Singrauli News सिंगरौली : मध्य प्रदेश के सबसे कमाऊ वाले सिंगरौली जिले में हर बार त्रिकोणीय मुकाबला होता रहा है लेकिन इस विधानसभा चुनाव में चतुष्कोणीय लड़ाई होने जा रहा है। बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित बसपा ने भाजपा के बागी चंद्र प्रताप विश्वकर्मा को टिकट देकर सिंगरौली विधानसभा को चतुष्कोणीय बना दिया हैं। भाजपा कांग्रेस और बसपा में ओबीसी प्रत्याशी होने से दलों की चिंता बढ़ा दी है तो वहीं आम आदमी प्रत्याशी का समीकरण बनता नजर आ रहा है हालांकि महापौर बनने के बाद वह सिंगरौली के लोगों की उम्मीद पर खड़ी नहीं उतरी है उन्हें भी एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें की सिंगरौली विधानसभा कई मायनों में दिलचस्प है। इस विधानसभा से जितना राजस्व प्रदेश सरकार को मिलता है उतना राजस्व मीनि मुंबई यानी इंदौर से भी नहीं मिलता। सिंगरौली विधानसभा सीट हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार हैं। यहां हमेशा से त्रिकोणीय चुनावी रण हुए हैं। यह विधानसभा भाजपा का गढ़ भी हैं। ऐसे में कांग्रेस हर हाल में इस रिवाज को तोड़ना चाहती है लेकिन कांग्रेस ने जो 15 साल में नहीं कर पाई। वह आप पार्टी ने पिछले महापौर चुनाव में कर दिया। दरअसल पिछले महापौर चुनाव में आप पार्टी ने भाजपा कांग्रेस को हराकर सिंगरौली सियासत में अपना नाम दर्ज कर दिया है। आप ने नगर निगम में महापौर चुनाव में जीतने के बाद अब वह विधानसभा में अपनी जमीन तैयार करने में लगी है। चर्चा तो यहां तक है कि जाति समीकरण को साध कर हुआ है सिंगरौली जितना चाह रही हैंं। चर्चा है कि दो दशक से ज्यादा समय से भाजपा कांग्रेस ने ब्राह्मण और बनिया समाज से कोई भी उम्मीदवार नहीं उतरा। यह दोनों समाज पार्टियों से नाराज है और इसी का फायदा उठाकर आप पार्टी ने महापौर चुनाव जीता है कमोबेश हालात विधानसभा चुनाव में भी बना रहे हैं यदि समीकरण बना तो आप पार्टी भाजपा और कांग्रेस को बड़ी चुनौती देती नजर आ सकती है. Singrauli News
डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाई भाजपा
चुनावी रण में भाजपा कांग्रेस और आप ने पार्टी ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिया है। कांग्रेस और आपने डैमेज कंट्रोल करने में कुछ हद तक सफलता हासिल कर ली लेकिन भाजपा के पूर्व महापौर प्रत्याशी चंद्र प्रताप विश्वकर्मा को टिकट नहीं मिला तो वह बसपा की सदस्यता लेकर चुनावी रण में कूद पड़े हैं। चर्चा है कि चंद्र प्रताप विश्वकर्मा पूर्व नगर निगम अध्यक्ष रहे हैं और वह भाजपा के महापौर पर चुनाव भी लड़े थे हालांकि वह आप महापौर रानी अग्रवाल से चुनाव हार गए थे। हारने के बाद वह लगातार विधानसभा में सक्रिय रहे और लोगों से सीधे संपर्क में रहें। ऐसे में वह भाजपा के वोट बैंक में बड़ी सेंधमारी करेंगे। सिंगरौली विधानसभा में इस बार त्रिकोणीय नहीं बल्कि चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। Singrauli News
बसपा का कैडर बोट सबसे ज्यादा