बुरहानपुर: मध्यप्रदेश में सुशासन और अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था का दंभ भरने वाली सरकार बुरहानपुर की इस तस्वीर को भी देख ले. यह तस्वीर बुरहानपुर के सुदूर धूलकोट स्वास्थ की है. जहां मरीज आज भी बैलगाड़ी पर प्राथमिक स्वस्थ केंद्र पहुंचते है. इन्हें न तो एंबुलेंस मुहैया हो पाती है न कोई सुविधा. हालांकि इस समय प्रशासन कोरोना का हवाला देकर खुद की कमियो पर पर्दा डालने की नाकाम कोशिश कर रहा है।
एमपी के बुरहानपुर का आदिवासी बाहुल्य धूलकोट स्वास्थ सुविधाओं को लेकर सुर्ख़ियों में रहता है ताजा मामला उप स्वास्थ्य केंद्र धूलकोट का है जहां डिलीवरी के बाद घर जाने के लिए प्रसूता को एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली मजबूरन प्रसूता के परिवार ने प्रसूता और नवजात बच्चे को चिलचिलाती धूप में बैलगाड़ी में सवार करके ले गए इधर जिला प्रशासन ने कहा डिलीवरी होने के 3 दिन तक प्रसूता को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती रहना पड़ता है लेकिन आदिवासी क्षेत्रों में डिलीवरी के तुरंत बाद प्रसूता व उसके परिवार घर जाने की जिद करते हैं जिसके चलते ऐसे हालात बनते हैं अब स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के जरिए हितग्राहियों को जागरूक किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न ना हो