Madhya Pradesh news: मध्य प्रदेश के 2 बड़े महानगरों इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली (Police Commissioner System) का नोटीफिकेशन जारी कर दिया गया है. शिवराज सरकार ने इसका ऐलान करने के बाद भोपाल के 38 थाने और इंदौर के 36 थाने कमिश्नर सिस्टम के अंतर्गत आएंगे। फिलहाल पुलिस कमिश्नर सिस्टम के पिरामिड में डीजी, एडीजी स्तर के अधिकारी को पुलिस कमिश्नर बनाया जा सकता है.नए कमिश्नरों की घोषणा एक हफ्ते में की जाएगी। गृह मंत्री और प्रदेश सरकार के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की।
बता दें कि अब भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब दोनों शहरों में कानून व्यवस्था की कमान सीधे तौर पर पुलिस के हाथों में होगी. एडीजी/आईजी स्तर का अधिकारी पुलिस कमिश्नर होगा। उनकी मदद के लिए दो एडिशनल पुलिस कमिश्नर होंगे। उसके बाद 8 डीसीपी, 10 एडीसीपी, 33 एसीपी, ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1 एसपी होगा। इसी तरह इंदौर में स्वीकृत पदों में थोड़ा बदलाव रहेगा। इंदौर में पुलिस कमिश्नर को मदद करने के लिए दो एडिशनल कमिश्नर, 8 डीसीपी, 12 एडीसीपी, 30 असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1 एसपी होगा। नई व्यवस्था के तहत पुलिस अधिकारियों के पास सीआरपीसी की धारा 20, 106, 124, 129, 132, 144, 144-क, के तहत मजिस्ट्रियल शक्तियां होंगी। सरकार ने दोनों बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने के साथ ही कई अधिकार पुलिस को दे दिए हैं ताकि सीधे तौर पर कार्रवाई हो सकेगी.
पुलिस कमिश्नर सिस्टम के अंतर्गत भोपाल में एक पुलिस आयुक्त, 02 अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, 08 पुलिस उपायुक्त, 10 अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, 33 सहायक पुलिस आयुक्त एवं 01 पुलिस अधीक्षक ग्रामीण का पद होगा।@mohdept @JansamparkMP @jdjsindore pic.twitter.com/gGTfIaDE2x
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) December 9, 2021
बता दे कि मप्र के दो बड़े शहरों में लंबी रिहर्सल के बाद पुलिस कमिश्नर की व्यवस्था शुरू की जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए भोपाल और इंदौर में आयुक्त प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया गया है. उनके मुताबिक राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर होगी. पुलिस अच्छा काम कर रही है।हालांकि पुलिस और प्रशासन ने बहुत कुछ हासिल कर लिया है, लेकिन शहरी आबादी अपराध तेजी से बढ़ रहे है। इसलिए जरूरी है कि नई व्यवस्था को लागू किया जाए। पुलिस आयुक्त प्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री को अधिसूचना भेजी गई थी। जहां से मंजूरी मिल गई है। इसके बाद पुलिस एक्ट, अनैतिक व्यापार अधिनियम, मोटर व्हीकल एक्ट, अनैतिक व्यापार अधिनियम, राज्य सुरक्षा अधिनियम जैसे कुछ कानूनों में संशोधन करना होगा, जिसे जल्द से जल्द कर रहे हैं।
आचार संहिता का नहीं होगा असर
डॉ. मिश्रा ने कहा कि आचार संहिता इस समय पंचायतों में लागू है। जो निर्णय लिया गया है, वह दो महानगरों के लिए है। वहां नगर निगमों के चुनाव अभी नहीं होने हैं। इस वजह से आचार संहिता का इस फैसले पर कोई असर नहीं होगा।बता दे कि इससे पहले साल 2020 में भी भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की अटकलें थीं. लेकिन, ऐन वक्त पर ऐसा नहीं हो सका. इसके पीछे IAS और IPS लॉबी के बीच अधिकारों को लेकर लड़ाई बताई जा रही थी.
भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली में शहरी क्षेत्र के कुल 38 थाने शामिल होंगे।@mohdept @JansamparkMP pic.twitter.com/UjLh0dSZh4
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कमिश्नरी में बनेंगी अदालतें
डॉ मिश्रा ने कहा कि कमिश्नरी के पास पूरा सिस्टम है, जो धीरे-धीरे आकार लेगा। इसके तहत पुलिस आयुक्त के कार्यालय में कोर्ट भी बनेगी साथ ही पूरी व्यवस्था की जाएगी। आयुक्त के पास कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्ति होती है, यही वजह है कि अदालतें बनने के लिए बाध्य हैं। अगर यह व्यवस्था इंदौर-भोपाल में सार्थक होती है, तो इसे राज्य के अन्य शहरों में भी बढ़ाया जा सकता है।
प्रशासनिक अधिकारियों का कोई विरोध नहीं
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रशासनिक अधिकारी इंदौर-भोपाल आयुक्त प्रणाली का विरोध कर रहे हैं, डॉ मिश्रा ने कहा कि यह सही नहीं है। मेरे बगल में दोनों अफसर बैठे हैं। आपको पूछना है पूछ लीजिए । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्णय लिया है, इसलिए हम इसे लागू कर रहे हैं। इसको लेकर अधिकारियों में कोई विवाद नहीं है। वे राज्य को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। ये सारे कयास सिर्फ मीडिया में लगाए जा रहे हैं.
इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली में शहरी क्षेत्र के कुल 36 थाने शामिल होंगे।@mohdept @JansamparkMP pic.twitter.com/lU8x46odiq
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