CMHO मध्य प्रदेश का नेंत्र चिकित्सा सहायक संघ ने खोला सीएमएचओ के बिरूद्ध मोर्चा,399 पेज का अभ्यावेदन का ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंप की कार्यवाही की मांग,सीएमएचओ व डीडीपीएम नेत्र सीधी की लड़ाई पहुंची भोपाल
सीधी। छात्रों को चश्मा मुहैया कराने के नाम पर हुए घोटाले के खुलासा होते ही सीएमएचओ व डीडीपीएम नेत्र के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने के बजाए बढ़ता जा रहा है यह लड़ाई सीधी से निकलकर भोपाल पहुंच गई है। डीडीपीएम के पक्ष में मध्य प्रदेश नेत्र चिकित्सा सहायक संघ ने 399 पेज का अभ्यावेदन का ज्ञापन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंप कर जांच कराने के मांग करते हुए दोषी सीएमएचओ व लिपिक के खिलाफ कार्यवाही की मांग किया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिरूद्ध सिंह सेगर के अनुसार सीधी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पदीय अपमान सहित नेत्र सहांयक को प्रताणित करने का आरोप लगाकर जांच कराने की मांग किये है। इसके पूर्व सीएमएचओ पर चस्मा घोटाला करने का मामला उजागर हुआ था तब से सीएमएचओं सुर्खियों मे बने हुए हैँ।
बता दें कि दोनों अधिकारियों के बीच हो रही कागजी द्वंंद के कारण चिकित्सा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। एक तरफ जहां मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नेत्र सहायक रामपुर नैकिन का वेतन बीते 9 महीने से रोक कर परेशान किया जा रहा है वही नेत्र सहांयक को रामपुर नैकिन से 120 किलोमीटर दूर सीएचसी सिहावल अटैच कर दिया गया जिससे नेत्र सहायक डॉ एके द्विवेदी परेसान हो रहे है।। उधर नेत्र सहांयक ने भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पर चस्मा घोटाला का आरोप जड़कर पूरे प्रदेश मे सनसनी फैला दी थी जिससे सीएमएचओ नेत्र सहांयक डॉक्टर द्विवेदी से रुष्ट हो गए वे उनके खिलाफ कार्यवाही का प्रस्ताव भी कमिश्रर सहित स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया है।वैसे अगर गौर करें तो दोनो अधिकारियों के बीच लड़ाई सीएमएचओं के प्रभार लेने के दौरान से चालू हो गई थी जो निरंतर जारी है।
नेत्र चिकित्सा संघ द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में बताया है मुख्यचिकित्सा अधिकारी को जब से प्रभार मिला है तब से वे यातनाएं देकर मोटी रकम की मांग कर रहे है पत्र में लिखा है कि अक्टूबर 2020 से डॉक्टर बी एल मिश्रा को सीएमएचओ का प्रभार न्यायालय के आदेश पर मिला है तब से वे निरंकुश हो गये है। उन्होंने प्रभार लेते ही नेत्र सहायक डॉक्टर ए के द्विवेदी की वेतन रोक दी नत्र सहांयक ने अपनी बेतन की मांग की तो कमीशन की मांग करने लगें हद तो तब मुख्य चिकित्साधिकारी ने कर दी जब नेत्र सहांयक से बेतन निकालने के बदले में 17 फरवरी 2021 को 50,000 की रिश्वत खुले तौर पर मांग ली जिसे देने से नेत्र सहायक ने असमर्थता जताई तो मनगढ़ंत आरोप लगाकर कारण बताओ नोटिस जारी करनेे लगे जिसका नेत्र ने जबाव तो दे दिया,किंतु सीएमएचओ को तो कमीशन दिख रहा था वे बेतन देने के बजाय डां एके द्विवेदी कों सीएचसी सिहावल अटैच कर दिया है। उधर नेत्र सहायक डॉ एके द्विवेदी अपने आप को कम नहीं आका उन्होंने सीएमएचओ के आदेश को दरकिनार करते हुए रामपुर नैकिन में ही सेवाए देते रहे है।
घोटाला उजागर तो तमतमाए सीएमएचओ
नेत्र सहांयक को परेशान कर रहे सीएमएचओ की पोल जब खुलने लगी तो वे तम तमा गये वे नेत्र सहायंक को मिले डां की उपाधि को ही अपमानित करने लगे इतना ही नही सरकार व प्रशासन को भेजे गये पत्र में ही उल्लेखित कर बैठे की नेत्र सहांयक डां नही है फिर भी डांक्टर लिखकर जनता को गुमराह कर रहे है उधर मध्य प्रदेश नेत्र चिकित्सा सहायक संघ ने सीएमएचओ डॉ बीएल मिश्रा पर डॉ एके द्विवेदी को मिली विश्वविद्यालय से उपाधि पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह सेगर ने सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ लिपिक प्रकाश पांडे सहायक ग्रेड & के विरुद्ध पदीय गरिमा को ठेस पहुंचाने पर न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने सहित विभागीय तौर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने सहित तमाम बिंदुओं की जांच कराकर समुचित कार्रवाई करने की मांग की है। संघ ने सीएमएचओ डॉ बीएल मिश्रा व कार्यालय लिपिक प्रकाश पांडे के विरुद्ध कार्रवाई ना होने की दशा में प्रदेश स्तरीय आंदोलन प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। देखना है दोनो अधिकारियों के बीच जारी आरोप प्रत्यारोप का अंत कब और कैसे होगा यह समय के गर्त में छिपा हुआ है।