Singrauli News सिंगरौली। एमपी में बीजेपी की पांचवी सूची में बीजेपी ने सिंगरौली जिले के तीनों मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया। सिंगरौली और चितरंगी विधानसभा में जहां दो नए चेहरे उतारे हैं तो वहीं देवसर विधानसभा में पूर्व विधायक राजेंद्र मेश्राम पर भरोसा जताते हुए भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। टिकट कटते ही देवसर विधायक सुभाष रामचरित वर्मा हर्रइ में पत्रकारों से टिकट काटने की जो वजह बताई उसे सुनकर सिंगरौली सहित मध्य प्रदेश की राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मच गया। दरअसल देवसर विधायक सुभाष रामचरित वर्मा ने कहा कि सामंतवाद और जिले स्तर का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रदेश स्तर के एक नेता ने कोयले की वजह से उनका टिकट काट दिया। विधायक के इस बयान के अब कई मायने निकाले जा रहे हैं
गौरतलब है कि सिंगरौली में भाजपा ने सिटिंग विधायकों के टिकट काटकर सबको चौका दिया है। भाजपा ने जिले के तीनों विधायकों के टिकट कटने को लेकर न केवल जिले स्तर में बल्कि जिले से लेकर प्रदेश स्तर में हो रही है। लेकिन इस बीच टिकट काटने के बाद देवसर विधायक सुभाष रामचरित वर्मा हर्रइ में मीडिया के सामने आकर जिले स्तर का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रदेश स्तर के एक नेता पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सामंतवाद और जिले स्तर के प्रदेश के एक नेता के हिसाब से उनके स्तर से नहीं चल पाया, जिनका कोलयार्ड चलने वाले स्थानीय स्तर के लोगों से जुड़ाव रहा, लेकिन मैं बरगवां और सरई में कोलयार्ड चालू कराने को लेकर सहयोग नहीं कर पाया इसके बाद से वह नाराज थे। श्री वर्मा ने कहा कि कोलयार्ड शुरू न करवाने के पीछे जनता के प्रति समर्पण और लोगों की आपत्ति रहीं। स्थानीय लोग नहीं चाहते थे की कोलयार्ड शुरू हो मैं भी लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए आपत्ति जताई। मेरे आपत्ति के बाद प्रदेश स्तर का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता नाराज थे और वह मेरा टिकट कटवा दिए। चर्चा है कि बरगवां और सरई में लंबे समय से कोल माफिया सक्रिय हैं और कोयले में मिलावट का खेल करते हैं और करोड़ों रुपए की कमाई करते हैं या। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि शायद इसी मुद्दे को लेकर विधायक और प्रदेश स्तर के नेता के बीच में कुछ मतभेद हुआ हो।
कोयला ने काट दिया टिकट
देवसर विधायक सुभाष रामचरित वर्मा का टिकट कटा तो उन्होंने कोयला के चलते टिकट काटने की बात कह कर प्रदेश भर की राजनीति में भूचाल ला दिया। विधायक ने एक प्रदेश स्तर के नेता का बिना नाम लिए सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बरगवां और सरई में जिले स्तर का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता कोलयार्ड चालू करना चाहते थें मैं सहयोग नहीं किया तो उन्होंने मेरी टिकट कटवा दी। कोलयार्ड को लेकर विधायक के दिए बयान के कई मायने निकाले जा रहें हैं। दरअसल ऊर्जाधानी प्रदेश और देश में कोयले के लिए विख्यात है, कोयला को सोना कहें तो गलत नहीं होगा। यही वजह है कि सभी प्रमुख पार्टियों की नजर सिंगरौली जिले की तीनों विधानसभा सीट में रहती है, सभी दल इन तीनों महत्वपूर्ण सीटों पर हर हाल में जीतना चाहती हैं उसके लिए यहां साम दाम दंड भेद सब चलता है।
भस्सी गैंग से जुड़ा था प्रदेश स्तर के नेता का नाम
जिला कोयला के काले कारोबार के लिए हमेशा से बदनाम रहा है यहां कोयला माफिया कोयले में भस्सी की मिलावट कर कोयला की चोरी करते हैं। यह बात हर आम खास को पता है लेकिन प्रशासन और सरकारें हमेशा इस बात से इनकार करता है। चर्चा है कि प्रदेश स्तर के एक नेता कोयला माफियाओं से सबसे सांठ- गांठ कर कोलयार्ड में पहुंचने वाले कोयले में भस्सी की मिलावट करते हैं, और 1- ग्रेट का कोयला ऊंचे दामों बनारस के चंदासी मंडी सहित सीधी सिंगरौली रीवा सतना कटनी में ऊंचे दामों में बेच देतें है। यहां सफेदपोशों के संरक्षण में कई चोर करोड़पति बन गए हैं। यहां कोयला का काला कारोबार करके लोग रातों-रात करोड़पति बन जाते हैं। जिले में कोयला का काला कारोबार भी खूब होता है।