धार/ डही । मध्य प्रदेश समेत देश-विदेश में जहां कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है, वहीं धार जिले के डही विकासखंड के कई गांव को आज तक कोरोना महामारी छू भी नहीं पाई। कोरोना काल के अब तक के 15 माह में इस गांव में एक भी कोरोना का मामला सामने नहीं आया। यह इसलिए मुमकिन हुआ है, क्योंकि यहां प्रकृति ही ग्रामीणों का सुरक्षा कवच रही। ये गांव पहाड़ों व नदी किनारे बसे हैं। फलियों में दूर-दूर घर बने हैं। स्वस्थ हवा है। पर्यावरण की छांव उनके स्वस्थ जीवन का आधार है। ज्यादातर घर खेतों व पहाड़ियों में बने हैं। कुएं और झिरियां यहां के प्राकृतिक फिल्टर हैं, जिसका पानी इनकी दिनचर्चा का हिस्सा है। घर के बुजुर्गों ने बिना बिजली का दौर देखा है। अब भी दूरस्थ व दुर्गम इन गांव के कुछ फलियों तक बिजली नहीं पहुंची है। जहां बिजली है, तो घरों में फ्रिज नहीं हैं। मटके का पानी ही उपयोग करते हैं।
बता दें कि कोरोना संक्रमण जब पूरे शबाब में था तब भी विकासखंड के ग्राम कष्टा, छाछकुआं, दसाना, दभानी व कातरखेड़ा ऐसे गांव हैं, जहां के लोगों को कोरोना छू भी नहीं सका। इसकी वजह है कि ग्रामीण खेती सहित मवेशियों को चराने के लिए कई किलोमीटर चलते हैं अपने दैनिक जीवन के कामों के कारण उनका शरीर प्राकृतिक रूप से मजबूत रहता है साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कोई 1 दिन में नहीं बढ़ती बल्कि लंबे समय तक स्वच्छ वातावरण की दी रहने पर बढ़ती है। गांव की महिलाओं ने अपने-अपने घरों के सामने सैनिटाइजर, पानी की बाल्टियां और साबुन रखे हुए हैं. अगर परिवार का कोई भी व्यक्ति गांव में आता है या अपने खेत-खलियान से आता है तो पहले घर के बाहर रखे साबुन से अपने हाथ और पैरों को धोता है. उसके बाद ही घर में प्रवेश करता है.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के मुताबिक विकासखंड के इन पांच गांव के अलावा 25 और ऐसे गांव हैं, जहां कोरोना का मरीज नहीं मिला। बीएमओ डा. विजय अहरवाल ने बताया कि प्रकृति से जुड़े रहने के कारण क्षेत्र के आदिवासियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। साथ ही लाकडाउन के दौरान यहां के लोगों ने नियमों का कड़ाई से पालन किया और वे अपना गांव छोड़कर दूसरी जगह नहीं गए। इस वजह से वे सुरक्षित रहे। साथ ही इसकी दूसरी वजह यह भी है कि उनके घर दूर-दूर होने से उनका एक-दूसरे से मिलना भी नहीं हुआ।
डही विकासखंड के धरमराय, पड़ियाल, सिलकुआं, किकरवास, पिपलुद, अमलाल, रनगांव, भगावा, सिदड़ी, पन्हाल, रेबड़दा, उमराली, अराड़ा, अतरसुमा, कलमानी, कलमी, करजवानी, बड़दा, टेमरिया, गांगपुर, देवधा, जामदा, ठेग्चा, मकड़वानी, बड़वान्या इन 25 गांव में कुल 70 लोगों को दूसरी लहर में कोरोना हुआ था। जबकि पड़ियाल व अमलाल में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई थी। ये आंकड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डही से मिले हैं। ये 25 गांव वे हैं, जहां न्यूनतम एक व अधिकतम तीन से चार केस मिले हैं। इनमें से अधिकतर गांव जो हैं, वे डही व कुक्षी शहरी क्षेत्र से जुड़े होने के साथ ही इनमें से कुछ में व इनके पास के गांव में भगोरिया हाट आयोजित हुए थे।