MP News (खरगोन)। दीपावली के अवसर में गरीब ठेला व्यापारियों की मुश्किलें उसे समय बढ़ गई जब नगर पालिका कर्मियों ने अतिक्रमण हटाने लगें। नगर पालिका के अधिकारियों ने शहर के एमजी रोड पर लगे ठेलों को जब्त कर लिया था. जिसके बाद व्यापारियों ने विरोध करते हुए जमकर हंगामा किया था. वहीं अब इस मामले में राजनीतिक घमासान शुरू हुआ तो बड़ी कार्रवाई हो गई है. नपा सीएमओ ने राजस्व निरीक्षक को तत्काल निलंबित कर दिया है.
सीएमओ कुलदीप किशुंक ने बताया कि नगर पालिका ने राजस्व निरीक्षक को इस प्रकार कोई आदेश जारी नहीं किया था. लेकिन बावजूद इसके मनमानी तरीके से कार्यवाही करने वाले नपा के राजस्व निरीक्षक हरिराम सिंधिया को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं. व्यापारियों के हंगामा के बाद राजनीति के रोटियां सेकने वाले नेता एक्टिव हो गए। जहां जिम्मेदारों ने व्यापारियों की नाराजगी को कम करने वाला एक्शन लिया। इधर, नगर पालिका अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने इसे नपा को बदनाम करने की साजिश बताया है. उन्होंने सभी दुकानदारों से बिना डर भय के किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान नहीं देते हुए व्यापार करने के साथ सामाजिक सौहार्द के साथ दीपावली मनाने का आग्रह किया है.
यह है पूरा मामला?
बता दें कि, एमजी रोड पर लगे बेतरतीब ठेलों को नपा कर्मियों ने जब्त कर लिया था. व्यापारियों ने इसका विरोध किया तो यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए अधिकारियों का आदेश बताया और पकड़े गए ठेलों को नपा परिसर लाया गया. जिसके बाद जमकर विवाद हुआ और सभी नपा परिसर पहुंचे और ठेले वापस करने की मांग करते हुए हंगामा किया. दीपावली की मौके पर की गई कार्यवाही पर जनप्रतिनिधियों ने दी आपत्ति जताई। वहीं सूचना मिलते ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से थाना प्रभारी बलराम राठौर टीम के साथ मौके पर पहुंचे. वहीं तहसीलदार शिवराम कनासे भी मौके पर पहुंचे और लोगों से चर्चा कर उन्हें जांच के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया. तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ.
इस दौरान एक महिला ने बताया कि ठेला लगाकर वह बच्चों का पालन-पोषण करती है. नगर पालिका कर्मियों ने उसका ठेला बिना कोई सूचना के उठा लिया है. ऐसे में उसको अपने बच्चों के भरण पोषण की भी चिंता सताने लगी है। हालांकि मौके पर पहुंचे तहसीलदार और थाना प्रभारी ने उसे दिलासा दिलाते हुए कहा कि किसी के साथ भी अन्याय नही होगा. सबको सारा सामान वापस मिलेगा.इन सारे हंगामे के बाद नगर पालिका कर्मियों ने ठेलों के लिए जगह तय की. ताकि आम आदमी परेशान न हो.जब नगर पालिका कर्मियों से कार्रवाई के बारे में चर्चा कि गई तो उन्होंने भी इसे अधिकारियों का आदेश बताया. बता दें कि इतनी बड़ी कार्रवाई कर्मचारी अधिकारी बिना किसी के निर्देश के नहीं कर सकते. अब सवाल खड़ा होता है कि आखिर किसने कार्रवाई का निर्देश दिया था?