पंचतत्व में विलीन हुआ वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री विवेक तिवारी बबला जी का पार्थिव शरीर
मप्र के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश वासी श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी जी के बड़े पोते और सिरमौर विधानसभा से कांग्रेस का चुनाव लड़ चुके वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री विवेक तिवारी बबला जी का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया।
मुखाग्नि उनके बेटे ने दी उनके अंतिम दर्शन के लिए रीवा सांसद श्री जनार्दन मिश्र पूर्व मंत्री विधायक श्री राजेंद्र शुक्ल, सिंगरौली प्रदेश कार्य सचिव अमित द्विवेदी, पूर्व विधायिका श्रीमती बबीता साकेत, श्रीमती विद्यावती पटेल से लेकर कांग्रेस भाजपा बसपा सपा कम्युनिस्ट आम आदमी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता पार्टी के कार्यकर्ता समाजसेवी पत्रकार अधिवक्ता व शहर के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे इसके पूर्व आज अपराहन 1:00 बजे दिल्ली से विशेष वायुयान द्वारा उनका पार्थिव शरीर चोरहटा हवाई पट्टी में लाया गया जहां से शहर के मुख्य मार्ग से होते उनके अमहिया स्थित निवास में रखा गया।
अमाहिया में श्रद्धांजलि देने के लिए करीब 5 हजार से अधिक लोग श्रद्धांजलि दी। जहां हजारों की तादाद में बबलू भैया को चाहने वाले लोगों का हुजूम था और एक ही नारा लग रहा था जब तक सूरज चांद रहेगा बबला भैया आपका नाम रहेगा के जोरदार नारे लग रहे थे।
अमहिया में तकरीबन आधे घंटे में उनके निज निवास में रखने के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके गृह ग्राम तिवनी के लिए ले जाया गया। जहां लोग उनका अंतिम दर्शन किया।
एयरपोर्ट से लेकर तिवनी के सफर में उनके साथ रीवा से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके उनके अनुज युवा नेता श्री सिद्धार्थ तिवारी राज ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित संजय त्रिपाठी पिंकू तिवारी, अमित द्विवेदी,मामाजी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोविंद तिवारी, प्रहलाद सिंह, सुशील तिवारी, रविंद्र दुबे मप्र विधानसभा के सचिव रहे सत्यनारायण शर्मा, डॉ मुजीब खान, राजेंद्र शर्मा, चंद्रमणि शुक्ल, सत्यनारायण तिवारी, रमेश तिवारी, राकेश तिवारी, बृजेश पांडे, तिवारी सहित हजारों की तादाद में रीवा व तिवनी के लोग एकत्र हुए।
बता दे की श्री बबला अपने पीछे अपनी सहधर्मणी सिरमौर विधानसभा से कांग्रेस के सिंबल से पिछला चुनाव लड़ चुकी श्रीमती अरुणा तिवारी जी एक बेटी और एक बेटा को छोड़ गए होली होने के बाद भी आज का रीवा का माहौल ऐसे लग रहा था जैसे यहां का एक पुण्य तारा पृथ्वी लोक को अलविदा कह कर आकाशगंगा में समाविष्ट हो गया हो।
दादा श्रीनिवास तिवारी के प्रिय पोते होने के चलते उनका घर ही बबला के नाम से जाना जाता था।
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