Sidhi political news सिंगरौली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव मिशन 2023 के विधानसभा सिहावल के चुनावी समीकरण पर भाजपा कांग्रेस की नजर टिकी हुई है। राजनीतिक कारों की राय माने तो विधानसभा सिहावल में भाजपा कांग्रेस में कडा़ मुकाबला होने के आसार लग रहे हैं। बता दे की 2008 में स्वर्गीय इंद्रजीत पटेल को मात देकर विश्वामित्र पाठक विधायक बने थे। क्या मिशन 2023 में कमलेश्वर पटेल अपनी जीत बरकरार रख पाएंगे या फिर भाजपा प्रत्याशी विश्वामित्र पाठक का फिर से डंका बजेगा। जो भी हो लेकिन सिहावल विधानसभा को लेकर इस समय भाजपा प्रत्याशी गांव गांव जनसंपर्क में जुटे हुए हैं।
गौरतलब हो कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा कांग्रेस के साथ-साथ सभी राजनीतिक संगठन सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। साथ ही भाजपा ने कई सीटों पर अपना प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में उतार दी है। जहा प्रत्याशी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच पहुंचकर जनसंपर्क कर लोगों को लुभाने वादे करते हुए दिखाई देने लगे हैं। यहां तक की गली चौराहा मे भी राजनीतिक समीकरण के दाव पेंच की बात की जा रही है। वहीं भाजपा ने विंध्य क्षेत्र से सीधी और सिहावल विधानसभा के लिए अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार दिये है।जबकि सिहावल विधानसभा मे कांग्रेश पार्टी कि महज अनौपचारिक घोषणा होना बाकी है।सिहावल सीट से भाजपा उम्मीदवार विश्वामित्र पाठक का मुक़ाबला कांग्रेश के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल से होनी है। इधर बात करे तो सिंगरौली जिले के कई गांव सिहावल विधानसभा में आते हैं ऐसे में सिहावल की राजनीति का असर सिंगरौली में भी देखने और सुनने को मिलने लगा है। सिहावल विधानसभा को लेकर इन दिनों कयाशो का दौर चल रहा है। सिहावल विधानसभा की बात करें तो कोलकटी, कनपूरा और बिजोरा की जनता ही यह निर्धारित करेगी की सिहावल विधानसभा का कौन विधायक होगा। जो भी हो लेकिन टिकट वितरण के बाद सिहावल विधानसभा में भाजपा कांग्रेस बिल्कुल आमने-सामने दिखाई दे रही है। प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद विश्वामित्र पाठक पूरी तरीके से जनसंपर्क में दिखाई दे रहे हैं। राजनीतिक कारों की माने तो विश्वामित्र पाठक के पास राजनीति का लंबा अनुभव होने के साथ-साथ साम,दाम,दंड,भेद सहित कई विशेषता से परिपूर्ण है। वहीं दूसरी ओर बात करें तो विधानसभा क्षेत्र के हर गांव में इनका जनसंपर्क काफी वर्षों से चल रहा है। ऐसे में इस बार सिहावल विधानसभा चुनाव में मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है। वही कमलेश्वर पटेल की बात करें तो इनको अभी हाल ही में कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी का मेंबर बनाया है। ऐसे में इनका कुनबा भी कांग्रेस में बड़ा है। अब यह देखना है कि सिहावल विधानसभा में इस बार मिशन 2023 में क्या जनता के बीच अपना वर्चस्व दिखा पाएंगे। Sidhi political news
भाजपा प्रत्याशी को यह चुनाव अग्निपरीक्षा से कम नहीं
भाजपा वर्तमान प्रत्याशी पूर्व विधायक सिहावल राजनीति में अपनी अलग पहचान रखने वाले श्री पाठक के लिए यह विधानसभा चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है क्योंकि सिहावल विधानसभा क्षेत्र से विश्वामित्र पाठक ने कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व मंत्री स्वर्गीय इंद्रजीत पटेल को 2008 के विधानसभा चुनाव में शिकस्त दी थी और विधायक निर्वाचित हुए थे। उसके बाद 2013 में विश्वामित्र पाठक भाजपा से प्रत्याशी हुए और कांग्रेस से कमलेश्वर पटेल प्रत्याशी और उस 2013 विधानसभा चुनाव में कमलेश्वर पटेल को 72928 मत जबकि विश्वामित्र पाठक को 40372 मत मिले और कमलेश्वर पटेल को बड़े अंतर से जीत हासिल हुई हालांकि इस चुनाव में बसपा के प्रत्याशी घनश्याम पाठक जो विश्वामित्र पाठक के भाई हैं वो भी चुनाव मैदान में थे और उन्हें 13982 मत मिले थे। रही बात भाजपा प्रत्याशी विश्वामित्र पाठक की तो राजनीति में लंबा अनुभव रखने वाले श्री पाठक अपने कार्य व्यवहार को लेकर जन प्रिय नेता है। वहीं दूसरी ओर विधानसभा क्षेत्र के हर गाँवो में जनसमर्थन भी है जिससे यह चुनाव दिलचस्प होगा। Sidhi political news
पैतृक विरासत में मिली सिहावल विधानसभा सीट
बता दे कि 2018 के विधानसभा चुनाव में एक दिलचस्प मोड़ आया जब कांग्रेस ने कमलेश्वर पटेल को ही प्रत्याशी बनाया तो वहीं भाजपा ने अप्रत्याशित रूप से विश्वामित्र पाठक का टिकट काट दिया और शिवबहादुर सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया तब विश्वामित्र पाठक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे और इस चुनाव में कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल को 63918 मत मिले,भाजपा के शिवबहादुर सिंह को 32412 तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी विश्वामित्र पाठक को 27121 मत मिले और कमलेश्वर पटेल को जीत हासिल हुई। अब 2023 में पुनः विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विश्वामित्र पाठक पर भरोसा जताया है और वहीं कांग्रेस से वर्तमान सीडब्ल्यूसी मेम्बर कमलेश्वर पटेल ही चुनाव में सामने होंगे और मुकाबला कड़ा होगा। वही कमलेश्वर पटेल को पैतृक विरासत में मिली सिहावल विधानसभा में विधायक बनने के बाद राजनीति में सक्रिय होकर आज सीडब्ल्यूसी मेंबर बन चुके है और इस पैतृक सीट और अपनी साख को बचाये रखने के लिहाज से यह चुनाव कमलेश्वर पटेल के लिए भी किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं मानी जा रही है। Sidhi political news