद करते हुए उनके कलिग अपने पेंटिंग के आर्डर जरूर दिए हैं और उन्होने भी अपने दोस्तों की खुशी के लिए बिजी शेड्यूल के बीच समय निकालकर उनकी पेंटिंग बनाई है।
प्रशांत ने बताया कि अब तक उनकी इस फाइन आर्ट को प्रसिद्धि तो नहीं मिली लेकिन उनकी कई तस्वीरें आज भी कई घरों की शोभा बढ़ा रहीं है । प्रशांत की कला को शहरवासी भी सराह रहे हैं। उन्हें जैम स्ट्रीट, जन्मदिन पार्टी, संगीत संध्या व अन्य पार्टियों समेत कई आयोजनों में फेस पेंटिंग के लिए बुलाया जाता है। प्रशांत ने बताया कि फाइन आर्ट स्थाई कमाई का जरिया नहीं है अभी तक इस आर्ट को इतनी प्रसिद्धि नहीं मिली है कि कोई आर्टिस्ट इस व्यवसाय से अपने घर का खर्च चला सके यही वजह रही कि वह अपने इस शौक को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए लेकिन नौकरी मिलने के बाद वह अपने इस शौक को एक बार फिर उस मुकाम तक ले जाना चाहते हैं जहां इसकी ख्याति न केवल भारत में बल्कि विदेशों तक पहुंच सके।
परिचय : देवास शहर के गुरूनानक नगर सिंधी कॉलोनी निवासी प्रशांत तिवारी की मां श्रीमती सुनीता तिवारी एवं पिता श्री प्रदीप तिवारी है प्रशांत तिवारी ने सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से स्कूलिंग करने के बाद टीआईटी कॉलेज भोपाल फार्मेसी की पढ़ाई पूरी की प्रशांत बचपन से ही अपना पूरा ध्यान आर्ट पर लगा दिया उन्हें फाइनर्ट काफी पसंद था हालांकि इसके लिए उन्होंने कभी कोई क्लास नहीं कि घर पर ही अपनी कला को निकाला और अपना कैरियर भी पेंटिंग मे बनाना चाहते थे लेकिन घर की आर्थिक हालत बहुत अच्छी नहीं होने के चलते वह अपने इस हुनर को आगे नहीं ले जा सके ।उन्होंने अपनी यह भी इच्छा जताई कि वह भविष्य में अपना कैरियर बनाने के बाद बच्चों को निशुल्क आर्ट सिखाना चाहते है इसके लिए उनके मां-बाप का भाई बहन का पूरा साथ मिला है।